विद्युत विभाग में सब गड़बड़ है: मीटर रीडरों को निकाल कर नए रखे, अब लटकी अफसरों पर कार्रवाई की तलवार

विद्युत विभाग में गड़बड़ी की अधिकारी हदें पार कर चुके हैं। पूरे सिस्टम को बेच कर जेब भरने में लगे हैं। मीटर रीडरों को हटाने फिर नए मीटर रीडरों को रखने में भी गड़बड़ी की गई। चहेतों को लेनदेन कर रखा गया। अब वही मीटर रीडर अफसरों के लिए आफत बन गए है। फोटो मीटर रीडिंग में फिर खामियां आई हैं। जबलपुर से अफसरों पर ही कार्रवाई की तलवार लटका दी गई है। जो भी कंपनी को नुकसान हो रहा है। अब उसकी भरपाई अधिकारियों से की जाएगी।

विद्युत विभाग में सब गड़बड़ है: मीटर रीडरों को निकाल कर नए रखे, अब लटकी अफसरों पर कार्रवाई की तलवार
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80 से अधिक मीटर रीडरों को हटा कर नए लड़कों को रखा गया था
जनवरी, फरवरी के मीटर रीडिंग में भारी गड़बड़ी आई सामने
रीवा। फोटो मीटर रीडिंग अनिवार्य की गई है। फोटो रीडिंग में गड़बड़ी करने पर 80 से अधिक मीटर रीडरों पर गाज गिरी। सभी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इनकी जगह पर नई नियुक्ति की गई। इसके बाद भी गड़बड़ी नहीं रुक रही। जबलपुर से इस गड़बड़ी पर एक्शन के निर्देश दिए हैं। साथ ही नुकसान की भरपाई डीई और एसई से करने को कहा गया है।
ज्ञात हो कि विद्युत विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति और बाहर किए जाने का बड़ा खेल चल रहा है। इस खेल में अधिकारी मालामाल हो रहे हैं। वहीं कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान किए जा रहे हैं। कंपनी की गड़बड़ी की सजा कर्मचारियों को झेलनी पड़ती है। सभी घरों में मीटर नहीं लगाए गए। जहां लगे थे, वह गायब है। इसके बाद भी शहरी, इंडस्ट्रियल क्षेत्रों में फोटो मीटर रीडिंग अनिवार्य कर दी गई है। फोटो मीटर रीडिंग दर्ज नहीं होने पर रीवा जिला मे कई मीटर रीडरों पर गाज भी गिरी। उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया गया। उनकी जगह पर फिर से डिवीजन स्तर पर नई भर्तियां की गई। इन भर्तियों के बाद उम्मीद थी कि काम बेहतर होगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। अधिकारियों ने फोटो मीटर रीडिंग के काम में चहेतों को ही लगा दिया। कोई रिश्तेदार नौकरी कर रहा तो कोई किसी का खास फोटो मीटर बन बैठा है। इसी का परिणाम अब सामने आया है। मीटर रीडरों की गड़बडिय़ां जस की तस बनी है। हाल ही में इन गड़बडिय़ों का लेखा जोखा जबलपुर से अधीक्षण अभियंता और सभी कार्यपालन अभियंतओं को भेजा गया है। साथ ही चेतावनी भी दे दी गई है कि इस नुकसान की भरपाई अधिकारियों से की जाएगी। अब सभी के कान खड़े हो गए हैं।
निकाले गए मीटर रीडर लड़ रहे हैं लड़ाई
जो गड़बड़ी हाल ही के महीनों में सामने आई हैं। उन्हीं गड़बडिय़ों को लेकर नौकरी से बाहर किए गए मीटर रीडर लड़ाई लड़ रहे हैं। मुख्य अभियंता कार्यालय के बाहर भी धरने पर बैठे थे। इन सभी को मुख्य अभियंता ने जांच कराने के बाद वापस से नौकरी पर रखने की बात कही थी। अब फिर से वही स्थिति बन गई है। पुराने कर्मचारी वापस नौकरी पर रखने की मांग कर रहे हैं तो नए वालों पर कार्रवाई के निर्देश पहुंच गए हैं।
इस तरह जनवरी और फरवरी में दिखी गड़बड़ी
जनवरी महीने में शहरी क्षेत्र में 61 हजार 235 उपभोक्ताओं का फोटो मीटर रीडिंग लिया गया। इसमें 16 हजार 444 उपभोक्ताओं के रीडिंग में गड़बड़ी देखने को मिली। इसका प्रतिशत 27 रहा। इसी तरह फरवरी में गैर घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 22 हजार 920 रही। इनमें से 8492 उपभोक्ताओं के फोटो मीटर रीडिंग में गड़बड़ी मिली। इनके गड़बड़ी का प्रतिशत 37 रहा। फरवरी महीने में 2207 इंडस्ट्रिय उपभोक्ताओं की फोटो रीडिंग ली गई। इसमें 782 में गड़बड़ी सामने आई थी। इसी तरह घरेलू और इंडस्टियल उपभोक्ताओं को जोड़ दें तो यह संख्या 1 लाख 7 हजार 75 रही। इसें से 33428 उपभोक्ताओं के फोटो रीडिंग में गड़बड़ी मिली।
मुख्य महाप्रबंधन ने पत्र लिखकर कार्रवाई की दी चेतावनी
फोटो मीटर रीडिंग में आए वायलेशन को लेकर जबलपुर मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनीके मुख्य महाप्रबंधक ने सभी अधीक्षण अभियंता और कार्यपालन अभियंता को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि बीआईयू सेल द्वारा प्रतिमाह औद्योगिक, गैर घरेलू और शहरी घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं की प्रत्येक फोटो मीटर रीडिंग का मिलान मीटर वाचकों द्वारा ली गई उपभोक्ताओं की रीडिंग से किया गया है। श्रेणीवार उपभोक्ताओं पीएमआर वॉयलेशन की रिपोर्ट संबंधित संचारण संधारण संकाय को प्रेषित की जाती है। रिपोर्ट के अनुसार फरवरी 25 में मीटर वाचकों ने औद्योगिक और गैर घरेलू श्रेणी के कनेक्शनों की 33-33 प्रतिशत मीटर रीडिंग गलत ली गई है। शहरी घरेलू कनेक्शनों में जनवरी 25 में 21 फीसदी मीटर रीडिंग गलत ली गई है। प्रत्येक गलत रीडिंग पर हुए कंपनी और लागत की भरपाई अधीक्षण अभियंता और कार्यपालन अभियंता से करने के लिए कहा गया है।
विद्युत विभाग में यह चल रहा है खेल
विद्युत विभाग में सारे काम आउटसोर्स से चल रहे हैं। करीब 1 हजार आउटसोर्स कर्मचारी विद्युत विभाग के पांचों डिवीजन में पदस्थ हैं। इन आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति का ही खेल चल रहा है। सभी डिवीजन में पहले से जमे आउटसोर्स को बाहर किया जाता है। इसके लिए उन्हें तरह तरह से प्रताडि़त किया जाता हैै। पद रिक्त होने के बाद फिर इनकी जगह पर नए कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर भी सौदेबाजी की जाती है। इसी नियुक्ति में अधिकारी से लेकर कर्मचारी मालामाल हो रहे हैं। खूब धन बरस रहा है। यही वजह है कि आए दिन विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर विवाद की स्थिति खड़ी हो रही है।