डीन की लापरवाही से डिप्टी सीएम के सपनों को लगा फिर झटका, एक और डॉक्टर ने छोड़ी नौकरी,2 महीने में 6 डॉक्टर कम हो गए

डीन की लापरवाही रीवा ही नहीं विंध्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी पड़ रही है। यदि जल्द ही डिप्टी सीएम ने डीन का विकल्प नहीं तलाशा तो सिर्फ बदनामी ही नहीं मिलेगी अस्पताल में भी ताला लगाने की नौबत आन खड़ी होगी। एक और डॉक्टर ने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से इस्तीफा दे दिया है। 2 महीनों में 6 डॉक्टर कम हो गए हैं।

डीन की लापरवाही से डिप्टी सीएम के सपनों को लगा फिर झटका, एक और डॉक्टर ने छोड़ी नौकरी,2 महीने में 6 डॉक्टर कम हो गए
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एक सीटीवीएस सर्जन ने दे दिया नौकरी से इस्तीफा

इसके पहले भी दिया था तब डिप्टी सीएम ने रोक लिया था

रीवा। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और संजय गाध्ंाी अस्पताल से लगातार डॉक्टर नौकरी छोड़कर भाग रहे हैं। उन्हें यहां का प्रबंधन अब रास नहीं आ रहा है। यही वजह है कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से एक महीने में ही तीन डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया। वहीं जीएमएच से भी एक महिला चिकित्सक ने नौकरी छोडऩे के पहले नोटिस दिया है। कुल चार डॉक्टरों ने एक महीने में ही यह फैसला ले लिया है। इसके पीछे वजह अस्पताल में कुप्रबंधन बताया जा रहा है। डीन डॉ सुनील अग्रवाल के रीवा आने के बाद से यहां अफरा तफरी मच गई है। कोई भी चिकित्सक इन हालातों में यहां काम नहीं करना चाहते। यहां सुविधाओं और व्यवस्थाओं का आभाव है। डॉक्टरों की शिकायतों और मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता। यही वजह है कि डॉक्टर नौकरी छोड़कर जा रहे हैं।

सीटीवीएस सर्जन प्रबंधन से नाखुश

सुपर स्पेशलटी अस्पताल में सीटीवीएस सर्जन डॉ राकेश सोनी प्रबंधन से नाखुश है। डॉ राकेश सोनी ने ही रीवा में ओपन हार्ट सर्जरी की शुरुआत की थी। अब तक जितने भी आपरेशन किए, उनका रिजल्ट बेहतर ही रहा है। वह शुरू से ही प्रबंधन से लड़ते आए हैं। आपरेशन के लिए उन्हें पर्याप्त संसाधन और उपकरण नहीं मिल पा रहे थे। इसकी शिकायत उन्होंने डिप्टी सीएम तक से कर दी थी। डिप्टी सीएम के पास शिकायत पहुंचने पर डीन को फटकार भी लगी थी। खुद डिप्टी सीएम ही विभाग की व्यवस्थाएं अपने हाथ में ले लिए थे। तब से ही डीन डॉ राकेश सोनी को यहां से दफा करने में जुट गए थे। डॉ इमरान के आने के बाद उन्हें यह मौका मिल गया। डॉ राकेश सोनी के एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट को भी किनारे कर दिया गया। नए चिकित्सक के आने के बाद से डॉ सोनी ने एक भी आपरेशन नहीं किया। अस्पताल में चल रही खींचतान के कारण ही डॉ राकेश सोनी ने इस्तीफा दे दिया है। 

इसके पहले भी दिया था इस्तीफा

डॉ राकेश सोनी ने इसके पहले भी पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने बायपास सर्जरी में लगने वाले उपकरणों की मांग की थी। लंबे समय से वह उपकरण की डिमांड कर रहे थे। वह अपने हिसाब से और कुछ चुनिंदा कंपनी के उपकरणों की मांग कर रहे थे लेकिन कॉलेज प्रबंधन अलग ही उपकरण उपलब्ध करा रहा था। इसी बात को लेकर बवाल मचा था। भोपाल से आयुक्त चिकित्सा शिक्षा को भी रीवा आना पड़ा था। उपकरण नहीं मिलने के कारण उन्होंने डीन के कुप्रबंधन से नाराज होकर इस्तीफा भी दे दिया था। बाद में डिप्टी सीएम और अधीक्षक एसजीएमएच के मनाने पर ही वह माने थे। अब उन्होंने जाना तय कर लिया है। 

विजय शुक्ला भी कुप्रबंधन से परेशान होकर जा रहे

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग से डॉ विजय शुक्ला भी परेशान होकर यहां से जा रहे हैं। डॉ विजय शुक्ला अनुभवी चिकित्सक हैं। इसके बाद भी उन्हें पीछे ही रखा जाता है। यहां डॉ पुष्पेन्द्र शुक्ला सर्वेसर्वा बने हुए हैं। डा आशीष घनघोरिया, डॅ बृजेश तिवारी ने पूरे विभाग में कब्जा किया हुआ है। डॅा विजय शुक्ला तक केस ही नहीं पहुंचने देते। इसके अलावा सप्ताह में सबसे अंतिम दिन यानि शनिवार की ओपीडी उन्हें दी गई है। इन्हीं बातों से आहत डॅा विजय शुक्ला ने नौकरी छोडऩे का निर्णय लिया है। 

6 डॉक्टर हो गए हैं कम

सुपर स्पेशलिटी और संजय गांधी अस्पताल से 6 चिकित्सक कम हो गए हैं। वैसे भी यहां पुराने और तजुर्बेदार डॉक्टरों की कमी है। उस पर भी 6 चिकित्सक कम हो गए। चार डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है। इसमें डॉ कल्पना यादव, डॉ विवेक शर्मा, डॉ विजय शुक्ला, डॉ राकेश सोनी शामिल हैं। इसके अलावा डॉ मनोज इंदूलकर और डॉ पीके लखटकिया का स्थानांतरण सिंगरौली कर दिया गया था। 

करीब 80 पद हैं खाली

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में करीब 80 पद डॉक्टरों के अभी भी खाली है। यहां 100 पद श्रृजित किए गए थे। सालों से प्रयास करने के बाद भी यहां पर आधे पद भी नहीं भरे जा सके। जो डॉक्टर पदस्थ हुए हैं। उन्हें भी प्रबध्ंान नहीं रोक पा रहा है। अभी अस्पताल में सिर्फ 20 के करीब ही पद भर पाए हैं। वहीं 80 के करीब पद खाली पड़े हुए हैं। यदि डिप्टी सीएम ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया और डीन का विकल्प नहीं तलाशा गया तो यहां ताला लगना तय है।