लापरवाही: दिल्ली में भूखे प्यासे आदेश के इंतजार में बैठे रहे विवि के खिलाड़ी लेकिन पत्र नहीं पहुंचा, नेशनल गेम खेले बिना ही लौटे

अवधेश प्रताप ङ्क्षसह विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग की लापरवाही ने होनहार खिलाडिय़ों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। आल इंडिया यूनिवर्सिटी नेशनल गेम खेलने रीवा से खिलाड़ी दिल्ली रवाना हो गए लेकिन दिल्ली तक यहां से अधिकारी और पत्र नहीं पहुंचा। एचओडी की लापरवाही के कारण होनहारों को नेशनल गेम में शामिल हुए बिना ही वापस लौटना पड़ा। छात्र दिल्ली में ही भूखे प्यासे इंतजार करते रहे। उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं मिली। विवि शारीरिक शिक्षा विभाग की लापरवाही से आल इंडिया यूनिवर्सिटी नेशनल गेम नहीं खेल पाए। अब शारीरिक शिक्षा विभाग के एचओडी छात्रों को ही झूठा बताने पर तुले हुए हैं।

लापरवाही: दिल्ली में भूखे प्यासे आदेश के इंतजार में बैठे रहे विवि के खिलाड़ी लेकिन पत्र नहीं पहुंचा, नेशनल गेम खेले बिना ही लौटे

छात्रों ने लगाया शारीरिक शिक्षा विभाग के एचओडी पर लापरवाही का आरोप

एचओडी ने आरोपों से किया किनारा बोले बिना जानकारी के ही चले गए थे दिल्ली

रीवा। मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान के झुंझुन में बेस बाल का नेशनल गेम होना था। यह गेम 14 से 17 जून  तक होनी थी। छात्रों ने इसका पत्र एचओडी को 3 जून को ही दे दिया था। उन्होंने रुपए स्वीकृत कराने की मांग की थी। हालांकि एचओडी ने छात्रों की बातों को गंभीरता से नहीं लिया। 10 जून को फाइल कुलपति के पास भेजी गई तो कुलपति ही अवकाश पर चले गए। कुलसचिव के पास भेजी गई तो वह भी अवकाश पर चले गए। रुपए स्वीकृति होने में देरी होता देख छात्रों को बिना सुविधा और व्यवस्थाओं के ही दिल्ली भेज दिया गया। छात्रों ने बताया कि एचओडी ने दो छात्रों को छोड़कर शेष छात्रों को दिल्ली भेज दिया गया। छात्र जनरल कोच में गए थे। दो कोच के लिए राजस्थान के लिए एसी में टिकट भी बुक कराई। वहीं छात्र दिल्ली तक बदहाली की मार झेलते गए। जनरल कोच में छात्राएं और छात्रों ने यात्रा की। इसके बाद दिल्ली में सभी नेशनल गेम में शामिल होने के पत्र का इंतजार करते रहे। उन्हें अनुमति पत्र नहीं मिला। 32 छात्र दिल्ली में थे लेकिन यहां से नेशनल गेम में शामिल होने का पत्र और मैनेजर को भेजा ही नहीं गया। इसके कारण पूरी टीम के सदस्यों को वापस लौटना पड़ा। छात्रों ने शारीरिक शिक्षा विभाग के एचओडी रामभूषण मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उन्हें रामभूषण मिश्रा के एचओडी बनने के बाद कभी ट्रैक शूट तक नहीं मिला। किट बैग तक नहीं दी गई थी। इसके कारण छात्रों को अपना सामान बोरी में भरकर दिल्ली ले जाना पड़ा। वहीं दूसरी तरफ छात्रों के आरोपों को रामभूषण मिश्रा ने सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने बताया कि छात्र उन्हें बताए बिना ही दिल्ली चले गए थे। यहां सिर्फ दो छात्र थे। जब टीम की तलाश की गई तो कोई भी नहीं मिला। उन्होंने कहा कि छात्र बिना बताए ही दिल्ली चले गए थे। यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। 

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छात्रा ने बताया कि आल इंडिया यूनिवर्र्सिटी गेम खेलने जाना था। हम जब यहां से रवाना हुए तो हमारे साथ कोई कोच रवाना नहीं हुए। किसी तरह की सहायता नहीं मिली। पैसे लगातार दिल्ली पहुंचे। दिल्ली में भूखे प्यासे बैठे रहे। एचओडी ने किसी तरह की मदद से इंकार कर दिया। आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई। फिर वापस लौट आए। चार दिन से लगातार सफर कर रहे हैं। रामभूषण मिश्रा ने ही पहले भेजा फिर आगे जाने की अनुमति नहीं दी। 

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शिवम मिश्रा ने बताया कि एपीएस यूनिवर्सिटी से फिजिकल एजुकेशन से ही बीपीएड कर रहा हूं। मेरा मेजर गेम बेस बाल है। हम सभी खिलाड़ी बेसबाल गेम खेलने गए थे। 14 से 17 जून को हमारी प्रतियोगिता थी। संचालक को हमने इसकी जानकारी 31 मई को दे दी थी।  3 जून को भी गए थे। उन्होंने गंभीरता नहीं दिखाई। 10 जून को पत्र कुलपति को लेखा। कुलपति 11 को अवकाश पर चले गए। इसके बाद कुलसचिव के पास भेजी गई। वह भी अवकाश पर चले गए। हमें यहां से दिल्ली भेज दिया गया। किसी तरह की सहायता राशि स्वीकृति नहीं हुई थी। अपने खर्चे से गए। दो कोच का एसी टिकट भी कराया। फिर दिल्ली में इंतजार करते रहे लेकिन अनुमति पत्र आगे जाने और राजस्थान में होने वाले नेशनल गेम में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। बिना खेले ही सभी खिलाडिय़ों का वापस लौटना पड़ा।