गरीबों के घरों पर पैसों वालों ने मारा हाथ, अब उसी को किराए पर चला रहे, आयुक्त ने कराई जांच तो फटी रह गई आंख

पीएम आवास योजना के गरीबों के लिए बनाए गए भवनों में रइसों का कब्जा है। गलत तरीके से भवन आवंटित करा लिए। अब उनका व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं। किराए पर भवनों को दे रखा है। कमिश्नर ने सभी भवनों की जांच कराई तो उनके होश उड़ गए। 5 साइटों में 196 भवन किराए पर मिले।

गरीबों के घरों पर पैसों वालों ने मारा हाथ, अब उसी को किराए पर चला रहे, आयुक्त ने कराई जांच तो फटी रह गई आंख

साइटों में बनाए गए हैं कुल 1386 फ्लैट्स, इनमें 366 आवंटन के बाद भी बंद मिले

रीवा। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले पीएम आवास में ही हंगामा मचा था। एक नेता की पत्नी ने पहुंच कर जमकर हंगामा मचाया था। बाद में पता चला कि यह भवन किराए पर संंबंधित व्यक्ति चला रहा था। इस तरह के और भी फ्लैट्स आवंटित हैं। इस हंगामे ने नगर निगम कमिश्नर की आंख खोल दी। उन्होंने सभी साइट्स में आवंटित भवनों की जांच के आदेश दे दिए। नगर निगम की टीम ने एक एक साइट और एक एक फ्लैट में पहुंच कर रहने वालों का सत्यापन कराया। सत्यापन में जो आंकड़े सामने आए वह चौकाने वाले थे। अधिकांश भवनों में खुद भवन स्वामी नहीं रह रहे। उन्होंने सस्ती कीमत में योजना का लाभ तो ले लिया लेकिन उसे किराए पर उठा दिया है। इसके अलावा कई भवन ऐसे भी हैं जिनमें आज तक कोई रहने ही नहीं आया। इन भवनों में ताला लगा हुआ है। कुछ ने भवन आवंटित कराने के बाद उसमें तोड़ फोड़ करा दी। कुछ अभी नगर निगम के कब्जे में हैं। 

सरकारी भवनों का कमाई का जरिया बना लिए हैं

जांच में बड़ी चौकाने वाली बातें सामने आई है। इस भवनों का भौतिक सत्यापन करने में नगर निगम से प्रोजेक्ट मैनेजर के प्रतिनिधि वरुण मिश्रा, गौरव ङ्क्षसह, दिनेश सिंह, सहित अन्य तकनीकी कर्मचारी शामिल रहे। इन्होंने एक एक साइट के प्रत्येक भवन का निरीक्षण किया। निरीक्षण में 366 भवनों में ताले लगे मिले। इनमें फिलहाल कोई नहीं रह रहा या यह भी संभव है कि सर्वे के डर से अधिकांश भाग गए हों। इसके अलावा 197 फ्लैट को हितग्राकियों ने किराए पर दे रखा है। इन सभी भवनों में किराएदार ही रहते हुए मिले। 85 भवनों में हितग्राहियों के रिश्तेदार मिले। इसमें कईयों में भवन के स्ट्रक्चर में ही बदलाव कर लिया है। हितग्राहियों ने शासन की योजनाओं का दुरुपयोग किया। सस्ते भवन आवंटित करा लिए लेकिन ऐसे लोगों के पास पहले से ही शहर में भवन थे। यही वजह है कि इन भवनों को अब वह किराए पर चला रहे हैं। व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। जबकि इस योजना में हितग्राही को सीधे तौर पर फायदा मिलना था। 

कहां कितने भवन मिले किराए पर और कितनों में जड़ा मिला ताला

साइट् कुल भवन किराएदार ताला खुद रह रहे अन्य

गोल क्वार्ट्स बिछिया 504       82     120.    274   28

सुंदर नगर.                392       63.     84.  229  16  

ललपा                       140        13    29     91    07

एसएएफ.                  266.        34.  106   108 18

कृष्णा नगर.                084 05.    27.    36.  16

योग                         1386 197.  366  738.  85