ऐसे में कैसे बनेगा रीवा मेडिकल हब, हर दिन 3 हजार इलाज कराने जा रहे नागपुर, एयर एम्बुलेंस में टॉप पर

रीवा में इलाज की सारी सुविधाएं मौजूद हैं। बड़े बड़े प्राइवेट अस्पताल खुल रहे हैं। सुपर स्पेशलिटी और मेडिकल कॉलेज भी हैं लेकिन लोगों का विश्वास नहीं जीत पा रहे। सारी सुविधाएं होने के बाद भी नागपुर जाने वालों की भीड़ थम नहीं रही है। हर दिन करीब 3 हजार मरीज बस और ट्रेन से नागपुर इलाज कराने जा रहे हैं। सप्ताहित चलने वाली ट्रेन भी अब रेग्युलर हो गई है।

ऐसे में कैसे बनेगा रीवा मेडिकल हब, हर दिन 3 हजार इलाज कराने जा रहे नागपुर, एयर एम्बुलेंस में टॉप पर

सरकारी अस्पताल पर नहीं जनप्रतिनिधियों को भी भरोसा, प्राइवेट में कराते हैं इलाज
रीवा जिला में 483 प्राइवेट और सरकारी अस्पताल हो रहे हैं संचालित
30 से 35 बसें चल रहीं, दो ट्रेनों का भी हो रहा है संचालन
रीवा। डिप्टी सीएम रीवा को मेडिकल हब बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। डॉक्टरों के रिक्त पदों को भरने के साथ ही मेडिकल कॉलेज में हर बीमारी का इलाज उपलब्ध कराने की कोशिशों में जुटे हैं। डिप्टी सीएम की कोशिश से ही सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में दिल के आपरेशन और किडनी ट्रांसप्लाँट जैसी सुविधाएं शुरू हो गईं हैं। इसके बाद भी लोगों में डॉक्टरों के प्रति विश्वास पनप नहीं पा रहा है। नागपुर जाने वाली भीड़ कम नहीं हो रही है। नागपुर के लिए बसों की संख्या बढ़ती जा रही है। ट्रेन भी रेग्युलर चलने लगी है। अब इससे ही रीवा के मेडिकल हब बनने के सपने में लगने वाले समय का अंदाजा लगाया जा सकता है। रीवा से नागपुर, जबलपुर, भोपाल रेफर होने वाले मरीजों की भी संख्या ज्यादा है। एयर एम्बुलेंस के उपयोग के मामले में भी रीवा प्रदेश में टॉप पर है।
यह सारी सुविधाएं रीवा में हुई शुरू
रीवा में कई ऐसी सुविधाएं शुरू हो गई हैं जिनके लिए मरीजों को बाहर जाना पड़ता था। अब रीवा में ही किडनी ट्रांसप्लांट हो रहा है। ओपन हार्ट सर्जरी शुरू हो गई है। एंजियोग्राफी और एंजियोप्लासी की भी सुविधा मिल रही है। कैंसर का इलाज सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मिल रहा है। जिला अस्पताल में भी कई मशीनें स्थापित हो गई हैं। डायलिसिस की सुविधा भी शुरू हो गई है। सुपर स्पेशलिटी और जिला अस्पताल में डायलिसिस हो रही है।
प्राइवेट अस्पताल तो खुल गए लेकिन विश्वास नहीं जीत पा रहे
रीवा में कई बड़े चिकित्सकों के अस्पताल संचालित हैं। कोई रिसर्च सेंटर खोल रखा है तो कोई स्पेशलिटी अस्पताल संचालित कर रहा है। इसके बाद भी लोगों का विश्वास डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन जीत नहीं पा रहे हैं। मरीज ठीक हो जाएंगे यह विश्वास नहीं दिला पाते। इसके कारण भी मरीज प्राइवेट अस्पतालों पर भी विश्वास नहीं कर पाते। आए दिन प्राइवेट अस्पतालों में हंगामे हो रहे हैं।

हर दिन 10 से 15 मरीज रेफर होते हैं
प्राइवेट एम्बुलेंस संचालक भूरा ने बताया कि रीवा में प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों से हर दिन 10 से 15 मरीज नागपुर लेकर जाते हैं। इसके पीछे वजह बेहतर इलाज में कमी और डॉक्टरों का व्यवहार बड़ी वजह बनता है। यही वजह है कि स्थानीय स्तर पर इलाज कराने से बेहतर मरीजों को परिजन लेकर नागपुर चले जाते हैं। नवजात और छोटे बच्चों के लिए रीवा में वेंटीलेटर युक्त एम्बुलेंस भी नहीं है। जबलपुर से एम्बुलेंस बुलाकर कई परिजन मरीजों को नागपुर ले जा चुके हैं।
जल्द ही कैंसर यूनिट भी स्थापित होने वाली है
भारत सरकार द्वारा संचालित परियोजना प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत स्वीकृत क्रिटिकल केयर ब्लाक 16.63 करोड़ की लागत से बन रहा है।  अत्याधुनिक अधोसंरचनायुक्त कैंसर यूनिट का निर्माण शुरू हो गया है। कैंसर यूनिट के निर्माण में संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय में स्थित कैंसर यूनिट सीसीबी में प्रतिस्थापित की जाएगी।  करीब  31 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। इसके माध्यम से कैंसर यूनिट को लीनियर पार्टिकल एक्सिलरेटर मशीन एवं सीटीसिमुलेटर मशीन प्राप्त होगी। इस मशीन के इंस्टाल होने से विंध्य क्षेत्र के कैंसर रोगियों का अत्याधुनिक तकनीक से बेहतर उपचार संभव होगा।
बाक्स....
रीवा जिला में संस्थान
प्रकार                  संख्या
जनसंख्या             23.63 लाख
ब्लाक                   09
सुपर स्पेशलिटी      01
मेडिकल कॉलेज      01
जिला अस्पताल      01
सिविल अस्पताल     05
सीएचसी                09
पीएचसी                45
अर्बन सीएचसी        03
संजीवनी क्लीनिक   09   
एसएचसी               328
प्राइवेट अस्पताल      72
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रीवा से नागपुर के बीच में करीब 30 से 35 बसों का संचालन हो रहा है। एक ट्रेन भी रेग्युलर शुरू हो गई हैं। इसमें अधिकांश सवारियां इलाज करने ही जाती हैं। इसके अलावा कुछ लोग रोजगार की तलाश में जाते हैं।
प्रेम मोदनवाल, संचालक
सांई टूर एंड ट्रेवल्स, पुराना बस स्टैण्ड रीवा