वी मित्र ने पकड़े रीवा में बिजली चोर, अफसरों की खोली पोल, 310 पकड़ाए, शिकायत करने वाले 32 हजार कमाए
अब अफसरों की पोल और बिजली चोरों के साथ गठबंधन की पोल वी मित्र ने खोलनी शुरू कर दी है। 310 बिजली चोरी की पहचान वी मित्रों ने उजागर की है। 67 मामलों में एक्शन हुआ है। प्रकरण भी बना है। बिजली चोरी पकड़वाकर वी मित्रों ने अब तक 32 हजार कमा भी लिए हैं। हद तो यह है कि बिजली चोरी की जानकारी वी मित्र ज्यादा तेज दे रहे हैं लेकिन अधिकारी समय में जांच नहीं कर पा रहे हैं। अब बिजली चोरी कराने वाले कर्मचारी, अधिकारी भी रडार पर आएंगे। उनकी कमाई तो जाएगी सैलरी से भी कट जाएगी।

पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 21 जिलों से कुल 4927 शिकायतें हुई वी मित्र पोर्टल पर दर्ज
सबसे अधिक 2381 बिजली चोरी के मिले, वी मित्रों ने 4 लाख 33 हजार 235 रुपए का रिवार्ड भी पाया
रीवा। आपको बता दें कि बिजली चोरों को पकडऩे के लिए विद्युत विभाग ने वी मित्र योजना शुरू की है। इस एप में रजिस्ट्रेशन करा कर कोई भी वी मित्र बन सकता है। बिजली चोरों की सही जानकारी देकर इनाम का हकदार भी हो सकता है। इस योजना की शुरुआत हो गई और रिजल्ट भी आने शुरू हो गए हैं लेकिन अधिकारी आने वालेे जानकारियों को सही तरीके से और तेज गति से चेक नहीं करा पा रही है। यह वी मित्र अधिकारियों की पोल खोलने वाला भी है। इसमें बिजली चोरी मिलने पर अफसरों पर भी कार्रवाई के निर्देश हैं। इसलिए इसमें भी जानबूझ कर अधिकारी मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। रीवा जिला में अब 310 सूचनाएं आई हैं। इसमें से 233 शिकायतों की ही जांच हो पाई है। इसमें से भी 67 में एक्शन भी हुआ और पेनाल्टी की राशि जमा कराई गई। हालांकि अभी जानकारियों का ग्राफ कम ही है। रीवा जिला जिस हिसाब से बिजली चोरी के मामले में बदनाम है। उसके हिसाब से वी मित्र में शिकायतें दर्ज नहीं हो रही हैं।
सबसे अधिक बिजली की शिकायत पहुंची
वी मित्र में शिकायत दर्ज करने के मामले में बहुत अच्छी स्थिति तो नहंी है लेकिन फिर भी संतोषजनक शुरुआत हुई है। 310 बिजली की जानकारियां दर्ज की गई है। इसमें 6 शिकायतों में पता सही नहीं मिला। 19 उपभोक्ताओं में ओव्हर लोड मिला। 7 उपभोक्ता एक ही कनेक्शन से कई कनेक्शन संचालित करते पाए गए। 23 उपभोक्ताओं ने मीटर में टेम्परिंग करा रखा था। 10 उपभोक्ताओं की मीटर में गड़बड़ी मिली। 252 मामलों में डायरेक्ट बिजली चोरी के आए।
कोई भी बन सकता है वी मित्र
बिजली विभाग की इस योजना में कोई भी शामिल हो सकता है। कोई भी पोर्टल से जुड़ कर वी मित्र बन सकता है। अब उसे मोबाइल के जरिए बिजली चोरी की जानकारी बतानी होगी। सही जानकारी मिलने और जुर्माना की कार्रवाई होने पर कुछ प्रतिशत राशि जानकारी देने वाले वी मित्र को इनाम के रूप में दी जाती है। इतना ही नहीं इस योजना के वी मित्र को तो इनाम का नियम है लेकिन चोरी मिलने पर कर्मचारियों, अधिकारियों पर भी गाज गिरनी तय है।
किस जिले में वी मित्र में कितने प्रकरण हुए दर्ज
जिला कुल केस चेक कार्रवाई अवार्ड
मंडला 410 293 115 73735
जबलपुर सिटी 407 184 116 11000
अनूपपुर 364 246 104 23710
सिवनी 341 293 100 33830
शहडोल 327 217 63 28280
रीवा 310 233 67 32410
छिंदवाड़ा 309 238 83 39805
सतना 309 237 164 72015
जबलपुर 264 192 208 7625
्रउमरिया 262 193 48 22450
छतरपुर 222 163 27 11810
नरसिंहपुर 213 109 67 4870
कटनी 193 181 28 13300
डिंडौरी 185 145 39 11335
सिंगरौली 167 114 52 24985
पन्ना 129 87 07 3500
टीकमगढ़ 120 108 10 4500