ईडी की रेड से रीवा के आबकारी अधिकारियों के छूटे पसीने, दिन भर सन्न पट्ट रहे
प्रदेश के अलग अलग जिलों में ईडी ने रेड मारी। यह मामला शराब घोटाले से जुड़ा था। ठेकेदारों ने गलत बैंक गारंटी से करोड़ों रुपए की शराब उठाई थी। इस मामले में ईडी ने कई ठिकानों पर रेड मारी। इस रेड ने रीवा के आबकारी अधिकारियों के पसीने छुड़ा दिए। दिन भर अधिकारी सन्न पट्ट नजर आए। इधर उधर ईडी की रेड की जानकारी जुटाते नजर आए।
रीवा के अधिकारी भी फर्जी बैंक गारंटी मामले में फंस चुके हैं
जिस अधिकारी के समय इंदौर में हुआ था घोटाला, वह रीवा के ही रहने वाले हैं
रीवा। इंदौर में हुए शराब घोटाले के मामले में ईडी ने प्रदेश के शराब ठेकेदारों के 21 ठिकानों पर रेड मारी। इस रेड ने रीवा में भी हड़कंप मचा दिया। रीवा आबकारी विभाग के अधिकारियों के भी होश उड़े रहे।
रीवा। मिली जानकारी के अनुसार ईडी की रेड इंदौर में हुए 49 करोड़ के शराब घोटाले को लेकर हुई है। वर्ष 2015 से 2018 के बीच का मामला बताया जा रहा है। इस दौरान इंदौर में रीवा रामसागर मोड़ निवासी संजीव दुबे जिला आबकारी अधिकारी के रूप में पदस्थ थे। उनके कार्यकाल के दौरान ही ठेकेदारों ने 194 बैंक चालान में गड़बड़ी कर शराब उठाई थी। बैंक चालान उस दौरान हर महीने ट्रेजरी में चेक होते थे लेकिन अधिकारियों और स्टाफ ने जांच नहीं कराई। इसके कारण यह चोरी पकड़ी नहंी गई। बाद में जब मामला सामने आया तो जिला आबकारी अधिकारियों ने ठेकेदारों से चालान में की गई गड़बड़ी की राशि जमा करने के निर्देश दिए। सूत्रों की मानें तो ठेकेदारों ने एक साथ 22 करोड़ रुपए जमा किए थे। सूत्रों की मानें तो इतनी बड़ी रकम एक साथ जमा करने के मामले में ही ईडी ने यह ठेकेदारों के खिलाफ जांच शुरू की है। हालांकि रीवा निवासी संजीव दुबे इस मामले में निलंबित हो गए थे। कई साल लूप लाइन में रहे। हाल फिलहाल उन्हें जबलपुर में असिस्टेंट कमिश्नर की जिम्मेदारी मिली है। फिर से उन्हें घेरने की कोशिश की जा रही है। रीवा से जुड़े होने के कारण ईडी को लेकर हड़कंप मचा रहा। रीवा में भी ईडी की कार्रवाई को लेकर दिन भर चर्चाओं का दौर चलता रहा। कई तरह की अफवाहें भी उड़ी। ईडी की दबिश की चर्चा मात्र से रीवा आबकारी विभाग के कई अधिकारियों के भी होश उड़ गए थे।
रीवा के अधिकारी भी फर्जी बैंक गारंटी में फंसे हैं
ईडी की दबिश से रीवा के अधिकारी भी सकते में आ गए हैं। रीवा आबकारी अधिकारी भी फर्जी बैंक गारंटी की रडार पर आए हैं। इनके खिलाफ भी ईओडब्लू ने मामला पंजीबद्ध किया है। सहकारी बैंक से तैयार कराए गए फर्जी बैंक गारंटी से रीवा की शराब दुकानें ठेकेदारों को आवंटित की गईं थी। इन्हीं फर्जी बैंक गारंटी ने आबकारी विभाग की किरकिरी कराई।
अधिकारी ईडी की दबिश का पता लगाते रहे
रीवा में सुबह से ही हड़कंप की स्थिति निर्मित थी। ईडी की प्रदेश में कार्रवाई का डर रीवा के आबकारी अधिकारियों में भी नजर आया। कई ठेकेदार भी परेशान थे। ईडी की दबिश का पता लगाने में ठेकेदार और अधिकारी जुटे रहे। उन्हें खुद के ठिकानों और कार्यालयों में भी दबिश का डर बना हुआ था।