रीवा वन विभाग बदहाल, बिना अधिकारी चल रहा कामधाम, त्योंथर डिवीजन भी खुल गया
वन विभाग की हालत खराब है। महीनों बाद वन मंडल को डीएफओ मिला लेकिन अभी भी एसडीओ के पद खाली हैं। सामाजिक वानिकी विभाग की हालत और खराब है। यहां एक भी अधिकारी नहीं है। सीसीएफ का पद तक खाली है। इसका असर आने वाले समय में पौधरोपण पर भी देखने को मिलेगा। मऊगंज जिला बना तो एक पद एसडीओ का बंट गया। इसकी भरपाई त्योंथर सब डिवीजन बनाकर की गई लेकिन अधिकारी नहीं मिल पाए हैं।
मऊगंज की भरपाई की गई, त्योंथर में खुला वन विभाग का नया सब डिवीजन
सामाजिक वानिकी विभाग के सारे पद खाली, सीसीएफ तक नहीं
रीवा। ज्ञात हो कि रीवा का वन क्षेत्र अधिकारियों की कमी के कारण प्रभावित हो रहा है। कोई भी काम समय पर पूरा नहीं हो पा रहा है। रीवा संभागीय कार्यालय है। इसके बाद भी यहां अधिकारियों की पदस्थापना महीनों से नहीं की गई है। इसके कारण वन क्षेत्रों में होने वाले कार्यों पर भी असर पडऩा शुरू हो गया है। वन मंडल की खाली कुर्सी भर तो दी गई लेकिन अन्य अधिकारियों की पदस्थापना नहीं की गई है। इसके कारण भी क्षेत्रीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वन मंडल रीवा डीएफओ और सीसीएफ ही सारी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। इनके निचले स्तर पर पदस्थ होने वाले अधिकारी नहीं है।
सामाजिक वानिकी विभाग की हालत खराब
वन मंडल कार्यालय परिसर में ही सामाजिक वानिकी विभाग भी संचालित है। यहां भी सीसीएफ और एसडीओ के पद स्वीकृत हैं। सीसीएफ की यहां पदस्थापना लंबे समय से नहीं की गई है। पद खाली है। इसके अलावा एसडीओ के दो पद स्वीकृत हैं। यह पद भी खाली हैं। सेमरिया में पदस्थ विद्याभूषण मिश्रा को एसडीओ की जिम्मेदारी दी गई है। यह मात्र अकेले अधिकारी के रूप में यहां पदस्थ हैं। वहीं वन मंडल रीवा के सीसीएफ को ही सामाजिक वानिकी का भी प्रभार सौंप दिया गया है।
त्योंथर सब डिवजीन में भी पदस्थ होंगे एसडीओ
रीवा वन मंडल में मऊगंज जिला बनने के पहले दो पद एसडीओ के थे। मऊगंज जिला बना तो एक पद उनके हिस्से में चला गया। रीवा जिला में सिर्फ एक ही पद बचे थे। इसकी भरपाई करने के लिए शासन ने त्योंथर को सब डिवीजन बनाया है। इसका गजट नोटिफिकेशन भी किया जा चुका है। पद तो श्रृजित कर दिया गया लेकिन अभी तक अधिकारी की पदस्थापना नहीं की गई है। इसके कारण रीवा के दोनों ही पद रिक्त बने हुए हैं। मऊगंज में पदस्थ एसडीओ हृदयलाल सिंह की इन रिक्त पदों की भी जिम्मेदारी सम्हाल रहे हैं।
सामाजिक वानिकी का जाल 8 जिलों में फैला है
सामाजिक वानिकी का कार्यक्षेत्र काफी बड़ा और लंबा है। इसके कार्यक्षेत्र में रीवा और शहडोल संभाग में संचालित करीब 21 नर्सरियां आती हैं। इन नर्सरियों में ही वन क्षेत्रों में लगाने वाले पौधे तैयार किए जाते हैं। जिलों से पौधों की डिमांड आनी शुरू हो गई है। इन्हीं डिमांड के हिसाब से ही नर्सरियों में पौधे तैयार होते हैं। इन पौधों को बारिश के दौरान वन क्षेत्रों में लगाया जाता है। कैम्पा पद से भी पौधरोपण के लिए यहीं से पौधे का उठाव होता है। अधिकारियों की पदस्थापना नहीं होने से इस बार पौधरोपण पर भी असर पड़ सकता है। ऐसी संभावना जताई जा रही है।