जमींन के सौदे में फंसी मोटी रकम, पड़ोसी को डराने रीवा के युवक ने सतना में कराई थी फायरिंग, बुलाए थे बाहर से बदमाश, तीन धरे गए

सतना में सिंधी कैम्प में की गई गोलीबारी का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। इस मामले में तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। आरोपी कोई और नहीं पड़ोसी ही निकला। गुप्ता परिवार को सिर्फ डराने के लिए यह ताना बना रचा था। इस पूरे गोलीकांड का मास्टर माइंड रीवा का युवक निकला। उसी ने प्लानिंग बनाई थी। इंदौर से बदरामों को फायरिंग की सुपारी दी थी।

जमींन के सौदे में फंसी मोटी रकम, पड़ोसी को डराने रीवा के युवक ने सतना में कराई थी फायरिंग, बुलाए थे बाहर से बदमाश, तीन धरे गए

3 अगस्त को थाना कोलगवां अंतर्गत चाणक्यपुरी में हुई थी फायरिंग

कई सीसीटीवी खंगाले तक आरोपी तक पहुंची पुलिस और कर दिया खुलासा

सतना। सिंधी कैंप सतना निवासी भागवत प्रसाद गुप्ता के घर पर पाँच अज्ञात नकाबपोश बदमाशों द्वारा अचानक फायरिंग की गई। बदमाशों ने घर के बरामदे में भी दो राउंड फायर किए और मौके से भाग निकले थे। घटना की जानकारी मिलते ही धाना कोलगवां पुलिस टीम, थाना प्रभारी एवं सीएसपी सतना मौके पर पहुंचे। मौके पर निरीक्षण के दौरान फरियादी के घर के बरामदे में 3 खोखे एवं 1 बुलेट तथा रौशनदान के रास्ते किचन में 2 बुलेट बरामद हुए हैं। फरियादी की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध थाना कोलगवां में अपराध क्रमांक 948/25 धारा 296, 109, 3(5) बीएनएस के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। तीन दिन में ही पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया है।  घटना की सूचना पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता आरोपियो की धरपकड़ के लिए एक टीम बनाई। टीम में सीएसपी देवेंद्र प्रताप सिंह थाना प्रभारी कोलगवा, रामपुर बघेलान की एक विशेष टीम बनाई। सीएसपी सतना देवेंद्र प्रताप सिंह ने जांच घटनास्थल से शुरू की। तथा घटना स्थल का निरीक्षण मुआयना किया गया। आसपास लगे सीसीटीवी खंगाले गए। इसी से पुलिस को अहम सबूत मिले। 

सीसीटीवी ने पुलिस का दिया साथ, इस तरह पकड़ मेें आया सुराग

विशेष टीम को सीसीटीवी फुटेज से एक अहम सुराग मिला कि आरोपी घटना कारित करके जिस गाड़ी से भागे हैं उसका नंबर यूपी 32 जी आर 0404 है। इस नंबर की जानकारी निकाल कर एक पुलिस टीम को लखनऊ भेजा गया टीम ने बताया कि वहां ऐसी कोई नहीं है। तत्पश्चात गहनता से सीसीटीवी अवलोकन पर पता चला कि आरोपियों ने यहां से भगाने के बाद नंबर प्लेट बदल दिया था। विशेष प्रयासों एवं सीसीटीवी फुटेज के गहन परीक्षण के परिणामस्वरूप घटना में प्रयुक्त असली वाहन की पहचान कर ली गई।  वाहन के संबंध में जानकारी जुटाई गई, तो यह ज्ञात हुआ कि यह वाहन वर्तमान में सतना स्थित रसीद डेंटर गहरानाला वर्कशॉप के यार्ड में मरम्मत के लिए खड़ी है। पूरी तरह से टूटी-फूटी है। इसके बाद, यह पता लगाने का प्रयास किया जाने लगा कि घटना के समय इस वाहन के नंबर का उपयोग किसने किया था और कौन आरोपी इससे फरार हुए थे। साथ ही, फरियादी की पृष्ठभूमि और सामाजिक संबंधों की जानकारी प्राप्त करने मुखबिर तंत्र सक्रिय किया गया। इसी दौरान एक महत्वपूर्ण सूचना प्राप्त हुई कि फरियादी का अपने पड़ोसी कमल माटा से भूमि विवाद को लेकर लंबे समय से तनाव चल रहा है। इसके अलावा, यह जानकारी भी मिली कि कमल माटा का एक बिजनेस पार्टनर रवि सिंह, जो तिलखन गांव, जिला रीवा का निवासी है. घटना के कुछ दिन पहले घटनास्थल के आसपास संदिग्ध रूप से घूमता देखा गया था। इस आधार पर रवि सिंह को हिरासत में लिया गया और सख्ती से पूछताछ की गई। प्रारंभ में वह पुलिस को गुमराह करता रहा, किंतु बाद में जब पुलिस ने मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की, तो वह टूट गया और पूरी घटना का खुलासा कर दिया।

इसलिए कराई गई थी घर पर फायरिंग

आरोपी रवि सिंह ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह फरियादी के पड़ोसी कमल माटा का बिजनेस पार्टनर है। कमल माटा का फरियादी भागवत प्रसाद गुप्ता से एक जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. जिसमें रवि सिंह और कमल माटा दोनों का आर्थिक निवेश है। भागवत प्रसाद गुप्ता उस जमीन को कमल माटा के नाम पर नहीं कर रहा था, जिससे दोनों आक्रोशित थे। इस विषय पर जब रवि सिंह की कमल माटा से चर्चा हुई, तो कमल माटा ने उसे कहा कि किसी भी तरह इसे सबक सिखाना होगा, जिससे वह जमीन हमारे नाम कर दे। इसके बाद, कमल माटा के कहने पर रवि सिंह ने अपने गांव के दूर के रिश्तेदार सुभाष सिंह से संपर्क किया। 

तीनों ने मिलकर बनाई थी योजना

रवि, सुभाष और कमल माटा ने मिलकर इस घटना की पूरी साजिश रची। योजना के अनुसार दिनांक 30 एवं 31 जुलाई को भागवत प्रसाद गुप्ता के घर और आसपास के क्षेत्र की रेकी की गई। दिनांक 31 जुलाई की रात को साजिश को अंतिम रूप देने हेतु रवि सिंह और सुभाष, कमल माटा के घर ही ठहरे। आरोपी सुभाष सिंह एक अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है, जो मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त रहा है और अपराधियों के संपर्क में रहता है। वह पहले से ही सतना स्थित रसीद डेंटर गहरानाला वर्कशॉप में आता-जाता रहा था और वहीं खड़ी एक कंडम हालत की गाड़ी पर उसकी नजर पड़ी थी। उसी गाड़ी की नंबर प्लेट (एमपी21का5670) उसने अपनी गाड़ी पर लगा ली और उसका उपयोग आपराधिक गतिविधियों के लिए करता था।

इंदौर से बुलाया गया था शूटर, सभी रीवा में रुके थे

इस बार सुभाष ने घटना को अंजाम देने के लिए अपनी गाड़ी पर यूपी 32जीआर0404 नंबर की फर्जी नंबर प्लेट लगा ली थी। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कमल माटा ने बताया था कि भागवत प्रसाद गुप्ता का पुराने पैलेस विवाद के दौरान उत्तर प्रदेश के बदमाशों से संपर्क रहा है, और यह बात स्थानीय स्तर पर सर्वविदित थी। यह नंबर प्लेट हमने इसलिए लगवाया की सबका शक भागवत प्रसाद गुप्ता पर चला जाए की घटना इसी ने करवाई है अपने बदमाशों को बुलाकर। सुभाष ने अपने संपर्कों का इस्तेमाल करके किसी एक के माध्यम से इन पांच बदमाशों को यह काम करने के लिए इंदौर से बुलाया था जिनको वह नहीं जानता है। यह पांचो बदमाश 2 तारीख को रीवा आ गए थे।

रवि सिंह बदमाशों को देता था पूरी लोकेशन

दिनांक 3 अगस्त की सुबह आरोपी रवि सिंह अपने वाहन से सतना आ गया। उसने अपनी गाड़ी को एक सुरक्षित स्थान पर छिपाकर खड़ा कर दिया और स्वयं कमल माटा के घर जाकर बैठ गया। वहीं से वह भागवत प्रसाद गुप्ता की लोकेशन सुभाष सिंह और उसके साथियों को भेजने लगा। लोकेशन प्राप्त होते ही सभी आरोपी गाड़ी नंबर यूपी 32जीआर0404 में सवार होकर मुंह बांधकर घटनास्थल पर पहुंचे और भागवत प्रसाद गुप्ता के घर पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। फायरिंग के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए। घटना के बाद सुभाष सिंह ने अपनी ही गाड़ी से इन सभी आरोपियों को भोपाल तक छोड़ा और फिर स्वयं रीवा लौट आया था। सुभाष सिंह ने किसी माध्यम से चिन्हित पाँच बदमाशों को इंदौर से बुलवाया था। इन पाँचों अज्ञात आरोपियों की शिनाख्त के प्रयास लगातार जारी हैं और शीघ्र ही उनकी पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी।

पुलिस इन आरोपियों को किया गिरफ्तार

1) रवि प्रताप सिंह पिता स्वर्गीय श्री यमुना प्रताप सिंह उम्र 45 वर्ष निवासी तिलखंड थाना बैकुंठपुर जिला रीवा (मध्य प्रदेश)।

2) सुभाष सिंह परिहार पिता श्री नागेश सिंह परिहार उम्र 40 वर्ष निवासी तिलकांड धाना बैकुंठपुर जिला रीवा (मध्य प्रदेश)।

3) कमल कुमार माटा पिता श्री रीझाराम भाटा उम्र 67 वर्ष निवासी चाणक्य पुरी कॉलोनी सतना (मध्य प्रदेश)।

जब्त सामग्री: घटना में प्रयुक्त एक्सयूवी वाहन जिसमे एमपी21का5670 फर्जी नंबर अंकित है।

मामले का खुलासा करने में इनकी रही अहम भूमिका

सराहनीय कार्य में योगदान संपूर्ण कार्यवाही में नगर पुलिस अधीक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह थाना प्रभारी कोलगवा सुदीप सोनी, थाना प्रभारी रामपुर बघेलान संदीप चतुर्वेदी, उपनिरीक्षक अजीत सिंह, सहायक उप निरीक्षक दीपेश पटेल सहायक उप निरीक्षक उमेश पांडे प्रधान आरक्षक कमलाकर सिंह प्रधान आरक्षक बृजेश सिंह प्रधान आरक्षक वाजिद खान प्रधान आरक्षक संदीप तिवारी प्रधान आरक्षक विपेंद्र मिश्रा प्रधान आरक्षक असलेंद्र सिंह, प्रधान आरक्षक रजनीश साकेत, प्रधान आरक्षक रमाकांत तिवारी प्रधान आरक्षक सीता शरण आरक्षक अंकेश मरमट आरक्षक धर्मेंद्र गुर्जर आरक्षक कृष्णरंजन सिंह, आरक्षक शिवम शुक्ला, आरक्षक महीप तिवारी की भूमिका अहम रही। प्रकरण में सराहनीय कार्य करने वाली पुलिस टीम को 10000 रु के नगद ईनाम से पुरस्कृत किया जाएगा।