डिप्टी सीएम के खास मेडिकल कॉलेज डीन ने पी लिया अमृत, 10 गुना अधिक दर पर खरीदी दवाइयां

रीवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने डिप्टी सीएम ने रेग्युलर डीन की पदस्थापना कराई। डीन से बेहतर और इमानदार काम की उम्मीद थी लेकिन रीवा आने के बाद डीन अमृत पीने लग गये। नियम विरुद्ध अमृत फार्मेसी से 10 गुना महंगी दर पर करोड़ों की दवाइयां खरीद डाली। पोल खुलने पर शिकायत पीएस और सीएस तक पहुंच गई है।

डिप्टी सीएम के खास मेडिकल कॉलेज डीन ने पी लिया अमृत, 10 गुना अधिक दर पर खरीदी दवाइयां

दवा खरीदी में करीब 2 करोड़ की अनियमिता का आरोप 

ड्रग कार्पोरेशन में जो दवाइयां मौजूद थीं उन्हें भी अमृत फार्मेसी से 4-10 गुना कीमत में खरीदा गया

रीवा। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज डीन डा सुनील कुमार अग्रवाल रीवा आने के बाद से ही विवादों में आ गये है। डीन ने दोनों हाथों से रुपये कमाना शुरू कर दिया। इसके कारण नियमों का ख्याल नहीं रखा। अब इसी नियम विरुद्ध कार्यों में डीन अब फंसने लगे हैं। नया मामला सुपर स्पेशियलिटी, संजय गांधी अस्पताल के लिए दवा खरीदी का सामने आया है। इसकी शिकायत मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग भोपाल तक पहुंच गई है। इस शिकायत ने पूरे मेडिकल कॉलेज की किरकिरी कर दी है। यह पहला मामला है जब किसी डीन ने शासन की राशि का दुरुपयोग लोगों की जान बचाने वाली दवाइयों की खरीदी के नाम पर की हो। मामला तूल पकड़ चुका है।

9 बिंदुओं पर की गई है डीन की शिकायत 

अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा की शिकायत 9 बिंदुओं पर की गई है।श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा में वित्तीय वर्ष 2024-25 में शासन द्वारा प्रदाय बजट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शिकायत की गई है। यह शिकायत रीवा के ही नागेन्द्र यादव ने की है। अधिष्ठाता श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा डॉ० सुनील अग्रवाल ने अपने पदीय दायित्वों का दुरूपयोग करते हुये शासन की राशि में व्यापक भ्रष्टाचार वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान किया गया है।

शिकायत के यह हैं बिंदु

1. शासन द्वारा अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, रीवा को सुपरस्पेशलिटी अस्पताल तथा संजय एवं गांधी स्मारक चिकित्सालय, रीवा में औषधियों की खरीदी के लिए बजट का आवंटन एमपी औषधि पोर्टल के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2024-25 अन्तर्गत मार्च 2025 में किया गया ।

2. इस बजट से अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय रीवा द्वारा कार्पोरेशन से औषधियों का उपार्जन न करते हुये अमृत फार्मेसी से दुरभिसंधि स्थापित कर खरीदी की प्रक्रिया की गई, जबकि शासन द्वारा अमृत फार्मेसी से क्रय संबंधी कोई भी निर्देश 2022 उपरांत जारी नहीं किये गये हैं।

3. अधिष्ठाता, द्वारा अमृत फार्मेसी से ऐसी औषधियों का उपार्जन किया गया है जो कि स्थानीय निविदा सहित कॉर्पोरेशन में भी उपलब्ध थीं।

4. अधिष्ठाता द्वारा औषधियों की खरीदी अमृत फार्मेसी के माध्यम से 4 गुना अधिक दर पर की गयी है, जबकि चिकित्सालय में पूर्व से स्थानीय खरीदी के लिए की गई निविदा में उक्त औषधियां अत्यंत कम दरों पर उपलब्ध हैं।

5. कॉर्पोरेशन के दरों पर उपलब्ध औषधियों की भी खरीदी अधिष्ठाता ने अमृत फार्मेसी से 10-10 गुना अधिक दर पर की। इससे शासन को वित्तीय हानि पहुंचाई गई।

6. अधिष्ठाता द्वारा अमृत फार्मेसी में इम्पैनल्ड निविदाकारों से सांठगांठ कर करोड़ों की राशि का हेरफेर किया है।

7. राज्य की संचित निधि का दुरूपयोग कर अधिष्ठाता ने राज्य के नागरिकों तथा शासन के साथ छल किया है।

8. अधिष्ठाता द्वारा किया गया आर्थिक अपराध गंभीर प्रकृति का है।

9. अधिष्ठाता ने करीब 200.00 लाख रुपए की खरीदी बिना उपार्जन नियमों का पालन करते हुए की है। इसमें अधिष्ठाता द्वारा लाखों रूपये का भ्रष्टाचार करने के लिए अमृत फार्मेसी के निविदाकार से दवाइयां ली गयी हैं।

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अभी और भी खुलासे हैं, खबरों के साथ बने रहिए और डीन के कारनामे पढ़ते रहिए