मुकुंदपुर चिडिय़ाघर से चीतल की पहली खेप गई कूनो, फिर लौटेगा वाहन अभी और जाने है
कूनो राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीवों की संख्या बढ़ाने महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव चिडिय़ाघर के चीतल और सांभर भूमिका निभाएंगे। यहां से 39 वन्यजीवों को कूनो भेजना है। पहली खेल चिडिय़ाघर से रवाना हो गई है। 16 चीतल भेजे गए हैं। अभी वाहन फिर लौटेगा। कुल 39 वन्यजीवों को भेजा जाना है। यह कूनो में जनसंख्या बढ़ाएंगे साथ ही चीतों का शिकार भी बनेंगे।

दो दिन बाड़े में खड़ा रहा वाहन, लेकिन चीतल जाच में फंसे ही नहीं, इसलिए सिर्फ 16 लेकर गए
रीवा। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में रखे गए दक्षिण आफ्रीका से लाए गए चीतों को शिकार के लिए बाहर जाना पड़ रहा है। वह गांव ही नहीं मप्र की सरहद को भी लांघ रहे हैं। राजस्थान तक पहुंच रहे हैं। गांवों में लोगों के मवेशियों का शिकार कर रहे हैं। ऐसे में चीतों की जान जोखिम में आने के डर से मप्र सरकार ने दूसरा विकल्प निकाला है। अब कूनो में ही उनके शिकार की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए बाहर से यहां शाकाहारी वन्यजीवों को लाकर छोड़ा जाएगा। जो यहां विचरण करेंगे और जन संख्या बढ़ाएंगे। इससे प्रशासन को दोनों ही काम हो जाएगा। एक तो जनसंख्या बढ़ेगी और दूसरा चीतों के शिकार के लिए इधर उधर भटकने की समस्या भी खत्म हो जाएगी। महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव भी इसमें अपनी सहभागिता निभा रहा है। यहां से भी चीतल और सांभर भेजे जाने हैं। 31 चीतल और 8 सांभर कूनो जाएंगे। पहली खेप रवाना हो गई है। चीतल को पकडऩे के लिए वाहन पहुंचा था। कूनो राष्ट्रीय उद्यान से चिडिय़ाघर पहुंचा था। दो दिनों तक चीतल के बाड़े में वाहन खड़ा रहा। वाहन में इन्हें चढ़ाने के लिए प्रलोभन दिया गया लेकिन चीतल जाल में नहीं फंसे। सिर्फ 16 ही वाहन तक पहुंचे। इन्हीं 16 चीतल को लेकर टीम कूनो रवाना हो गई है। अभी 15 चीतल और 8 सांभर और भेजे जाने हैं। वापस फिर वाहन आएगा।