फर्जी बिलिंग पर गिरी गाज: जेई पत्नी को बचाने एई पति ने दी कुर्बानी, फिर लौटे एसई कार्यालय, संविदा लाइनमैन फिर बच गया

विद्युत विभाग में अंतत: फर्जी बिलिंग के मामले में दो एई, जेई हट ही गई। हालांकि गलती एई की पत्नी के क्षेत्र की थी। लेकिन जेई पत्नी को बचाने एई ने खुद की कुर्बानी दे दी। लंबे समय बाद उन्हें राजस्व क्षेत्र मिलने वाला था लेकिन पत्नी के कारण वह भी छिन गया और वापस एसई कार्यालय वापसी हो गई।

फर्जी बिलिंग पर गिरी गाज: जेई पत्नी को बचाने एई पति ने दी कुर्बानी, फिर लौटे एसई कार्यालय, संविदा लाइनमैन फिर बच गया
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एई विमलेश कुमार मिश्रा जेई शिखा तिवारी के पति है, इन्हीं के क्षेत्र पीली कोठी में महाराजा पुष्पराज सिंह का बिल वायरल हुआ था

रविन्द्र कौशल उसी क्षेत्र के एई थे, उन्हें अमरपाटन किया गया रवाना

रीवा। शहर संभाग में जो लूटखसोट नहीं करेगा। वह नहीं रह पाएगा। यहां ऐसा सिस्टम ही बना दिया गया है। अब इसी लूट खसोट की सजा एक जेई के पति को भुगतनी पड़ी। लंबे समय तक विमलेश कुमार मिश्रा सहायक अभियंता अधीक्षण अभियंता कार्यालय में पदस्थ रहे। काफी मशक्कत के बाद उन्हें फील्ड में काम करने और धनअर्जन का मौका मिला था। शहर संभाग रीवा में पदस्थ किया गया था। अचानक मुख्य अभियंता रीवा पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने एक आदेश जारी कर सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। विमलेश सिंह को फिर से वापस मुख्य अभियंता कार्यालय भेज दिया गया। 

जीरो बिलिंग के मामले में रडार पर आईं थी जेई

आपको बता दें कि रीवा क्षेत्र में एक बड़ा रैकेट का खुलासा हुआ था। शहर संभाग में अधिकारियों और संविदा लाइनमैन ने बड़े उद्यमियों और कारोबारियों को फायदा पहुंचाने और खुद की जेब भरने के लिए बिलिंग में बड़ा खेल किया था। कई महीनों तक महाराजा पुष्पराज सिंह के नाम से जारी देा बिलों में जीरो बिलिंग की गई थी। इसका खुलासा होने के बाद मुख्य अभियंता रीवा प्रमा पाण्डेय ने जांच के आदेश दे दिए थे। इसमें जेई शिखा तिवारी और संविदा कर्मचारी घनश्याम सिंह की गर्दन फंस रही थी। इन दोनों को तो कुछ नहीं हुआ लेकिन पति जरूर फील्ड में कुछ करने से पहले वापस लौट गए। वहीं एई बहुत दूर चले गए। रविन्द्र कौशल का स्थानांतरण रीवा शहर संभाग से सीधे अमरपाटन हो गया है। 

जीतेश कुमार त्रिपाठी मुश्किल में फंस गए हैं

प्रभारी सहायक अभियंता जीतेश कुमार त्रिपाठी शहर संभाग की कार्यप्रणाली और दशा देखकर अब मुश्किल में फंस गए हैं। वह रीवा शहर संभाग में काम नहीं करना चाहते। यहां पदस्थापना भी नहीं चाहते थे। इसके पीछे वजह लूटखसोट है। यहां अनैतिक और गलत कार्य कराए जाते हैं। इसके बाद जब अधिकारी फंसते हैं तो खुद को किनारे कर लेते हैं। इसी वजह से वह यहां पदस्थ नहीं होना चाहते थे लेकिन मुख्य अभियंता ने शहर का कचरा साफ करने के चक्कर में उनकी पदस्थापना रीवा में कर दी है। फिलहाल वह मेंटीनेंस की जगह राजस्व का काम देखेंगे।