रीवा और शहडोल के इंजीनियरिंग कॉलेज ने किया कमाल, मप्र में सबको पीछे छोड़ा और इस मामले में बन गए अव्वल
रीवा और शहडोल के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज छात्रों की पहली पसंद बन गए हैं। इन दोनों ही कॉलेजों ने मप्र के सभी कॉलेजों को कहीं पीछे छोड़ दिया है। टॉप टू में इन्हीं ने जगह बनाई है। इन दोनों ही कॉलेजों में शत प्रतिशत सीटें भर चुकी है।

सबसे पहले इंजीनियरिंग की सीटें भरने में शहडोल नंबर वन पर और रीवा नंबर टू पर आया
इंदौर, भोपाल जैसे कॉलेजों की सीटें पूरी नहीं भर पाईं
रीवा। आपको बता दें कि शासकीय और अद्र्ध शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की होड़ मची रहती है। सबसे पहली पसंद इंदौर, भोपाल और जबलपुर, ग्वालियर के इंजीनियरिंग कॉलेज होते हैं। हालांकि अब ऐसा नहीं रह गया है। रीवा ने इस क्षेत्र में नया मुकाम बनाया है। रीवा और शहडोल के इंजीनियरिंग कॉलेजों की सीटें इस मर्तबा सबसे पहले भरी हैं। टॉप पर यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ टेक्नॉलाजी शहडोल है। यहां 150 सीटें थी। जो शत प्रतिशत भर चुकी है। इसी तरह रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज में 375 सीटें थी। इसमें से सभी सीटें भर चुकी है। वहीं अन्य नामी दिग्गज कॉलेजों की सीटें खाली पड़ी हुई हैं।
सबसे पहले कम्प्यूटर साइंस की सीटें हुईं फुल
जीईसी रीवा में वैसे तो पांच ब्रांच है। इन पांचों ब्रांच की सीटें फुल हो चुकी है। इसमें भी सबसे पहले कम्प्यूटर साइंस की सीटें भरी। इसके बाद फिर सिविल और अन्य ब्रांच में छात्रों ने एडमिशन लिया। रीवा जीईसी में कुल 375 सीटें हैं। जो अब पूरी तरह से फुल हो चुकी है। इनमें से 13 सीटों पर फ्री एडमिशन भी छात्रों को दिया गया है। वहीं यदि शहडोल इंजीनियरिंग कॉलेज की बात करें तो यह नया कॉलेज है। यहां माइनिंग में इंजीनियरिंग कराई जाती है। माइनिंग ब्रांच होने के कारण भी यहां एडमिशन लेने वालों की होड़ मची रही।