जिला पंचायत पदाधिकारियों और सदस्यों ने खोला मोर्चा, कार्यालय में जड़ा ताला और धरने पर बैठ गए
जिला पंचायत के अधिकारियों के खिलाफ पदाधिकारियो और सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया है। जिला पंचायत सीईओ पर मनमानी और हठधर्मिता का आरोप लगाते हुए तालाबंदी और अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी गई है। हालांकि इस हड़ताल में भी अंदरूनी कलह मच गई है। कुछ हड़ताल का विरोध तो कुछ समर्थन कर रहे हैं।

पार्टी के ही सदस्यों ने सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है, अब भाजपा मनाने में लगी
कई सदस्यो ने विरोध प्रदर्शन और तालाबंदी से बनाई दूरी
सतना। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और अन्य अधिकारियेंा की कार्यप्रणाली से नाराज पंचायत के सदस्यों और पदाधिकारियो ने मोर्चा खोल दिया है। तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। जिला पंचायत के सदस्यों का आरोप है कि जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल है और आदिवासी समाज के अध्यक्ष होने के कारण जिला पंचायत प्रशासन उन्हें परेशान करने की कोशिश कर रही है। जिला पंचायत के सदस्यो का कहना है कि सामान्य प्रशासन और समितियों की बैठकें जनता के हितों को ध्यान में रखकर होनी चाहिए। सभी योजनाओं का क्रियान्वयन को लेकर सार्थक चर्चा होनी चाहिए लेकिन सरकार की बनाई गई योजनाओ का लाभ अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण लोगों को नहीं मिल पा रहा है। जिला पंचायत सीईओ की तानाशाही के कारण बैठकें ही आयोजित नहीं हो पा रही है। सदस्यों और पदाधिकारियों ने प्रशासनिक अव्यवस्था, भ्रष्टाचार को लेकर हल्ला बोल दिया है। सीईओ को हटाने की मांग कर रहे हैं। जिला पंचायत में तालाबंदी को देखते हुए पुलिस का पहरा बैठा दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ इस प्रदर्शन में जिला पंचायत के सभी पदाधिकारी और सदस्य भी खुल कर विरोध करने नहीं पहुंचे हैं। उपाध्यक्ष सुष्मिता ङ्क्षसह, ज्ञानेन्द्र सिंह, संजय सिंह, सुभाष बुनकर, आरती चौधरी, रमाकांत पयासी सहित अन्य सदस्य ही मौजू हैं। अध्यक्ष भी नदारद है। कुछ सदस्य इस तालाबंदी और विरोध के पक्ष में नहीं है। वह इस विरोध को पार्टी का विरोध मान रहे हैं। दूसरों को भी इससे दूर रहने और पहले पार्टी के पास समस्या रखने की नसीहत दे रहे हैं। हालांकि विरोध कर रहे सदस्या किसी की भी फिलहाल बात मानने को तैयार नहीं हैं।