22 साल का खाका हो रहा तैयार, मास्टर प्लान में जुड़ेंगे 88 गांव, रायपुर तक पहुंचेगा दायरा

रीवा का मास्टर प्लान फिर से तैयार हो रहा है। इस मास्टर प्लान में 22 साल का खाका तैयार किया जाएगा। इसमें 88 गांव जोडऩे की तैयारी चल रही है। रीवा का मास्टर प्लान तीन चार साल पीछे चल रहा है। अब इसमें सबसे बड़ी समस्या ग्रीन बेल्ट की है।

22 साल का खाका हो रहा तैयार, मास्टर प्लान में जुड़ेंगे 88 गांव, रायपुर तक पहुंचेगा दायरा
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रायपुर तक बढ़ाया जा रहा है रीवा का दायरा

रीवा बायपास के सभी गांव हो जाएंगे इसमें शामिल

रीवा। आपको बता दें कि वर्ष 2021 में ही रीवा का नया मास्टर प्लान तैयार हो जाना था लेकिन काम समय पर नहीं हुआ। वर्ष 2022-23 में किसी तरह मास्टर प्लान तैयार किया गया तो उसमें इतनी आपत्तियां लग गईं कि वह होल्ड हो गया। विधानसभा में भी मामला पहुंच गया। आपत्तियों के कारण पुराने मास्टर प्लान को हरी झंडी नहीं मिली। भोपाल में ही फाइल अटकी रह गई। अब दो साल बाद फिर से तैयारी शुरू हुई है। पुराने मास्टर प्लान को ही आगे बढ़ाया जा रहा है। इसमें बहुत कुछ बदलाव किया जा रहा है। अब सिर्फ 10 साल का यह मास्टर प्लान नहीं होगा। मास्टर प्लान 2047 तक के लिए बनाया जा रहा है। जिस हिसाब से मास्टर प्लान बनाने की तैयारी है। वैसा ही इसका दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। आज से 22 साल बाद रीवा कहां से कहां पहुंच जाएगा। आबादी कितनी होगी। ट्रैफिक व्यवस्था क्या होगी। इन सभी चीजों को शामिल किया जा रहा है। फिलहाल अभी मास्टर प्लान पहले चरण में है। मास्टर प्लान के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद लैंड यूज पर मंथन होगा। 

रायपुर कर्चुलियान भी रीवा में आ जाएगा

अभी रीवा जिला में सिर्फ रीवा नगर निगम और चाकघाट का ही मास्टर प्लान बना हुआ है। इन दोनों जगहों के मास्टर प्लान को 2047 के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। चाकघाट को भी 22 साल आगे की तैयारियों के साथ बनाया जा रहा है। रीवा का दायरा अब  लोगों की सोच से भी बड़ा होगा। रीवा को  रायपुर कर्चुलियान से मनगवां तक बढ़ाने की तैयारी है। मास्टर प्लान में इसे शामिल किया गया है। वहीं विवि मार्ग में इटौरा तक कवर किया जाएगा। सतना मार्ग में बेला तक का दायरा इसमें आएगा। गोविंदगढ़ तक शहडोल मार्ग में बढ़ाने पर विचार चल रहा है। 

सबसे बड़ी समस्या ग्रीन बेल्ट और एग्रीकल्चर लैंड हैं

नए मास्टर प्लान में सबसे बड़ी समस्या लैंड यूज का निर्धारण है। पुराने मास्टर प्लान में जिन्हें ग्रीन बेल्ट या फिर तालाब, खेत दर्शाया गया था। अब वह अब गायब हो गए हैं। नए मास्टर प्लान में यही समस्या खड़ी हो रही है। लोगों ने ग्रीन बेल्ट को भी नहीं छोड़ा। कृषि लैंड पर प्लाटिंग कर दी और जिला प्रशासन इस पर रोक नहीं लगा पाया। लखौरीबाग तालाब पुराने मास्टर प्लान में था। अब वह गायब हो गया है। यहां प्लाटिंग शुरू हो गई है। अब नए संसोधित मास्टर प्लान में जमीन के निर्धारण को लेकर ही मामला फंसा हुआ है। 

जो काम नहीं हुए नए मास्टर प्लान में आएंगे

मास्टर प्लान 2021 में कई काम प्रस्तावित थे। इसमें सड़कों का चौड़ीकरण, तालाबों का सौंदर्यीकरण शामिल था। पुराने मास्टर प्लान में जो काम नहीं हुए। उन्हें अब नए मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा। नए मास्टर प्लान में अमहिया मार्ग का चौड़ीकरण का भी इंतजार किया जा रहा है। यदि मास्टर प्लान बनने के पहले ही सड़क का चौड़ीकरण हो गया तो ठीक वर्ना नए मास्टर प्लान में इसे शामिल किया जाएगा। नगर निगम और प्रशासन ने हालांकि प्रक्रिया शुरू कर दी है।