रीवा की उम्मीदों पर विवि प्रबंधन ने फेर दिया पानी, नैक ग्रेडिंग में औंधे मुंह गिरा

अवधेश प्रताप सिंह विवि प्रबंधन नैक मूल्यांकन टीम के आंकलन में खरी नहीं उतरी। नैक मूल्यांकन टीम व्यवस्थाओं से नाराज होकर वापस लौटी। अव्यवस्थाओं का खामियाजा अब विंध्य को भुगतना होगा। नैक ग्रेडिंग में सिर्फ बी प्लस प्लस से ही संतोष करना होगा। ए ग्रेड में भी विवि नहीं आ पाया।

रीवा की उम्मीदों पर विवि प्रबंधन ने फेर दिया पानी, नैक ग्रेडिंग में औंधे मुंह गिरा
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नैक ने जारी की ग्रेडिंग, विवि बी प्लस प्लस में ही सिमट गया
रीवा। अवधेश प्रताप ंिसंह विश्वविद्यालय को जोर का झटका लगा है। नैक ग्रेडिंग में ए ग्रेड की उम्मीद प्रबंधन लगाए हुए थे। निरीक्षण कर लौटी टीम की रिपोर्ट के बाद जब ग्रेडिंग जारी हुई तो सबके होश ही उड़ गए। अवधेश प्रताप सिंह विवि को बी प्लस प्लस ग्रेड में ही संतोष करना पड़ेगा। विवि को अपनी खामियों की कीमत अब एक साल तक भुगतनी पड़ेगी। इसके पीछे कई कमियों वजह बनी है। नियमित शिक्षक के पास कोई शोध प्रोजेक्ट ग्रंथालय में न होने व ऐसे कुछ अन्य कारणों से विश्वविद्यालय बेहतर ग्रेडिंग से वंचित रह गया; अब विश्वविद्यालय को फिलहाल इसी बी प्लस प्लस ग्रेड से संतोष करना पड़ेगा। चूंकि यह नैक ग्रेडिंग 4 वर्ष के लिए होती है। अत: इसके बाद पुन: ग्रेड सुधार के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन प्रयास कर सकता है। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय का इसके पहले वर्ष 2016 में नैक मूल्यांकन हुआ था। विश्वविद्यालय को बी ग्रेड मिला था। उक्त ग्रेड की अवधि वर्ष 2021 में समाप्त हो गई थी परंतु कोरोनाकाल के चलते विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन की तैयारी में पिछड़ा रहा। वर्ष 2023 में नैक मूल्यांकन कराने विश्वविद्यालय में सरगर्मी बढ़ी, जिसका परिणाम अब सामने आ गया है।
0.12 अंक से बिगड़ा मामला
बताते हैं कि वर्ष 2024 के इस मूल्यांकन में विश्वविद्यालय को 2.89 सीजीपीआई अंक मिले है। यदि 0.12 अंक बढ़कर 3.01 अंक और मिल जाते तो विश्वविद्यालय को ए ग्रेड मिल जाता। अब बी प्लस प्लस ग्रेड मिलने से विश्वविद्यालय को रूसा या अन्य स्रोत से मिलने वाली अनुदान व सहायता राशि में कुछ वृद्धि हो सकेगी।
इन्होंने किया था विवि का मूल्यंाकन और निरीक्षण
नैक टीम में डॉ सम्पदा कुमार स्वाइन, प्रो वीआरसी कृष्णैय, डॉ हंसवाहिनी ङ्क्षसह, डॉ देविंदर कुमार व डॉ विंजनामपति मधुरिमा सदस्य के तौर पर शामिल थे। टीम के सदस्यों ने व्यावसायिक प्रशासन विभाग, विधि विभाग, प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग, संग्रहालय, हिन्दी, अंग्रेजी एवं लाईफ  लॉंग लर्निंग विभाग का निरीक्षण किया था। संबंधित विभागों से बीते पांच वर्ष की शैक्षणिक उपलब्धि, विशेष शोध की जानकारी प्राप्त की थी। इसके अलावा बायो-टेक्नोलॉजी, पर्यावरण जीव विज्ञान विभाग, भौतिकी विभाग, गणित विभाग, कम्प्यूटर विज्ञान विभाग का मुआयना भी किया था। इसके अलावा, वित्त नियंत्रक, परीक्षा नियंत्रक एवं अधिष्ठाता, छात्र कल्याण विभाग का भी टीम नेे जायजा लिया, जहां कार्यालयीन प्रक्रिया एवं दस्तावेजों का अवलोकन टीम ने किया था।  नैक टीम ने स्टेडियम, वनपथ, छात्रावास, संग्रहालय, पुस्तकालय, कैंटीन सहित अन्य सुविधाओं का निरीक्षण करने के बाद 21 फरवरी को वापस लौट गई थी।