शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति घोटाला: 36 मामलों की हुई जांच, 5 और मिले फर्जी, दस्तावेजों ने खोली पोल
स्कूल शिक्षा विभाग में बड़ा घोटाला हुआ है। पहले सिर्फ एक ही फर्जी अनुकंपा नियुक्ति का मामला सामने आया था लेकिन जब सालभर के रिकार्ड खंगाले गए तो ऐसे मामलों की लाइन लग गई है। 5 और प्रकरण फ़र्ज़ी मिले हैं।

रीवा में शिक्षा विभाग में एक वर्ष में हुई 36 अनुकम्पा नियुक्तियां हुईं, इन सब की कराई गई जांच
10 अभ्यर्थी दस्तावेज परीक्षण में नहीं पहुंचे, 5 के रिकार्ड मिले फर्जी
रीवा । बृजेश कुमार कोल की फर्जी अनुकंपा नियुक्ति ने रीवा शिक्षा विभाग में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। यह खुलासा शिक्षा विभाग ही नहीं पूरे सिस्टम को हिला कर रख दिया है। रीवा में अनुकंपा नियुक्ति के नाम पर लोगों को नौकरियां बांटीं गईं। फर्जी दस्तावेजों के सहारे सभी नौकरी कर रहे हैं। बृजेश कुमार कोल के मामले ने पूरे फर्जीवाड़ा की पोल खोल दी। अब डीईओ खुद को बचाने एक साल के अंदर हुई नियुक्तियों की जांच बैठा दी। अब इस जांच ने ही सब को हिला कर रख दिया है। यहां ऐसे फर्जी अनुकंपा नियुक्तियों की लाइन लगी है। 5 और प्रकरण पकड़ में आये हैं।
गौरतलब है कि फर्जी अनुकंपा नियुक्ति का एक मामला सामने आने के बाद प्रभारी लिपिक को निलंबित कर दिया गया था।उसके बाद पिछले एक वर्ष में हुई अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों एवं उनके दस्तावेजों की जांच शुरू हुई । नियुक्ति पाने वालों को रिकॉर्ड के साथ डीईओ कार्यालय तलब किया गया। पहले दिन सोमवार को सिर्फ 26 लोग ही रिकॉर्डों के सत्यापन के लिए उपस्थित हुए । करीब 10 नदारद रहे। सभी को नोटिस जारी हुआ। मंगलवार को भी बुलाया गया लेकिन नहीं आए। प्राचार्यों ने जो रिकार्ड उपलब्ध कराए, उनकी जांच की गई। जांच में 5 फर्जी मिले।
10 अनुकंपा प्राप्त कर्मचारी संदिग्ध मिले,अब 5 बचे
मिली जानकारी के अनुसार जांच की भनक लगते ही 10 कर्मचारी स्कूल से नदारद हो गए और पिछले पांच दिन से स्कूल नहीं आ रहे।दस्तावेजों की जांच के दौरान दस संदिग्ध मामले सामने आए थे। जिनकी पदस्थापना तिघरा में एक, बीड़ा में एक, अटरिया में दो,सेमरिया में एक,गंगेव में नियुक्ति के दो संदिग्ध मामले सामने आए हैं।
एक की जगह दो लोगों को दी गई अनुकंपा नियुक्ति
सूत्रों की मानें तो वही जांच के दौरान एक ऐसा मामला भी सामने आया है ,जिसमें एक ही परिवार के भाई बहन दोनों को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई है।एक को कन्या गंगेव में तो दूसरे को प्रवीण कुमारी संदीपनी विद्यालय में नियुक्ति मिली।जहां भाई अंजेश रावत पिता रामसखा रावत को 2023 में पी के स्कूल में नियमानुसार नियुक्ति प्रदान की गई , वहीं उसकी सगी बहन साधना कोल पिता रामसखा कोल को तत्कालीन डी ई ओ गंगा उपाध्याय ने मार्च 2024 में कन्या गंगेव में नियुक्ति दे दी।इसी तरह सुषमा कोल पिता श्याम लाल कोल को अप्रैल 2025 में बालक गंगेव में नियुक्ति दी गई।मृतक को त्यौंथर में शिक्षक पद पर पदस्थ बताकर अनुकम्पा नियुक्ति दी गई।लेकिन उस नाम का कोई शिक्षक त्यौंथर में पदस्थ ही नहीं था।बालक गंगेव के संकुल प्राचार्य ने शंका होने पर जब सुषमा कोल से उसके पिता श्याम लाल के पीपीओ की मांग की तो वह भी लापता हो गई।
कई जिला शिक्षा अधिकारी फंसेंगे
इस घोटाले में उच्च अधिकारियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। वर्तमान डी ई ओ सुदामा लाल गुप्ता के हाथ फंस चुके हैं। अब सुई इसके पूर्व पदस्थ रहे से गंगा प्रसाद उपाध्याय पर भी घूम रही है। सूत्रों की मानें तो जीपी उपाध्याय ने डी ई ओ के पद से मुक्त होने के दिन भी अनुकम्पा नियुक्ति के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। हद तो यह है कि इतने बड़े फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद भी पुलिस और प्रशासन एक्टिव नहीं हो रहा। डीईओ ने सिर्फ बृजेश कुमार कोल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। एफआईआर दर्ज नहीं हुआ। बृजेश कुमार कोल पूरे राज खोल सकता है। उसकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पूरे फर्जीवाड़ा के तार बहुत गहरे हैं। इस घोटाले की जांच कईयों को बेनकाब कर देगी।
संयुक्त संचालक ने बैठाई जांच, 3 सदस्यीय टीम करेगी जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग नीरव दीक्षित ने अनुकंपा नियुक्ति के मामलों की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी है। इसमें पीजीबीटी के प्राचार्य डॉ आर एन पटेल, सीधी के पूर्व डी ई ओ एवं गवर्न्मेंट 1 के प्राचार्य डॉ प्रेमलाल मिश्रा तथा मार्तण्ड 3 के लेखापाल हीरा सिंह को शामिल किया गया है।जांच समिति में डॉ पटेल एवं डॉ मिश्रा को शामिल किए जाने से जिम्मेदारों के हांथ पाँव फूलने लगे हैं।जल्द ही विभाग के अब तक के सबसे बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है।
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मंगलवार को भी कोई परीक्षण के लिए नहीं पहुंचा। 10 में 5 के दस्तावेज फर्जी मिले हैं। कार्रवाई अभी जारी है।
सुदामा लाल गुप्ता
जिला शिक्षा अधिकारी, रीवा