बिजली विभाग में शहर संभाग के कार्यपालन अभियंता पर फिर गिरने वाली है गाज, मिली नोटिस
संजय गांधी अस्पताल के मरीजों की जान जोखिम में डालने वाले विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता पर फिर गाज गिरने वाली है। मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर की सीजीएम ने एक वेतन वृद्धि रोकने का नोटिस जारी किया है। इसके पहले एक अन्य मामले में वेतनवृद्धि की सजा मिल चुकी है।

कमीशन के फेर मे ई एमबी क्लीयर ही नहीं किया 2 दिन का काम 20 तक पेडिंग रखा
2.50 करोड़ से सिलपरा से संजय गांधी अस्पताल तक खींची गई है 33 केवी लाइन
रीवा। शहर संभाग के कार्यपालन अभियंता की लापरवाही संजय गांधी अस्पताल में भर्ती मरीजों पर भारी पड़ सकती है। संजय गांधी अस्पताल में फिलहाल 33 केवी लाइन की सप्लाई बिछिया से इनडायरेक्ट है। इसके कारण आए दिन ट्रिपिंग आदि की समस्या होती रहती है। बिजली सप्लाई बाधित होने से मरीजोंं की परेशानी बढ़ जाती है। यही वजह है कि एक अतिरिक्त 33केवी लाइन सीधे सिलपरा से संजय गांधी अस्पताल फीडर तक खींचा गया है। इसका काम आरडीएसएस योजना से कराया गया है। यह काम भी पूरा हो गया है। 33केवी लाइन को खींचने का काम आरवीएनएल ने किया है। अब सिर्फ बिलिंग और भुगतान शेष है। इसके पहले शहर संभाग को किए गए कार्य को टेकओव्हर करना था। इसी में शहर संभाग के कार्यपालन अभियंता ने देरी कर दी। इसके कारण खींची हुई लाइन चार्ज नहीं हो पा रही है।
कार्यपालन अभियंता से 7 दिन में मांगा है जवाब
मुख्य महाप्रबंधक नीता राठौर ने शहर संभाग के कार्यपालन अभियंता नरेन्द्र कुमार मिश्रा को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि समीक्षा के दौरान संभाग अंतर्गत ईएमबी के काम 10 से अधिक लंबित पाए गए हैं। जबकि ुख्य महाप्रबंधक ने ई एमबी के कार्यों को 2 दिन में ही निराकृत करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद भी उच्च कार्यालयों के आदेशों की अनदेखी की गई। ईएमबी के समय पर निराकरण न करने से आरडीएसएस योजना के तहत कार्य पूर्ण हो के बाद भी कार्य एजेंसी के देयकों के भुगतान में विलंब किया गया। योजना के तहत निर्धारित वित्तीय प्रगति में भी विलंब किया गया। इसी मामले में नरेन्द्र मिश्रा को एक वेतन वृद्धि रोकने का नोटिस जारी किया गया है। 7 दिन में जवाब मांगा गया है। ऐसा न करने पर एक पक्षीय कार्रवाई की बात कही गई है।
कमीशन में होता है सारा काम इसलिए पेडिंग रखे जाते हैं प्रकरण
शहर संभाग में कोई भी काम बिना कमीशन के नहीं होता। यहां उपभोक्ताओं का कनेक्शन तक बिना कमीशन के नहीं होता है। इससे स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। वर्तमान समय में सिर्फ वहीं काम होते हैं जिसमें मोटा कमीशन अधिकारियेंा को मिलता है। इसी कमीशन के फेर में ही 33केवी लाइन के टेकओव्हर और ईएमबी का काम भी पेडिंग में डाला गया है। सूत्रों की मानें तो अधिकारी कंपनी से 2.50 लाख की बिलिंग के बदले मोटा कमीशन चाह रहे थे। कमीशन तो नहीं मिला लेकिन एक वेतनवृद्धि की तलवार जरूर लटक गई है।