अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही: एनआईसीयू में भर्ती नवजातों के चूहे कुतर गए हाथ

सरकारी अस्पताल में कुछ भी कारनामा संभव हैं। अब यहां नवजात भी सुरक्षित नहंी है। एनआईसीयू जैसी जगह में घुस कर चूहों ने नवजातों के हाथ कुतर दिए। इसके बाद प्रबंधन हरकत में आया है। चूंहो के इंट्री प्वाइंटर बंद कराए गए हैं।

अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही: एनआईसीयू में भर्ती नवजातों के चूहे कुतर गए हाथ

इसके पहले मर्चुरी में शव तक कुतर चुके हैं चूहे, रात में मचाते हैं आतंक

इनकी घुसपैठ हर जगह है, 11 साल पहले पेस्ट कंट्रोल कराया गया था फिर जस की तस हुई हालत

इंदौर। यह पूरा मामला मप्र के सबसे बड़े अस्पताल एमवायएच इंदौर का है। यहां एनआईयीयू में चूहो का आतंक है। यहां भर्ती नवजात बच्चों की जान तक सुरक्षित नहीं है। चूहे इन्हें अपना निवाला बना रहे हैं। नवजात बच्चों को एनआईसीयू में रखा जाता है। यहां दो दिन में दो बच्चों को चूहे कुतर चुके हैं। हद तो यह है कि लगातार हो रही घटनाओं के बाद भी प्रबंधन अभी हरकत में नहीं आया है। कोई बड़े कदम उठाने को तैयार नहीं है। घटना प्रकाश में के बाद हालांकि एनआईसीयू में चूहों के प्रवेश के सारे रास्ते बंद करा दिए गए हैं लेकिन उन्हें ज्यादा दिनों तक रोका नहीं जा सकेगा। चूहों की संख्या अस्पताल में इतनी अधिक है कि वह अपना रास्ता बना ही लेंगे। 

रात में ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं चूहे

एमवायएच मप्र का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां भारी भीड़ पहुंचती है। पूरे परिसर में ही खाने पीने की चीजें फिंकी रहती है। इसके कारण भी यहां चूहे अधिक हैं। इन चूहों की अस्पताल परिसर में भरमार है। नीचे से लेकर ऊपर और हर वार्ड में चूहे मौजूद हैं। इनका आतंक रात होते ही बढ़ जाता है। जैसे ही लोगों की आवाजाही कम होती है। इनका आतंक शुरू हो जाता है। यह सिर्फ मरीजों के लिए ही खतरा नहीं है। मशीन और उपकरण को भी नुकसान पहुंचाते रहते हैं। 

इसके पहले भी चूहे कर चुके हैं कांड

मप्र के अस्पतालों में चूहे इसके पहले भी कांड कर चुके हैं। सागर जिला अस्पताल की मर्चुरी में रमेश अहिरवार के शव को चूहो ने जनवरी 2023 में कुतर दिया था। एक आंख गायब कर दी थी। 

इसी तरह जून 2023 में ही भोपाल हमीदिया की मार्चुरी में मृतक बीआर सिंह के कान चूहों ने कुतर दिए थे। 

रतलाम जिला अस्पताल में वर्ष 2019 में एक कोमा मरीज का पैर चूहों ने कुतर दिया था। सुबह खून बहता देखकर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया था।