आमरण अनशन पर बैठे नौकरी से बाहर किए गए मीटर रीडर की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में भर्ती
विद्युत विभाग से ब्लैक लिस्टेड कर बाहर किए गए मीटर रीडर आमरण अनशन कर रहे हैं। इनमें से एक की तबीयत रविवार को बिगड़ गई। एम्बुलेंस की मदद से अनशनकारी को जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां उसका इलाज जारी है। अनशनकारी पिछले 6 दिनों से अनशन पर बैठे हुए हैं। भरी बारिश में भी अनशन जारी है। विद्युत विभाग के अधिकारियों ने इनकी सुध तक नहीं ली। हर बार उन्हें झूठा आश्वासन देकर चलता कर देते हैं। इस मर्तबा अनशनकारी आरपार की लड़ाई लडऩे अनशन पर बैठे हैं।

जिला अस्पताल में कराया गया भर्ती, 17 से चल रहा है आमरण अनशन
रीवा। ज्ञात हो कि विद्युत विभाग में आउटसोर्स कंपनी के अंडर मीटर रीडिरों की नियुक्ति की गई थी। करीब 50 से अधिक मीटर रीडरों को फोटो मीटर रीडिंग में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था। इन सभी को नौकरी से बाहर कर दिया गया था। यही ब्लैक लिस्टेड कर बाहर किए गए मीटर रीडर पिछले एक साल से दोबारा नौकरी पर रखे जाने की मांग कर रहे हैं। विभाग पर गलत तरीके से कार्रवाई कर नौकरी से बाहर किए जाने का आरोप लगा रहे हैं। अब तक तीन मर्तबा मीटर रीडिर अनशन कर चुके हैं। पहली मर्तबा मुख्य अभियंता कार्यालय के बाहर ब्लैक लिस्टेड मीटर रीडरों ने अनशन किया था। तब मुख्य अभियंता ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर मामले की जांच कराने का आदेश दिया था। जांच के बाद दोबारा नौकरी पर रखने का आश्वासन दिया था। इसके बाद ही अनशन खत्म हुआ था। कई महीनों तक जक कोई आदेश नहीं हुआ तो फिर जून में कमिश्नर कार्यालय के बाहर आमरण अनशन किया गया। तब मुख्य अभियंता ने एसई और शहर संभाग के कार्यपालन अभियंता को मनाने भेजा था। साथ ही एक पत्र भी भेजा था कि सभी को विजलेंस विभाग में रखा जाएगा। इस आश्वासन के बाद भी कुछ नहीं हुआ तो मीटर रीडरों ने फिर से 17 जून से कमिश्नर कार्यालय के बाहर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। भरी बारिश में भी उनका अनशन जारी है। रविवार को एक अनशनकारी प्रमोद चतुर्वेदी की हालत बिगड़ गई। जिसे तुरंत एम्बुलेंस की मदद से बिछिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां प्रमोद चतुर्वेदी का इलाज जारी है। अब तक विभाग की तरफ से अनशन पर बैठे मीटर रीडिरों को वापस रखने का आश्वासन नहीं मिला है। हालांकि इस मर्तबा अनशन पर बैठे मीटर रीडरों ने तय कर लिया है कि आश्वासन पर वह अनशन समाप्त नहीं करेंगे। जब तक आदेश नहीं मिलेगा तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। मीटर रीडरों के अनशन और मांग को विंध्य आउटसोर्स कर्मचारी संगठन ने भी समर्थन दिया है। विंध्य आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रदेश सचिव सतीश चौबे का कहना है कि यदि विभाग ने अनशन पर बैठे मीटर रीडरों के साथ न्याय नहीं कियाा तो सभी विंध्य आउटसोर्स कर्मचारी भी उनके समर्थन में उतर आएगा।