जानिए रीवा के डबल लॉक में कहां कितना है स्टॉक और कौन अधिकारी गर्मी नहीं कर पाया बर्दास्त, बिगड़ गई तबीयत

यूरिया से डबल लॉक फुल हैं। पर्याप्त खाद मौजूद है लेकिन प्रशासन वितरण की बेहतर व्यवस्था नहीं बना पा रहा है। इसके कारण किसान परेशान हैं। अभी भी डबल लॉक में 1245 मीट्रिक टन यूरिया है। लेकिन प्रशासन बदइंतजामी के कारण बांट नहीं पा रहा। काउंटर की संख्या तक नहीं बढ़ा पा रहा है। अधिकारी किसानों की परेशानियों पर मजे ले रहे हैं। सब लापरवाह हैं।

जानिए रीवा के डबल लॉक में कहां कितना है स्टॉक और कौन अधिकारी गर्मी नहीं कर पाया बर्दास्त, बिगड़ गई तबीयत

महिला अधिकारी किसानों के बीच करहिया में पहुंची तो गर्मी के कारण उल्टियां शुरू हो गईं, उल्टे पैर लौटना पड़ा

वहीं किसान गर्मी, बारिश और उमस में डटा रहा

रीवा। किसानों की परेशानियां अधिकारी समझ ही नहीं रहे हैं। फिलहाल खाद की कहीं भी किल्लत नहीं है लेकिन ठोस निर्णय और फैसले अधिकारी नहीं ले पा रहे हैं। इसके कारण किसान परेशान हैं। लंबी लाइनों में धक्के खा रहे हैं। व्यवस्थाएं बनाने वाले भी लापरवाह है। करहिया मंडी में भीड़ इसी लापरवाही का नतीजा है। जिला विपरण अधिकारी काउंटर नहीं बढ़ा पा रही है। यहां व्यवस्था और वितरण की जिम्मेदारी उनकी है लेकिन वह 11 बजे से पहले नहीं पहुंच पाती। यहां एक महीने में एक काउंटर तक नहीं बढ़ा। जबकि पब्लिक यहां हर दिन पांच हजार पहुंचती है। सेामवार को यह भीड़ दोगुनी यानि 10 हजार से ज्यादा थी। फिर भी अधिकारियों का दिल नहीं पसीज रहा है। किसान धूप, बारिश में तीन बोरी खाद के लिए डटा रहा। वह सिर्फ अगले दिन का टोकन पा कर ही खुश है। डबल लॉक में रीवा जिला में एक दिन में सिर्फ 2244 किसानों को ही खाद मिल पाई। शेष टोकन लेकर लौट गए। विंध्य बुलेटिन डाट काम 

सिर्फ चार काउंटर बने हैं, दिन भर में 1 हजार को ही मिल पाते हैं टोकन

करहिया मंडी में किसानों की भारी भीड़ पहुंचती है लेकिन यहां पर्याप्त काउंटर नहीं है। सिर्फ चार काउंटर से ही रसीद कट रही है। एक काउंटर से दिन भर में 250 रसीद तक ही कट पाती है। ऐसे में यदि सब कुछ ठीक रहा तो एक दिन में 1 हजार रसीद कट पाते हैं। वहीं भीड़ 10 हजार किसानों की रहती है। यदि प्रशासन यहां अतिरिक्त काउंटर बढ़ा दे तो इसमें तेजी आ जाएगी। अधिक से अधिक किसानों को खाद मिल पाएगी। खाद की बारियों की संख्या भी बढ़ा दी जाए। जिससे एक बार खाद पाने के बाद किसान वापस लौटकर न आए और भीड़ न बढ़ाए। हालांकि सोमवार को किसानो को 3 से 5 बोरियां यूरिया की दी गईं। 

एक और रैक गुरुवार को पहुंचने वाली है

हालांकि अब रीवा जिला में यूरिया का संकट नहीं है। ढ़ाई रैक यूरिया पहुचं चुकी है। सभी समितियों में खाद का वितरण किया जा रहा है। वहीं डबल लॉक के गोदाम भी फुल हैं। सिर्फ चोरहटा में ही 14 हजार बोरी यूरिया खाद डम्प है। अब ऐसे में अन्य जगहों का अंदाजा लगाया जा सकता है। एक और रैक गुरुवार केा लगने वाली है। इसके पहुंचने के बाद यूरिया की मारामारी लगभग न के बराबर रह जाएगी। विंध्य बुलेटिन डाट काम 

महिला अधिकारी को आया चक्कर और उल्टियां हो गई शुरू

जरा आप सोचिए एक किसान सोमवार को सुबह 4 बजे पहुंच गया था। धूप में लंबी लाइन में भूखे प्यासे खड़ा रहा। बारिश भी हुई और फिर धूप निकल आई। उमस भरी गर्मी से लोगों की हालत खराब था लेकिन उस किसान को कुछ नहीं हुआ। वहीं हर समय गाड़ी में चलने वाली, एसी में रहने वाली महिला अधिकारी जैसे ही करहिया मंडी पहुंची। उन्हें चक्कर आने लगे। उल्टियां शुरू हो गईं। चंद मिनट की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाई और वापस लौट गईं। फिर भी किसानों की समस्या और परेशानी कोई समझने को तैयार नहीं है। 

कहां कितनी खाद है मौजूद (8 सितंबर की स्थिति में)

डबललॉक ओपनिंग स्टॉक    किसान सेल      बैलेंस

चोरहटा 664 एमटी 920      159 एमटी     505 एमटी

गुढ़          257 एमटी 386      66 एमटी      191एमटी

उमरी 210 एमटी 427       53 एमटी      158 एमटी

चाकघाट    243 एमटी 255       41 एमटी      202 एमटी

जवा          241 एमटी 255      41 एमटी      191 एमटी

योग       1615 एमटी 2244      369एमटी    1245 एमटी