रीवा कलेक्टर ने चौकाया, सोच से परे ऐसे अधिकारी को बनाया डीईओ जो दौड़ में ही नहीं थे, इस अधिकारी को मिली जिम्मेदारी
सुदामा लाल गुप्ता के निलंबन के बाद डीईओ की खाली कुर्सी पर कलेक्टर को ही एक अधिकारी को बैठाना था। कमिश्नर ने कलेक्टर को ही चेहरा चुनने की जिम्मेदारी दी थी। कलेक्टर ने ऐसे व्यक्ति को प्रभार सौंप दिया। जिसकी किसी को उम्मीद ही नहीं थी। डीपीसी विनय कुमार मिश्रा को डीईओ की पदस्थापना होने तक प्रभार सौंप दिया गया है। विनय मिश्रा की इस आदेश के बाद बल्ले बल्ले हो गई है।

डीपीसी को कलेक्टर ने बनाया प्रभारी डीईओ, इस आदेश से मचा हड़कंप
रीवा। जिला शिक्षा अधिकारी की कुर्सी पर कौन बैठेगा। इस बात के दो दिनों से कयास लगाए जा रहे थे। रेग्युलर डीईओ की पदस्थापना तो भोपाल से होगी लेकिन स्थानीय स्तर पर प्रभार किसे मिलेगा। इसका फैसला कलेक्टर रीवा को करना था। कल से अटकलें और इंतजार हो रहा था। सभी जुगाड़ में लगे थे। लेकिन कलेक्टर ने सभी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। डीपीसी विनय कुमार मिश्रा बाजी मार गए। कलेक्टर ने आदेश जारी कर डीपीसी विनय कुमार मिश्रा को आगामी आदेश तक प्रभारी डीईओ बना दिया है। इस आदेश ने सभी को चौका दिया है। कुल मिला कर शिक्षा जगत के ही अच्छे दिन लद गए हैं। कुछ भी नियमानुसार नहीं हो रहा है। पहले भी सुदामा लाल सबसे जूनियर थे। उन्हें डीईओ बनाया गया था। अब कलेक्टर भी उसी नक्शे कदम पर जूनियर को ही डीईओ का प्रभार सौंप दी है। विनय मिश्रा बीआरसीसी सीधी थे। सीधे डीपीसी बने। इसके बाद अब उन्हें डीईओ की कुर्सी पर बैठने का मौका मिल गया है। अब सीनियर अधिकारी इनके अंडर में काम करेंगे।
एडीएम को जेडी बना दिए और डीपीसी को डीईओ
रीवा में शिक्षा विभाग का भगवान ही मालिक है। शासन प्रशासन और राजनेता इसे कहां ले जाना चाहते हैं यह कहना मुश्किल है। सभी लूटखसोट में लगे हैं। यही वजह है कि अब प्रशासनिक अधिकारियों को शिक्षा विभाग की कमान सम्हालनी पड़ रही है। कमिश्नर ने जेडी का प्रभार एडीएम को दे दिया है। वहीं अब डीपीसी को डीईओ बना दिया गया है। जबकि उनसे भी वरिष्ठ अधिकारी और प्राचार्य रीवा में मौजूद थे। उप संचालक से लेकर वरिष्ठ प्राचार्य तक मौजूद थे लेकिन डीपीसी को प्रभार किसी के गले नहीं उतर रहा है। फिलहाल सभी की नजरे अब भोपाल से डीईओ के आदेश पर लगी हुई हैं।