मीटर रीडरों ने जिला प्रशासन से मांगी इच्छा मृत्यु, दफ्तियां लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे
7 दिन से कमिश्नर कार्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठे नौकरी से बाहर किए गए मीटर रीडरों ने प्रशासन से इच्छा मृत्यु मांगी है। मंगलवार को सभी अनशनकारी सीधे कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में पहुंच गए। हाथों में सभी के दफ्तियां थी। दफ्तियों में इच्छा मृत्यु की मांग की गई थी।

एक साल से दोबारा नौकरी पर रखे जाने की लड़ रहे हैं लड़ाई, नहीं हो रही कोई सुनवाई
कमिश्नर कार्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठे हैं
रीवा। आपको बता दें कि विद्युत विभाग में आउटसोर्स से नियुक्त किए गए मीटर रीडरों को विभाग के अधिकारियों ने गलत रिपोर्टिंग देकर आधा सैकड़ा लोगों को नौकरी से बाहर कर दिया। विभाग ने घरों में मीटर नहीं लगाए और इसकी सजा मीटर रीडरों को दी गई। फोटो मीटर रीडिंग दर्ज नहीं होने पर अधिकारियों से जांच कराई गई। अधिकारियों ने जांच करने की जगह सभी को नौकरी से ही बाहर कर दिया। पिछले एक साल से नौकरी से बाहर किए गए कर्मचारी अधिकारियेां से न्याय की गुजार लगा रहे हैं। दोबारा से नौकरी पर रखने की मांग कर रहे हैं। जब आवेदनों से काम नहीं बना तो उन्होंने अनशन किया। दो मर्तबा अनशन पर बैठे तो अधिकारियों ने झूठा आश्वासन देकर अनशन तोड़वा दिया। इस मर्तबा फिर से मीटर रीडरों ने अनशन शुरू किया है। 7 दिन का समय बीत गया लेकिन अब तक उनकी पूछपरख करने कोई नहीं आया। इसी बात से नाराज अनशनकारी हाथों में इच्छा मृत्यु की दफ्तियां लेकर मंगलवार को सीधे जनसुनवाई में कलेक्ट्रेट पहुंच गए। जनसुनवाई में आवेदन देकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।