रीवा के किसान होने वाले हैं मालामाल, अब खेतों में करेंगे बिजली की खेती और यही बिजली खरीदेगी सरकार, करेगी भुगतान
अब किसान खेतों में गेहूं, चावल नहीं उगाएंगे। खेतों में अब सरकार इनसे बिजली की खेती कराएगी। इसकी शुरुआत भी तीन किसानों कर दी है। खेतों में तैयार होने वाली बिजली फिर सरकार खरीदेगी और उसका भुगतान भी करेगी। इस बिजली की खेती से किसान मालामाल हो ने वाले हैं। यह ऐसा इन्वेस्टमेंट है जो एक बार लगाने पर सालों साल सिर्फ प्राफिट ही देता रहता है।

रीवा के तीन किसानों ने अपने खेत में लगवाया सोलर प्लांट, अब सरकार को बेच रहे बिजली
हर महीने सरकार खरीदी गई बिजली का करती है किसानों को भुगतान
रीवा। किसानों के लिए सरकार बम्पर ऑफर लेकर आई है। अब किसानों को खेती से हटकर सरकार ऑफर दे रही है। अब तक सरकार किसानों को सस्ते बीज और खाद दे रही थी। दोगुना फायदा पहुंचाने के लिए अलग से योजनाएं चला रहीं थी। कई स्कीम सरकार लेकर आई लेकिन किसानों की तकदीर नहीं बदली। अब किसानों को सरकार ने बिजली उत्पादन का आफर दे रही है। किसानों के लिए पीएम कुसुम योजना लेकर आई है। इस योजना से किसान अपने खेतों में सोलर प्लांट लगाकर बिजली उत्पादन कर सकेंगे। इस बिजली को सरकार खरीदेगी और उसके बदले रुपए देगी। एक बार इन्वेस्टमेंट कर किसान मालामाल हो सकते हैं। रीवा के तीन किसानों ने हालाकि इस योजना का लाभ भी उठाया है। खेत में सोलर प्लांट लगाकर बिजली की खेती कर रहे हैं। बिजली उत्पादन कर उसे सारकार को बेच रहे हैं।
इन्होंने लगाया खेतों में सोलर प्लांट
कुसुम योजना के तहत तीन किसानो ने प्लांट लगवाया है। इसमें अशोक तिवारी निवासी अमहा रामसुंदर नगर त्योथर ने वर्ष 2025 में प्लांट लगवाया। इसी तरह सुषमा तिवारी पति अरुण तिवारी ग्राम पुर्वा तहसील सेमरिया और देवीदीन मिश्रा पिता अर्जुन मिश्रा निवासी ग्राम पुरवा, सेमरिया ने 20 नवंबर 2024 में प्लांट लगवाया। इनके खेतों से बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है। सरकार इन्हें हर यूनिट पर 3.25 रुपए का भुगतान भी कर रही है।
3 से 4 एकड़ भूमि जरूरी, बैंक से होता है फाइनेंस
पीएम कुसुम योजना के तहत किसान के पास कम से कम 3 से 4 एकड़ की भूमि जरूर होनी चाहिए। प्लांट लगाने में बड़े क्षेत्र की जरूरत होती है। एक मेगावाट के प्लांट में करीब 3 से 4 करोड़ का खर्च आता है। इसमें बैंक 70 फीसदी तक लागत का फाइनेंस भी कर देती है। इस योजना के तहत किसान 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक का सोलर प्लांट लगवा सकते हैं।
इस योजना से किसानों को फायदा और नुकसान भी
सोलर प्लांट खेतों में लगवाने से खेती की जमींने कम हो जाएंगी। खेती न होने से जिस जगह पर प्लांट लगाए जाएंगे। वह पूरी तरह से बंजर हो जाएंगे। किसानों को एक बार इन्वेस्टमेंट से हमेशा इंकम तो होती रहेगी लेकिन इस पर खेती नहीं कर पाएंगे। वैसे भी खेती किसानों के लिए महंगी हो गई है। संसाधन, बीज, खाद नहीं मिलने से किसान खेती से दूरी बना रहे हैं। सरकार की यह योजना और खेतों से किसानों को दूर कर देगी।
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रीवा में तीन किसानों ने पीएम कुसुम योजना के तहत खेतों में प्लांट लगवाया है। इसके तहत किसानों को प्रति यूनिट बिजली उत्पादन पर रुपए भी दिए जाते हैं। महीने भर उत्पादित बिजली के हिसाब से यह भुगतान होता है।
किशोर त्रिपाठी
कनिष्ठ अभियंता, शहर संभाग रीवा