विवि घेरने जा रहे थे एनएसयूआई कार्यकर्ता, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोल, पानी की बौछार भी की

अवधेश प्रताप सिंह विवि का घेराव करने जा रहे एनएसयूआई के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ को रोकने के लिए पुलिस ने सख्ती बरती। पहले पानी की बौछार की फिर जब बात नहीं बनी तो आंसू गैस के गोले भी दागे। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं केा विवि तक पहुंचने नहीं दिया गया। उन्हें पहले ही रोक कर तितर बितर कर दिया गया।

विवि घेरने जा रहे थे एनएसयूआई कार्यकर्ता, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोल, पानी की बौछार भी की

घंटो चला विवि के बाहर प्रदर्शन, पुलिस का रहा सख्त पहरा

सड़क पर बैरिकेडिग की गई थी, भारी पुलिस बल रहा मौजूद

रीवा। एनएसयूआई ने विवि प्रबंधन को पहले ही चेतावनी दी थी। छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं होने पर विवि की घेराबंदी किए जाने की चेतावनी दी थी। इस चेतावनी को सच करने एबीवीपी सोमवार को विवि की तरफ बढ़ चला। कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी हाथों में झंडा लेकर विवि को घेरने कूच कर गए। इसकी जानकारी पहले से ही पुलिस और प्रशासन को थी। पुलिस पहले से ही कार्यकर्ताओं का इंतजार विवि थाना के पास कर रही थी। दोनों तरफ के रास्तों को बैरिगेडिंग कर बंद कर दिया गया था। रीवा सिरमौर मार्ग की तरफ जाने और आने वाले वाहनों को दूसरे मार्ग की तरफ डायवर्ट कर दिया गया था। इस मार्ग पर सिर्फ पुलिस का ही पहरा था। पहले पुलिस ने कार्यकर्ताओं को समझाने की कोशिश की। इसके बाद भी जब वह नहीं माने और आगे बढऩे की जिद करने लगे तो पुलिस ने उन पर सख्ती बरती। पहले वाटर कैनन से रोकने का प्रयास किया गया। इससे भी बात नहीं बनी तो आंसू गैस के गोले भी दागे गए। काफी देर तक हंगामा मचा रहा। सैकड़ों की संख्या मे कार्यकर्ता मौजूद रहे। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को आगे बढऩे नहीं दिया। भीड़ को रोकने के लिए सड़क को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। हालांकि एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं की भीड़ उम्मीद से कम थी। यही वजह है कि पुलिस को भी इन्हें लौटाने और हराने में ज्यादा समय नहीं लगा। चंद घंटों में ही एनएसयूआई को चलता कर दिया गया। 

नए कुलपति के आने के बाद भी नहीं सुधर रही व्यवस्थाएं

अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में अव्यवस्थाओं का हमेशा से ही बोल बाल रहा है। अब यहां के हालात और बिगड़ गए हैं। यहां अधिकांश पद प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारियों ने सम्हाल लिया है। यह अधिकारी सालों से जमें हैं लेकिन हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसके कारण ही सारा सिस्टम ठप हो गया है। उम्मीद थी कि नए कुलपति के आने के बाद कम से कम छात्रों की समस्याएं निराकृत होंगी लेकिन कुछ नहीं हुआ। कुछ दिन पहले भी छात्र संगठन ने विवि में ही हंगामा किया था। कुलपति और सहायक कुलसचिव के कक्ष में घुस कर लापता के पोस्टर तक लगा दिए गए थे। इसके बाद भी विवि की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं आया। छात्रों का समय पर रिजल्ट तक डिक्लियर नहीं होता। दूर दूर से छात्र विवि सिर्फ रिजल्ट के लिए आते हैं। छात्रों को परेशान किया जाता है। इन्हीं छात्रों की परेशानी को लेकर ही एनएसयूआई ने भी विवि का घेराव करने की कोशिश की।