अब विद्युत विभाग में चला ट्रांसफर उद्योग, स्थानांतरण आदेश जारी होने के 2 घंटे में कैंसल भी हो गया
मप्र में ट्रांसफर उद्योग शुरू हो गया। यह आरोप कांग्रेस भाजपा सरकार पर लगाती ही रही है। अब इसे काफी हद तक विद्युत विभाग साबित भी कर रहा है। यह उद्योग कहीं और से नहीं रीवा से ही चल रहा है। रीवा में बैठे बैठे अधिकारी जबलपुर से स्थानांतरण करा भी रहे हैं और मनचाहे व्यक्ति का स्थानांतरण रुकवा भी रहे हैं। विद्युत विभाग में चल रहे इस खेल को देख कर सब हैरान हैं। अब आप इसी बात से इस पूरे खेल को समझ लीजिए कि शुक्रवार को एक सहायक यंत्री का स्थानांतरण आदेश शाम 5 बजे प्रसारित होता है और रात 8 बजे कैंसिल भी हो जाता है। इसके पहले भी कई स्थानांतरण आदेश जारी हुए। इसमें भी अधिकारियों के हिसाब से ही पदस्थापना हुई थी।

इसके पहले भी कई अधिकारियों ने अपनी पसंद के हिसाब से कराई पोस्टिंग, सीई की पदस्थापना भी चर्चा में रही
रीवा। विद्युत विभाग स्थानांतरण को कमाई का जरिया बना लिया गया है। मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर से हर दिन स्थानांतरण आदेश जारी हो रहे हैं। इसमें अधिकारी अपने हिसाब से अपनी पदस्थापना करा रहा है। इसके पीछे साफ है कि रुपए का बड़ा लेन देन कर यह आदेश जारी किए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले भी बड़ी संख्या में कार्यपालन अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता की पदस्थापना की गई थी। इसमें भी अधिकारियों को उनकी मांग के हिसाब से ही पदस्थापना की गई थी। इसके अलावा रीवा जिला में मुख्य अभियंता की पदस्थापना भी चर्चाओं में ही थी। मुख्य अभियंता की पदस्थापना आदेश तत्कालीन मुख्य अभियंता के रिटायरमेंट के कई दिनों पहले ही जारी कर दिया गया था। इन स्थानांतरण के बाद शुक्रवार को एक और स्थानांतरण आदेश जारी किया गया। वैसे तो यह स्थानांतरण आदेश एक दिन पहले ही जारी किया गया था लेकिन यह दबा के रखा गया था। शुक्रवार की शाम को 5 बजे इसे प्रसारित किया गया। यह स्थानांतरण विद्युत विभाग के एक सहायक अभियंता का है। सहायक अभियंता का स्थानांतरण सिवनी के लिए किया गया था। सहायक अभियंता सिवनी के हैं भी और वह जाना भी चाह रहे थे। इस आदेश के प्रसारित होन के दो घंटे बाद ही एक और आदेश जारी हो गया। इसमें सहायक अभियंता का स्थानांतरण आदेश ही बारिश के मौसम को देखते हुए निरस्त कर दिया गया। सहायक अभियंता रीवा में पिछले 12 सालों से सेवाएं दे रहे हैं। वह खुद ही अपने शहर जाना चाह रहे थे। हालांकि उनकी उम्मीदों पर शहर संभाग के अधिकारियों ने पानी फेर दिया। ऐसा चक्कर चलाया कि जबलपुर में बैठी सीजीएम नीता राठौर भी हिल गईं। तुरंत सहायक अभियंता का स्थानांतरण आदेश ही निस्त कर दिया। अब ऐसे में रीवा के अधिकारियो की सेटिंग और पॉवर का अंदाजा लगाया जा सकता है। सहायक अभियंता का स्थानांतरण आदेश और फिर कैंसिलेशन आदेश चर्चा का विषय बना हुआ है।