डीन का कमाल: वह एजेंडा ही गायब कर दिया जिसने बदल दी थी डीन और अधीक्षक की कुर्सी, डॉक्टर को बर्खास्त करना था
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के डीन ने उस एजेंडे को ही कार्यकारिणी की बैठक से गायब कर दिया। जिसने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया था। दो महिला चिकित्सकों पर गाज गिरनी थी।एक चिकित्सक की इंक्रीमेेंट रोकने के आदेश थे तो दूसरे को बर्खास्त करना था लेकिन मामला रफा दफा कर दिया गया।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने उठाया था विधानसभा में मामला
भोपाल से आई थी जांच टीम, टीम ने बर्खास्तगी की शिफारिश भी की थी
रीवा। आपको संजय गांधी अस्पताल का एक मामला को याद ही होगा। गायनी विभाग में एक महिला को भर्ती किया गया था। इस महिला को बेहतर इलाज मिले इसके लिए इसके लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने शिफारिश भी लगाई थी। अधीक्षक और डीन को बकायादा फोन कर जानकारी दी थी। इसके बाद भी एक महिला चिकित्सक डॉ सोनल अग्रवाल ने महिला का संजय गांधी में उचित इलाज करने की जगह महिला को निजी चिकित्सालय भेज दिया। वहीं पर उसका इलाज किया गया था। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा था कि विधानसभा तक में मामला उठा था। भोपाल से इस मामले की जांच करने टीम भी पहुंची थी। टीम को जांच में शिकायतें सही मिलीं थी। जांच टीम ने महिला चिकित्सक डॉ सोनल अग्रवाल को बर्खास्त करने और एचओडी रही डॉ बीनू सिंह की 2 इंक्रीमेंट रोकने की सिफारिश की थी। इन पर कार्रवाई का प्रस्ताव ईसी की बैठक में रखा गया। यह एजेंडा हर बैठक में रखा जाने लगा लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब नए डीन ने इस एजेंडे से ही गायब कर दिया है। इतने गंभीर मामले को रफादफा करने करने की कोशिश की जा रही है।
डॉ सोनल पर बर्खास्तगी की लटकी है तलवार
जिस डॉ सोनल अग्रवाल पर आरोप लगाया गया है। उन पर श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में बर्खास्ती की गाज गिरनी है। कई सालों से मामला लटका हुआ है। भोपाल से भी जांच टीम आई थी। जांच टीम ने भी मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी डॉ सोनल अग्रवाल की बर्खास्तगी नहीं की गई। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने एक मरीज के इलाज की शिफारिश की थी। इसके बाद भी डॉ सोनल अग्रवाल ने निजी अस्पताल में भेज दिया था। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा था कि अधीक्षक और डीन तक बदल गए थे। डॉ सोनल अग्रवाल और एचओडी डॉ बीनू सिंह के खिलाफ जांच बैठ गई थी। दोनों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। डॉ सोनल अग्रवाल को श्याम शाह मेडिकल कॉलेज से ही बर्खास्त करने का प्रस्ताव कार्यकारिणी की बैठक में रखा गया था। अब तक इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।
दोनों गायनेकोलॉजिस्ट का हुआ था बयान
गांधी स्मृति चिकित्सालय से एक गर्भवती महिला को प्राइवेट नर्सिंग होम भेजने के मामले में भोपाल से जांच के लिए टीम आई थी। जांच टीम ने दोंनो डॅाक्टरों पर कार्रवाई की अनुसंशा की थी। तत्कालीन एचओडी डॉ बीनू सिंह की तीन इंक्रीमेंट रोकने और डॉ सोनल अग्रवाल की सेवाएं समाप्त करने का प्रस्ताव कार्यकारिणी की बैठक में रखा गया था।बैठक में कमेटी के सामने ही दोनों डॉक्टरों को बुलाया गया। उनका अंतिम बयान दर्ज किया गया था। उनसे नोटिस के मामले में अभिमत लिया गयाथा। इसके बाद आयुक्त चिकित्सा शिक्षा तरुण पिथोड़े डीएमई ने भी इन पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। फिर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया। अब इसमें ऐसी टीम लगा कर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है जो समझ से परे हैं।
इस एजेंडे से कर दिया गायब
दोनों महिला चिकित्सकों पर कार्रवाई होनी थी लेकिन डीन ने इन्हें एजेंडे से गायब कर दिया। इन प्रकरण के सामने अस्पष्ट टीम लिख दी गई है जो लोगों को भ्रमित करने के लिए काफी है। कार्रवाई वाले एजेंडे के सामने क्रियान्वित और अमान्य लिख दिया गया है। कुल मिलाकर डीन दोनों ही चिकित्सकों को लापरवाही की सजा देने की जगह बचाने में लग गए हैं। विस में मामला पहुंचने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।