केन्द्रीय जेल में बंद भाइयों की कलाइयों पर भी बहनों ने बांधी राखियां, हजारों की संख्या में पहुंचीं बनहें

केन्द्रीय जेल में बंद भाइयों की कलाई सूनी नहीं रहीं। शनिवार को बहनों ने जेल पहुंच कर भाइयों को राखी बांधी। उन्हें मिठाई खिलाई और भाइयों ने बहनों को खुश रहने का आशीर्वाद दिया। पूरा जेल परिसर भाई और बहन के प्यार से सरोबोर रहा।

5 हजार से अधिक बहनें पहुंची केन्द्रीय जेल, पहले रजिस्ट्रेशन हुआ फिर जेल के अंदर मिली इंट्री

रीवा। शनिवार को भाई बहन के प्यार का त्यौहार रक्षाबंधन पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। ऐसे में केन्द्रीय जेल में बंद भाईयों की कलाइयां कैसे सूनी रह सकती थी। यहां भी केन्द्रीय जेल प्रबंधन ने रक्षाबंधन के लिए खास इंतजाम किए थे। अलग अलग जिलों से आने वाली बहनों के लिए अलग अलग रजिस्ट्रेशन काउंटर बनाए गए थे। सुबह 8 बजे से मिलने और राखी बांधने का समय निर्धारित किया गया था। यहां कई जिलों से बहनें अपने भाई की कलाई पर प्यार बांधने पहुंची थी। लंबी लाइनें रजिस्टे्रशन के लिए लगी थी। रजिस्ट्रेशन के बाद बारी बारी से सभी बहनों को जेल के अंदर प्रवेश दिया गया। रक्षाबंधन के अवसर पर बहनें भाइयों को आराम से राखी बांध सके। इसके खास इंतजाम किए गए थे। छाए के लिए टेंट लगाए गए थे। पानी , शौचालय आदि की भी व्यवस्था जेल के अंदर ही की गई थी। यहां हर साल रक्षाबंधन में हजारों की संख्या में बहनें पहुंचती है। उसकेहिसाब से ही यहां इंतजाम भी किए गए थे। बहनें जैसे ही अपने भाइयों को देखी उनके आंखेां से आंसू बह निकले। बड़े ही प्यार से बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाया और हाथों में राखी बांधी। राखी बांधने के बाद भाइयों का मुंह भी मिठाई खिलाकर मीठा किया गया। पूरा जेल परिसर में बहनों से भरा हुआ था। जेल प्रबंधन ने रक्षाबंधन पर जेल परिसर में खास इंतजाम किए हुए थे। सुरक्षा के लिहाज से भी जेल के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया था। एम्बुलेंस आदि की भी व्यवस्थाएं की गई थी। जेल में बंद भाइयों ने अपनी बहनों और उनके बच्चों को सामन देखा तो वह खुशी से भावुक भी हो गए। कईयों के पास बहनों के देने के लिए कुछ भी नहीं था। उन्होंने बहनों को आशीर्वाद दिया और उनकी सलामती दुआ मांगी।