खाद के लिए किसानों को खानी पड़ी लाठियां, करहिया मंडी में पुलिस ने किया लाठीचार्ज

मंगलवार की रात को करहिया मंडी में हालात बेकाबू हो गए। प्रभारी कलेक्टर के एक आदेश ने ठीक ठाक चल रही व्यवस्था को बेपटरी कर दिया। सुबह से टोकन वितरण का इंतजार करते किसानों का रात 8 बजे सब्र टूट गया। किसानों ने सभी कर्मचारियों और राजस्व अधिकारियों को बंधक बना लिया। हालात बेकाबू होते देख कई थानों का पुलिस बल मौके पर बुलाना पड़ा। किसानों को समझाइश दी गई लेकिन जब बात नहीं बनी तो अंतत: जान बचाने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी। किसानों पर लाठीचार्ज किया गया। लाठी चार्ज होते ही मौके पर भगदड़ गच गई। इसके बाद ही खाद्य वितरण कर्मचारी और अधिकारी बाहर निकल पाए।

खाद के लिए किसानों को खानी पड़ी लाठियां, करहिया मंडी में पुलिस ने किया लाठीचार्ज

प्रभारी कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान लगा दिया था टोकन वितरण पर रोक

इसके कारण ही रात में बिगड़े हालात, किसान टोकन वितरण को लेकर दिन भर करते रहे इंतजार, रात में फूटा गुस्सा

कर्मचारियों और राजस्व अधिकारियों को कमरे में बनाया बंधक, जान बचाने के लिए पुलिस को भांजनी पड़ी लाठी

रीवा। आपको बता दें कि करहिया मंडी डबल लॉक में पिछले तीन दिनों से खाद का वितरण किया जा रहा है। मंगलवार की सुबह 11 बजे तक हालात ठीक थे। खाद का वितरण ठीक ठाक चला। इसके बाद सुबह निरीक्षण करने प्रभारी कलेक्टर डॉ सौरभ सोनवणे मौके पर पहुंचे। उन्होंने बुधवार को होने वाले टोकन वितरण पर ही रोक लगा दी। इसके बाद किसानों को कर्मचारी जान बचाने के लिए टोकन वितरण का समय देते रहे। हालात तब बिगड़ गए जब काउंटर और गोदाम के शटर डाउन हो गए। किसान टोकन वितरण को लेकर अड़ गए। बुधवार को टोकन वितरण ही नहंी हुआ। प्रभारी कलेक्टर का आदेश था इसलिए कर्मचारी टोकन वितरण नहीं कर पाए। इसी वजह से किसान आक्रोशित हो गए। महिला और पुरुषों की भारी भीड़ थी और उन्हें सम्हालने और मनाने के लिए मुट़्ठी भर चोरहटा के पुलिसकर्मी और राजस्व अधिकारी थे। काफी देर तक मानमनौव्वल का दौर चला लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं थे। किसी को भी वितरण कक्ष से बाहर नहीं जाने दे रहे थे। उन्हें घेर लिया था। हालात बिगड़ते गए। कुछ ही देन में कई थानों की पुलिस मौके पर बुलानी पड़ी। किसानों की भी भीड़ लगातार बढ़ती गई। हजारों की संख्या में मौके पर किसान डटे हुएथे। रात करीब 8.30 बजे हालात जान बचाने तक पहुंच गई। इसके बाद पुलिस को ठोस कदम उठाना पड़ा। लाठियां भांजनी पड़ी। तब जाकर भीड़ तितर बितर हुई और सभी को कमरे से बाहर निकाला गया। एक छोटी सी गलती ने बवाल मचा दिया। 

छुट्टी पर चली गई हैं कलेक्टर, कोई फैसला लेने वाला नहीं बचा

आपको बता दें कि रीवा कलेक्टर मैटरनिटी लीव पर चली गई हैं। प्रभार कमिश्नर नगर निगम को दिया गया है। इसकी वजह से ही कोई भी ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। व्यवस्था बेपटरी हो गई है। छोटे राजस्व अधिकारियों को ही किसानों का सामना करने के लिए भीड़ के बीच में भेजा जा रहा है। जो फैसले ले सकते हैं, वह किसानों के बीच पहुंच ही नहीं रहे हैं। सूत्रों की मानें तो एसडीएम हुजूर वैशाली जैन भी करहिया मंडी पहुंची थी लेकिन कुछ देर रहने के बाद चलती बनी। किसानों का सामना कोई करने को तैयार नहीं है। आईएएस अधिकारियों की लापरवाही से ही हालात बिगड़ते जा रहे हैं। खाद वितरण की प्रापर व्यवस्था अधिकारी  नहीं बना पा रहे हैं। 

जनप्रतिनिधियों को वोट से मतलब, एक भी नहीं पहुंचे

 हद तो यह है कि पूरे जिला में खाद के लिए हाहाकार मची हुई है। भीड़ बेकाबू है लेकिन मौके पर किसानों को समझाने और उनके साथ खड़े होने के लिए कांग्रेस और भाजपा का एक नेता नहीं पहुंचा। जनप्रतिनिधियों ने भी दूरी बनाए रखी। सबसे अधिक करहिया मंडी में सेमरिया के किसान पहुंच रहे हैं। यहां के जनप्रतिनिधि भी दूरी बनाए हुए हैं। वैसे तो रीवा और मऊगंज में 7 विधायक भाजपा के हैं और एक विधायक कांग्रेस से हैं। कांग्रेस वैसे तो हर दिन किसानों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट में खड़ी रहती है लेकिन जब इनके बीच पहुंचने की बात आती है तो कोई तैयार नहीं है। 

हजारों की संख्या में जमा थी भीड़

करहिया मंडी में रात को हजारों की संख्या में भीड़ जुटी हुई थी। सभी सुबह से बुधवार को वितरण होने वाले खाद के टोकन के लिए जमा थे। सुबह से लाइन में लगे किसानों को दोपहर, शाम फिर रात का समय कर्मचारी देते गए लेकिन टोकन का वितरण नहीं किया गया। जब हालात बेकाबू हुए तब मौके पर किसानों की भारी भीड़ मौजूद थी। जिन्हें सम्हालना मुश्किल हो गया था। इनसे निपटने के लिए शहर भर की पुलिस को बुलाना पड़ा था।