आउटसोर्स कर्मचारी बने अधिकारियों की कमाई का जरिया, फिर डीई ने चार को बाहर निकाला, आज मचेगा हंगामा

बिजली विभाग के आउटसोर्स कर्मचारी अफसरों की कमाई का जरिया बन गए हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति में मोटी रकम मिलती है। इसी वजह से इन्हें हटाने और प्रताडि़त करने का खेल चल रहा है। सबसे अधिक हेरफेर पश्चिम संभाग में चल रहा है। फिर से डीई ने चार कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया है। वहीं कनिष्ठ अभियंता भी इनका स्थानांतरण कर मनमानी कर रहा है। इस खेल पर नियंत्रण किसी का नहीं है।

आउटसोर्स कर्मचारी बने अधिकारियों की कमाई का जरिया, फिर डीई ने चार को बाहर निकाला, आज मचेगा हंगामा
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पश्चिम संभाग में नए डीई के आने के बाद से बढ़ गया है विवाद

जेई पर लगा अवैध वसूली कराने का आरोप तो आउअसोर्स को कर दिया 40 किमी दूर दूसरे डीसी के लिए मुक्त

रीवा। आपको बता दें कि विद्युत विभाग पूरी तरह से आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे ही चल रहा है। यहां तीन कंपनियां काम कर रही हैं। तीनों कंपनियां आउटसोर्स कर्मचारियां नियुक्त की हैं। इन्हें महीने में मामूली वेतन दिया जाता है। इन्हीं आउटसोर्स कर्मचारियों को अधिकारी परेशान कर रहे हैं। रेग्युलर लाइनमैन, जेई, एई के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं होती लेकिन आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रताडि़त किया जाता है। इन्हें कभी भी नौकरी से बाहर किए जाने का फरमान जारी कर दिया जाता है। यह हालात सिर्फ बेरोजगारी के कारण ही है। लोग किसी भी हालत में नौकरी पाने की तलाश में रहते हैं। इसी का फायदा विद्युत विभाग के अधिकारी उठा रहे हैं। पुराने आउटसोर्स कर्मचारियों को निकाल कर नए की नियुक्ति की फिराक में रहते हैं। एक आउटसोर्स की नियुक्ति में कम से कम 70 हजार रुपए तक का सौदा होता है। यही वजह है कि इस लालच में ही सभी अधिकारी फंस गए हैं। कुर्सी पाने वाले अधिकारियों ने भी खूब खर्च किया। अब उसी की वसूली की जा रही है। अधिकारियेंा की इसी अवैध कमाई के चक्कर में आउटसोर्स कर्मचारियों पर गाज गिर रही है। 

कई आउटसोर्स कर्मचारियों को कर दिया बाहर

डीई पश्चिम संभाग भूपेश विक्रम सिंह डिवीजन में आने के बाद से ही सुर्खियों में है। लगातार आउटसोर्स को ही निशाना बना रहे हंै। इस बार फिर उन्होंने मिथुन साकेत, धीरेन्द्र , ब्रम्हस्वरूप दुबे और शरद पाण्डेय की सेवाएं कंपनी को वापस कर दी हैं। इसके अलावा डीई ने अवनीश शुक्ला, धीरेन्द्र द्विवेदी आउटसोर्स कर्मचारियों को भी नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। 

आपरेटर को मिली जेई की कुर्सी तो करने लगा स्थानांतरण

बिजली विभाग में इन दिनों रुपए देकर कुर्सी पाने वाले अधिकारियों का ही जलवा है। खुलेआम अपने अपने क्षेत्रों में आतंक मचाए हुए हैं। नया मामला जीईसी डीसी में पदस्थ श्याम नंदन  मिश्रा का सामने आया है। उन्होंने क्षेत्र के एक ऐसे विवादित मीटर रीडर को संरक्षण दे दिया जिसे सीई ने बाहर करने के आदेश दिए थे। दोनों ही मिल कर क्षेत्र में नए कनेक्शन में लाखों का खेल कर रहे हैं। वहीं काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को भी अवैध वूसली नहीं करने पर हटाने की धमकी दी जा रही है। आदेशों का पालन नहीं करने पर एक आउटसोर्स कर्मचारी दिलीप शर्मा को प्रताडि़त करने के लिए इटौरा से हटा दिया गया है। उकसा स्थानांतरण 40 किमी दूर कर दिया गया है। मजे की बात यह है कि जेई ने आदेश जारी किया, जिसके पास पॉवर ही नहंी है। कार्यपालन अभियंता, अधीक्षण अभियंता या फिर मुख्य अभियंता ही आदेश जारी कर सकते हैं। 

अधीक्षण अभियंता कार्यालय का करेंगे घेराव

नौकरी से बाहर किए जाने और एक आउटसोर्स को परेशान करने को लेकर विंध्य आउटसोर्स कर्मचारी संगठन बुधवार को एसई कार्यालय का घेराव करेगा। कई बार मुख्य अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता तक से गुहार लगा चुके लेकिन पश्चिम संभाग के डीई और जेई की मनमानी पर लगाम नहीं लग रहा है। यही वजह है कि आउटसोर्स कर्मचारी संगठन ने आंदोलन की चेतावनी दी है। आज अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपा जाएगा।