बाढ़ के बीच में फंसी गर्भवती महिला को हुआ डिलिवरी पेन, आधी रात में ही एसडीआरएफ ने किया रेस्क्यू और भेजा अस्पताल, बचाई जान

जिला प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम की मुस्तैदी ने एक गर्भवती महिला की जान बचा ली। आधी रात को डिलिवरी पेन उठा। गांव चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिरा था। पहुंच मार्ग बंद थे। ऐसे में जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ टीम की मदद मांगी। एसडीआरएफ रात ढ़ाई बजे मौके पर पहुंची। आपरेशन शुरू किया और चंद मिनटों में ही गर्भवती महिला को बाढ़ के बीच से सुरक्षित बाहर ले आए। इसके बाद एम्बुलेंस की मदद से गर्भवती महिला को अस्पताल भिजवा दिया। जहां उसका उपचार जारी है।

बाढ़ के बीच में फंसी गर्भवती महिला को हुआ डिलिवरी पेन, आधी रात में ही एसडीआरएफ ने किया रेस्क्यू और भेजा अस्पताल, बचाई जान

जवा थाना अंतर्गत भनिगवां में बाढ़ के बीच फंसी थी महिला, अस्पताल जाने के रास्ते हो गए थे बंद

एसडीआरएफ की टीम ने पहुंच कर गर्भवती महिला को बाढ़ से बाहर निकाला और अस्पताल भिजवाया

रीवा। आपको बता दें कि रीवा और मऊगंज जिलों में 16 तथा 17 जुलाई को जोरदार बारिश हुई। इस बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई। सतना जिले में भी लगातार वर्षा के कारण टमस नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ा। ऐसी स्थिति में टमस और महाना नदी से घिरे हुए जवा तहसील के भनिगवां गांव में आवागमन के सभी मार्ग बंद हो गए। गांव में रहने वाली गर्भवती महिला प्रियंका गुप्ता को प्रसव पीड़ा की शिकायत हुई। आशा कार्यकर्ता साधना तिवारी ने स्थानीय स्तर पर उपचार का प्रयास किया, लेकिन प्रियंका गुप्ता का दर्द बढ़ता गया। उनका जीवन और अजन्मे शिशु की रक्षा एक चुनौती बन गई। आशा कार्यकर्ता ने प्रियंका गुप्ता के उपचार के लिए 108 एंबुलेंस और मेडिकल टीम को सूचना दी। मेडिकल टीम और एंबुलेंस कुछ ही देर में गांव के समीप पहुंच गए। लेकिन गांव चारों ओर बाढ़ के पानी से घिर गया था। अंधेरी रात में गांव तक पहुंच पाना संभव नहीं था। मौके पर उपस्थित बीएमओ डॉ रावेन्द्र सिंह ने एसडीएम जवा पीयूष भट्ट को स्थिति से अवगत कराया। एसडीएम ने तत्काल जिला कमाण्डेंट मीनाक्षी सिंह से एसडीआरएफ  टीम भेजने के लिए संपर्क किया। सूचना मिलने के 40 मिनट बाद एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गईं। रेस्क्यू टीम ने जान जोखिम में डालकर पूरी बहादुरी के साथ रात दो बजे रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया। रात 2.45 बजे प्रियंका गुप्ता को वोट की सहायता से बाढ़ के पानी से सुरक्षित निकालकर एंबुलेंस तक पहुंचाया गया। एंबुलेंस में ही उनका प्राथमिक उपचार किया गया। इसके बाद एंबुलेंस प्रियंका गुप्ता को लेकर सिविल अस्पताल सिरमौर पहुंची। सिरमौर में डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया तथा गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रियंका गुप्ता को जिला अस्पताल रीवा रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में भर्ती प्रियंका अब पूरी तरह से ठीक है। उनका समुचित उपचार किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा समय पर की गई पहल, मेडिकल टीम की तत्परता और एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की टीम के साहस ने प्रियंका और उनके अजन्मे शिशु को नया जीवनदान दिया है।