विद्युत विभाग में कुर्सी की दौड़, सीई बनने तीन अधिकारियों ने लगाई दौड़

विद्युत विभाग में पदस्थ मुख्य अभियंता रीवा आईके त्रिपाठी इसी महीने रिटायर होने वाले हैं। उनकी कुर्सी खाली हो जाएगी। इस खाली कुर्सी पर बैठने के लिए दौड़ शुरू हो गई है। 3 अधिकारियों ने जबलपुर की दौड़ लगानी शुरू कर दी है। साथ ही राजनीतिक पहुंच का भी सहारा ले रहे हैं। फिलहाल सामने यही दो नाम हैं। इसके अलावा तीसरा नाम शहडोल में पदस्थ सीई का भी है। अब देखना यह होगा कि किसका दांव फिट बैठता है।

विद्युत विभाग में कुर्सी की दौड़, सीई बनने तीन अधिकारियों ने लगाई दौड़
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जून में ही रिटायर हो रहे हैं मुख्य अभियंता आईके त्रिपाठी

पद खाली के होने के पहले ही कुर्सी पर कब्जे की दौड़ शुरू

रीवा। विद्युत विभाग में कुर्सी की मारामारी मची है। सभी अधिकारियों को मनचाही कुर्सी चाहिए। यहां हालांकि कोई काम करने नहीं आता। यहां लूटखसोट ही मुख्य मुद्दा है। विद्युत विभाग में खूब पैसा है। यही वजह है कि अतिरिक्त कमाई के लालच में ही हर कोई कुर्सी की चाह रख रहा है। कोई भी अधिकारी कुर्सी छोडऩा नहीं चाहता। इस समय रीवा में मुख्य अभियंता की कुर्सी के लिए दौड़ मची हुई है। इस कुर्सी के लिए तीन अधिकारियों ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है। इसमें रीवा और सतना के अधीक्षण अभियंता और शहडोल के मुख्य अभियंता शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो कुछ अधिकारी जबलपुर तक भी दौड़ लगा चुके हैं। हालांकि अभी किसकी दाल गलेगी और कोई अगला सीई होगा। यह तय नहीं हो पाया है। सूत्रों की मानें तो सिफारिश के साथ ही कुर्सी के लिए अधिकारियों को कुछ खर्च भी करना होगा। तभी कुर्सी मिल पाएगा, जो अधिक खर्च करेगा, वही सीई बनने का अकदार होगा। यह तीन नाम सबके सामने हैं। इसके अलावा अंदरूनी रूप से और कितने लोग सीई बनने की दौड़ में यह कहना मुश्किल है। 

होने वाले हैं बड़ी संख्या में स्थानांतरण, जुगाड़ में जुटे अधिकारी

विद्युत विभाग में बड़े पैमाने पर स्थानांतरण होना है। स्थानांतरण की सूची भी तैयार हो रही है। यही वजह है कि विद्युत विभाग में हर कोई अधिक से अधिक माल जुटाने में लगा हुआ है। मनचाही जगह और पद के लिए जो जितना खर्च करेगा। उसे उतनी ही अच्छी और मनचाही जगह मिलेगी। रीवा विद्युत विभाग से कई अधिकारियों के स्थानांतरण की चर्चाएं तेज हैं। कुछ लंबे समय से यहां पदस्थ हैं। कुछ खुद ही स्थानांतरण चाह रहे हैं। कुछ गांव से शहर आना चाह रहे हैं। कई ऐसे हैं जिन्हें रीवा से ही दूर खदेड़ दिया गया है। वह भी यहां आने की जुगत में हैं। यही वजह है कि विद्युत विभाग में पद और पदस्थापना के लिए ऊंची बोली गलाने के पहले जेब भरना भी अधिकारियों ने शुरू कर दिया है।