लापरवाही की हद है: आधी रात को भरभरा कर गिरा दो मंजिला जर्जर भवन, दो साल से कर रहे थे इसकी शिकायत
नगर निगम ने जर्जर भवनों को चिन्हित करने और उन्हें गिराने का काम ठीक ढंग़ से नहीं किया। नगर निगम की लापरवाही के कारण ही बड़ा हादसा टल गया। एक जर्जर भवन आधी रात को भरभरा कर गिर गया। गनीमत यह रही कि उस दौरान दीवार के आसपास कोई मौजूद नहीं था। वर्ना बड़ा हादसा तय था। हालांकि इस हाससे में वाहन और मवेशियों को नुकसान पहुंचा है। गाडिय़ां दीवार के नीचे आकर क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं कुछ मवेशियों की भी जान गई है।

वार्ड क्रमांक 19 कबाड़ी मोहल्ला में बड़ा हादसा टल गया
पिछले साल से नगर निगम में कर रहे थे जर्जर भवन गिराने की शिकायत
रीवा। मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला वार्ड क्रमांक 19 कबाड़ी मोहल्ला का है। यहां पाल परिवार का एक जर्जर दो मंजिला मकान था। परिवार के सदस्यों ने इसकी जानकारी नगर निगम को दी थी। कई बार जर्जर भवन को जमींदोज करने की बात भी कही थी लेकिन किसी ने नहीं सुनी। आखिरकार वह मकान अपने आप ही गुरुवार की शुक्रवार की रात करीब 2 बजे भरभराकर नीचे बैठ गया। गनीमत रही कि यह हादसा दिन में नहीं हुआ। दिन के समय आसपास लोग मौजूद रहते हैं। बच्चे भी खेलते हैं। यदि दिन में हादसा होता तो बड़ी घटना घट सकती थी। रात के कारण सिर्फ मवेशी और गाडिय़ों को ही नुकसान पहुंचा है। यदि नगर निगम समय रहते इन जर्जर भवनों की शिकायतों पर एक्शन लेता तो यह हादसा न होता। जर्जर भवनों को गिराने और चिन्हित करने के लिए अभियान चलाया गया था। पिछले साल इस अभियान का नगर निगम के अधिकारियों और धन्नासेठो ने फायदा उठा लिया था। वहीं गरीब और बिना पहुंच वालों की शिकायतें सुनी ही नहीं गई थी। अब इसका नतीजा नगर आने लगा है।
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हादसे के बाद ही नींद से जागता है रीवा का प्रशासन
रीवा का प्रशासन हादसे के बाद ही नींद से जागता है। पिछले साल गढ़ में एक स्कूल की दीवार गिर गई थी। दीवार से दब कर कई बच्चों की जान चली गई थी। इसके बाद ही जर्जर भवनों केा गिराने का अभियान चलाया गया था। रीवा नगर निगम क्षेत्र में कई भवनों को चिन्हित किया गया था। रीवा जिला से जानकारियां जुटाई गईं थी। ग्रामीण क्षेत्रों में तो कार्रवाई नहीं हुई लेकिन शहर में जरूर की गई। इस कार्रवाई में उन चिन्हित भवनों को छोड़ दिया गया जो सर्वे में मिले थे। बाद में लोगों ने जर्जर भवनेां की आड़ में पुराने घरों की सफाई नगर निगम से करा डाली थी। इन मिली भगत के खेल में कबाड़ी मोहल्ला जैसी जगहों पर मौजूद वास्तविक जर्जर भवन टूटने से रह गए। अब यही धीरे धीरे भरभरा कर गिर रहे हैं। अभी बारिश ने अपना कहर नहीं बरपाया है। वर्ना और न जाने कितने ऐसे मकान जमीन पर आ जाएंगे।