Online Crime: आनलाइन ठगों को दिल्ली से पकड़ लाई रीवा पुलिस, किया बड़ा खुलासा

शिक्षक को बैंककर्मी बन कर ठगने वाले Online जालसाजों को रीवा पुलिस दिल्ली से पकड़ लाई। आरोपियों के पास से 28 लाख रुपए cash बरामद किए गए। मोबाइल, लैपटॉप जब्त किए गए हैं। आरोपियो ने पूछताछ में ठगी करने के राज उगले। जिन्हें सुनकर पुलिस के भी होश उड़ गए। पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।

Online Crime: आनलाइन ठगों को दिल्ली से पकड़ लाई रीवा पुलिस, किया बड़ा खुलासा

पुलिस ने ठगी करने वाले चार जालसाजों को गिरफ्तार किया

रीवा। मामले की जानकारी देते हुये पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि शिक्षक कैलाशचंद्र अवधिया निवासी रीवा के मोबाइल नंबर Se पिछले दिनों एक कॉल आया था। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को HDFC bank का कर्मचारी बताया था।  कम ब्याज में लोन उपलब्ध कराने का झांसा दिया था। झांसे में फंस कर शिक्षक ने ठग को मांगे गये सभी दस्तावेज उपलब्ध करा दिए थे। इन दस्तावेजो के आधार पर Online ठगों ने शिक्षक के नाम से लोन निकलवाया और उसे हड़प लिया। इसकी जानकारी शिक्षक को हुई तो वह समान थाना पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई थी। घटना की जांच समान थाना के साथ ही सायबर को सौंपी गई। पुलिस की जांच में जालसाजों का लोकेशन दिल्ली में मिला। समान व Cyber की टीम दिल्ली रवाना की गई। पुलिस ने ठगी करने वाले चार जालसाजों को गिरफ्तार किया। उन्हें पकड़ कर रीवा लाई। पूछताछ के बाद कोर्ट में प्रस्तुत किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।  इस कार्रवाई में मुख्य भूमिका समान थाना प्रभारी जेपी पटेल, सायबर प्रभारी वीरेन्द्र पटेल, एसआई गौरव मिश्रा, शैल यादव, एएसआई प्रदीप सिंह, सोनल झा, प्रधान आरक्षक शिवाजीत मिश्रा, कृष्णकांत नामदेव, मानेन्द्र शर्मा, सुभाष चंद्र, वरूणेन्द्र सिंह परिहार, मयंक तिवारी एवं मनोज यादव व विशाल सिंह की रही है।
यह आरोपी पुलिस की पकड़ में आए
दिल्ली से पकड़ कर लाए गए आरोपियों में आमिर खान पुत्र मोहम्मद अली 26 वर्ष निवासी भोयस सहसवान बंदायू यूपी, राहुल देव शर्मा पुत्र अनिल कुमार शर्मा 28 वर्ष निवासी नसरूल्लागंज सहसवान बंदायू यूपी, फिरोज आलम पुत्र सलील खान निवासी सहसवान बंदायू यूपी एवं फराज पुत्र अफजल खान निवासी सहसवान शामिल हैं।
ऐसे करते थे ठगी
पुलिस की जांच में पता चला है कि उक्त सभी जालसाज दिल्ली में रहकर ठगी की घटनाओं को अंजाम देते थे। इसके लिये पहले वे मोबाइल नंबर का जुगाड़ करते थे। फिर उन्हें फोन लगाते थे। Bank कर्मचारी बन कर सस्ती ब्याजदर में लोन उपलब्ध कराने का झांसा देते थे। जो भी व्यक्ति झांसे में फंस जाता था, उनसे लोन के नाम पर जरूरी दस्तावेज जैसे Aadhaar, PAN Card, Bank की passbook आदि मंगा लेते थे। फिर उसी दस्तावेजों को आधार पर बैंक से लोन करवा देते थे। इसके बाद संबंधित को विश्वास में लेकर  net banking activate कर उसका एक्सेस अपने पास ले लेते थे। तत्पश्चात लोन की राशि अपने अलग-अलग Bank में ट्रांसफर कर लेते थे या फिर ATM से आहरित कर लेते थे।
दो मर्तबा दी गई दिल्ली में दबिश
एसपी ने बताया कि उक्त घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुये समान पुलिस के साथ ही सायबर सेल को भी लगाया गया था। तकनीकी जांच में जो तथ्य सामने आये थे। उसके आधार पर समान थाना की एक टीम समेत सायबर सेल SI गौरव मिश्रा, शैल यादव को दिल्ली रवाना किया गया था। लेकिन टीम एक सप्ताह तक दिल्ली में मौजूद थी, लेकिन आरोपी हाथ नहीं लगे थे। ऐसे में टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा था। इसके बाद फिर से सायबर सेल को बारीकी से जांच करने को लगाया गया। टीम ने बारीकी से जांच कर और भी तथ्य एकत्रित किया। इसके बाद पुन: दिल्ली पहुंची, जहां कुछ दिन रुकने के बाद सभी आरोपियों को धर दबोचा गया।


जलासाजों से यह सामान पुलिस ने किया बरामद
-28 लाख रुपये नकद
- 2 laptop
- 14 mobile phone
- 7 फर्जी आधार कार्ड
- 4 Credit Card
- 3 bank passbook
- फ्रॉड का लेखाजोखा