पीके स्कूल में मौत का तालाब...ठेकेदार को ऑडिटोरियम की स्वीकृति नहीं मिली लेकिन गड्ढा खोद दिया, अब खतरे में छात्राएं

पीके स्कूल में पढऩे वाली छात्राओं पर हर समय मौत का खतरा मंडरा रहा है। यहां करीब 54 करोड़ की लागत से नया भवन बन रहा है। यह भवन बनने के पहले ही शायद ठेकेदार की लापरवाही किसी ने किसी की बली जरूर ले लेगी। इसके पीछे वजह ठेकेदार की लापरवाही मानी जा रही है।

पीके स्कूल में मौत का तालाब...ठेकेदार को ऑडिटोरियम की स्वीकृति नहीं मिली लेकिन गड्ढा खोद दिया, अब खतरे में छात्राएं

पीके स्कूल में बन रहा रीवा का सबसे महंगा और बड़ा भवन

पहले 69 करोड़ का शासन के पास भेजा गया था प्रस्ताव लेकिन स्वीकृति 54 करोड़ की ही मिली

रीवा। आपको बता दें कि पीके संदीपनि गल्र्स स्कूल में ठेकेदार ने मौत का तालाब बना दिया है। हद तो यह है कि बिना प्रशासकीय स्वीकृति के ही ठेकेदार ने यह तालाब खोद दिया। अब इसमें बारिश का पानी भर गया है। पीके स्कूल में पढऩे वाली छात्रों पर हर संभव मौत का खतरा मंडरा रहा है। इस विशाल गड्ढे के पास ही कक्षाएं संचालित होती है। यहां हर समय छात्राओं का आना जाना लगा रहता है। यहां दो पालियों में स्कूल संचालित होती है। पहली से 12वीं तक की बच्चियां यहां पढऩे आती हैं। ऐसे में यह तालाब नुमा गड्ढा किसी की भी जान ले सकता है। यहां सुरक्षा के लिहाज से सिर्फ मलवा की दीवार है। इसके अलावा किसी तरह की बैरिगेटिंग नहीं की गई है। ठेकेदार की यह लापरवाही कभी भी बड़े हादसे को जन्म दे सकती है। 

आपको बता दें कि रीवा शहर में पीके स्कूल को पहले सीएम राइज और अब नाम बदलकर संदीपनी विद्यालय कर दिया गया है। यहां रीवा और मऊगंज की सबसे बड़ी और महंगी बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है। ऐसा भवन पूरे जिला में कहीं भी नहीं है। इसके लिए पहले पीआईयू ने शासन के पास स्वीकृति के लिए 69 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा था। इसमें से सिर्फ 54 करोड़ की ही स्वीकृति मिली। इसमें आडिटोरियम और मिड डे मील भवन की स्वीकृति न हीं दी गई। बिना स्वीकृति मिले ही ठेकेदार ने अधिकारियों के रोकने के बाद भी बेस के लिए गड्ढा खो दिया। अब स्वीकृति नहीं मिली और काम बंद है। ठेकेदार के खोदे गए गड्ढे में इतना पानी भर गया है कि कोई भी इसमें डूब सकता है। 

एक स्वीमिंग पूल से भी ज्यादा इसमें पानी भरा है। यहं गड्ढा ठीक विद्यालय में जहां कक्षाएं संचालित होती हैं। उसी के पास ही है। इसके आसपास भी छात्राएं घूमती रहती हैं। कभी यदि छात्राओं का पैर फिसला और गलती से भी इस तालाब नुमा गड्ढे में कोई गिरा तो हादसा तय है। आपको यह भी बता दें कि इस पीके संदीपनी स्कूल के नए भवन का निर्माण शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है। यह वही कंपनी है जिस पर हाल ही में वन विभाग ने भी प्रकरण दर्ज किया है। इस कंपनी ने वन विभाग से अनुमति लिए बिना ही जंगल में सड़क का चौड़ीकरण कर दिया था। इसमें एमआरडीसी भी शामिल हैं। अब इस कंपनी का एक और कारनामा सामने आया है। 

फिर से रिवाइज प्रस्ताव भेजा गया है

पीआईयू रीवा के अधिकारियों ने पहले ही शासन के पास 69 करोड़ का प्रस्ताव भेजा था। हालांकि शासन से सिर्फ 54 करोड़ का ही बजट स्वीकृत किया गया। ठेकेदार ने काम शुरू कर दिया। शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी ने 69 करोड़ में स्वीकृत के लिए भेजे गए कार्यों के हिसाब से ही काम किया। ऑडिओरियम के लिए भी गड्ढा खोद दिया। अभी इसकी स्वीकृति नहीं मिली है। पीआईयू के अधिकारियों ने इस गड्ढे को सुरक्षा के लिहाज से कवर करने को कहा था लेकिन ठेकेदार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। फिलहाल पीआईयू ने फिर से रिवाइज प्रस्ताव शासन के पास भेजा है।