एनएबीएच टीम ने सुपर स्पेशलिटी में लगा दी गड़बडिय़ों की झड़ी, इतनी गिनाई खामियां की प्रबंधन के उड़ गए होश

डिप्टी सीएम का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल खामियों का ठिकाना निकला। एनएबीएच की टीम ने जाते जाते इतनी खामियां गिना दीं कि प्रबंधन के होश उड़ गए हैं। हालांकि तीन साल पहले यही खामियां 100 से ऊपर थी। इस मर्तबा करोड़ों खर्च करने के बाद भी आधी रह ही गईं हैं। अब इन खामियों को दुरुस्त किए बिना ही एनबीएच सर्टिफिकेट मिलना मुश्किल है।

एनएबीएच टीम ने सुपर स्पेशलिटी में लगा दी गड़बडिय़ों की झड़ी, इतनी गिनाई खामियां की प्रबंधन के उड़ गए होश

दो दिन निरीक्षण करने के बाद वापस लौटी एनएबीएच टीम

एनएबीएच टीम को मिली निरीक्षण में 60 से अधिक खामियां

रीवा। आपको बता दें कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को वर्ष 2022 में एनएबीएच सर्टिफिकेट मिला था। यानि स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में सुपर स्पेशलिटी हर वह मानक पूरा करता है जो बड़े अस्पतालों में भर्ती मरीजों को मिलता है। इस सॢटफिकेट की समयावधि खत्म होने से पहले एनएबीएच की टीम ने फिर से निरीक्षण किया। तीन सदस्यीय टीम दो दिन अस्पताल में रही। शुक्रवार को पूरे अस्पताल का कोना कोना देखा। हर वह व्यवस्थाएं देखी जो मरीजों के स्वास्थ्य और सविधाओं के लिए जरूरी है। शुक्रवार को सुबह से शाम तक निरीक्षण चला। इसके बाद शनिवार की सुबह अस्पताल प्रबंधन के साथ बैठक की गई। कागजी कार्रवाई पूरी कर टीम चली गई। टीम ने जाते जाते प्रबंधन को झटका भी दे दिया है। अस्पताल प्रबंधन को यह स्पष्ट कर दिया है कि एनएबीएच सर्टिफिकेट के मापदंडों के हिसाब से अस्पताल अभी ठीक नहीं है। 60 खामियां प्रबंधन को गिनाई गई हैं। इन खामियों को जल्द से जल्द दुरुस्त करने को भी कहा गया है। इसके बाद ही सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के साथ एनएबीएच जुड़ पाएगा। 

इंट्री से ही शुरू हो गई थी आपत्ति जो एग्जिट तक मिली

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के इंट्री से ही खामियां टीम को मिलनी शुरू हो गई थी। सबसे पहली खामी अस्पताल के सामने बिल्डिंग पर लगा उसका नाम और मोना है जो पूरा नहीं है। इसके अलावा अस्पताल की साफ सफाई व्यवस्था पर भी टीम ने सवाल खड़े किए। दीवारों पर जगह जगह सीपेज, पानी निकासी के पर्याप्त इंतजाम नहीं होना, मरीजों के लिए वार्ड ब्वाय की कमी, पर्याप्त ओपीडी काउंटर नहीं होना, लंबी लाइने, भीड़ के हिसाब से स्टाफ की कमी जैसी कई खामियां गिनाई गई हैं। दस्तावेजों का भी सही संधारण टीम को नहीं मिला। इसके अलावा भी कई गंभीर खामियां टीम को मिली हैं। जिनकी पूर्ति आवश्यक है। इन खामियों को सुनने के बाद अब पूरा अस्पताल प्रबंधन ही परेशान हैं। इन्हें दुरुस्त करने में जुट गया है। 

मेल से मिलेगी डेड लाइन

एनएबीएच की टीम में तीन सदस्य शामिल है। टीम में एनएबीएच प्राचार्य डॉ प्रतिभा मैसूर से आईं थी। डॉ रवि शंकर कर्नाटक से और सिल्विआ मैथ्यू दिल्ली से निरीक्षण करने पहुंचे थे। टीम अब निरीक्षण की रिपोर्ट एनएबीएच हेडआफिस को सौंपेग। इसके बाद एनएबीएच मेल से अस्पताल प्रबंधन को खामियां दुरस्त करने की डेड लाइन देगा। दी गई डेड लाइन में ही इन खामियों को दुरस्त करना होगा। इसके बाद ही एनएबीएच सर्टिफिकेट मिल पाएगा।