अवधेश प्रताप ङ्क्षसह विश्वविद्यालय में डिप्टी सीएम ने कहा संस्कारित शिक्षा परोपकार का मार्ग प्रशस्ति करती है
उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि चरित्र निर्माण व व्यक्तित्व विकास में राष्ट्रीय शिक्षा नीति सहायक होगी। चरित्र निर्माण व व्यक्तित्व का विकास जीवन के लिये महत्वपूर्ण है। संस्कारित शिक्षा परोपकार का मार्ग प्रशस्ति करती है। उप मुख्यमंत्री ने अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के संयोजकत्व में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया।

डिप्टी सीएम ने तीन दिवसीय कार्यशाला का किया शुभारंभ
रीवा। पं शंभूनाथ शुक्ल सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी ताकत भारतीय ज्ञान परंपरा है जिसके पुनरूत्थान का कार्य करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समावेश किया गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में विकास कार्यों के साथ सांस्कृतिक व देशहित के महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समग्र विकास के आयाम निर्धारित किये गये हैं जो चरित्र निर्माण में अपनी भूमिका निभायेंगे। उन्होंने कहा कि भारत विश्वगुरू बनने के मार्ग पर अग्रसर हैं। तीन दिवसीय कार्यशाला में नैतिक आधार के समावेश के साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा के गहन चिंतन का लाभ रीवा के छात्र व प्रबुद्धजन ले पायेंगे।
कार्यशाला में प्रमुख वक्ता शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयोजक अतुल कोठारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा एवं पंचकोष के सिद्धांत का समावेश किया गया है ताकि समग्र विकास संभव हो सके। जरूरत है कि छात्र इसका अध्ययन करें और अपनी भूमिका तय करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मूल आधार एकाग्रता है। नवीन शिक्षा नीति में समग्र विकास के आयाम, निर्धारित किये गये हैं। उन्होंने अपेक्षा की कि तीन दिवसीय कार्यशाला के सार्थक परिणाम और रीवा वासी व छात्र-छात्राएँ इसका लाभ ले सकेंगे।
कार्यशाला की प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए कुलगुरू प्रो राजेन्द्र कुमार कुड़रिया ने कहा कि राष्ट्रीय संस्कृति उत्थान न्यास शिक्षा बचाओ अभियान का नेतृत्व करता है। न्यास द्वारा विश्वविद्यालय में प्रथम आयोजन किया जा रहा है। समाज की आवश्यकता के अनुरूप कार्यशाला का लाभ विद्यार्थी व प्रबुद्धजन ले सकेंगे। कार्यशाला में स्मारिका एवं संकल्प पत्र का विमोचन किया गया। इस अवसर पर विधायक मनगवां इंजीण् नरेन्द्र प्रजापति, ओम शर्मा, प्रो सुनील तिवारी कुल सचिव सुरेन्द्र सिंह परिहार, अजय तिवारी विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, विद्यार्थी तथा प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।