एसजीएमएच से एक और मरीज ने लगाई मौत की छलांग, एक सप्ताह में दूसरी आत्महत्या
सोमवार को संजय गांधी अस्पताल में फिर एक मरीज ने तीसरी मंजिल से मौत की छलांग लगा दी। यह भी मरीज मेडिसिन विभाग में भर्ती था। आईसीयू में भर्ती मरीज ने पत्नी को बातों में उलझाया और तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। नीचे गिरने से उसकी मौत हो गई।

एक सप्ताह पहले एक 72 वर्षीय कृष्ण कुमार गुप्ता ने तीसरी मंजिल से कूद कर दी थी जान
रीवा। संजय गांधी अस्पताल फिर से सुर्खियों में है। ढ़ाई साल तक जिस बदनामी को संजय गांधी अस्पताल प्रबंधन ने रोक दिया था। वह बदनाम नाम फिर से इसके साथ जुडऩा शुरू हो गया है। पहले एसजीएमएच को सुसाइड प्वाइंट के नाम से जाना जाने लगा था। बाद में अधीक्षक ने अस्पताल की ओपन गैलरी को स्टील की जालियां लगवार कर बंद करा दिया। मौत का सिलसिला थम गया। यह अभियान आगे बढ़ता इसके पहले ही डीन बदल गए और उन्होंने स्टील की जालियों का काम तो रोका ही साथ ही ठेकेदार का भुगतान भी रोक दिया। इससे स्थिति जस की तस बनी रही। अब जहां जालियां नहीं लगी हैं। वहां से मरीज कूद कर जान दे रहे हैं। सोमवार को फिर एक मरीज ने आत्महत्या कर ली। वह मेडिसिन विभाग के आईसीयू में तृतीय तल में भर्ती था। मरीज का नाम खैरा निवासी दिल कुमार ङ्क्षसंह है। वह मेडिसिन विभाग के आईसीयू में भर्ती था। पत्नी उर्मिला सिंह उसे शौच के लिए लेकर गई थी। उर्मिला सिंह ने बताया कि उनके पति को सांस लेने की समस्या था। उनका दम भरता था। उन्हें द्वितीय तल से तीसरे तल पर भर्ती किया गया था। शौच करने गए उसके पति ने बोला था कि उनका बिस्तर सुधार दे। जब वह बिस्तर सुधाकर लौटी तो पति का कहीं पता नहीं था। देवर का फोन आया। उसने बताया कि भैइया नीचे पड़े है। जल्दी आ जाइए। जब नीचे पहुंची तो उनकी मौत हो चुकी थी। मरीज को दो दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती किया गया था। मरीज के नीचे गिरने की सूचना अमहिया पुलिस को हुई। पुलिस ने पहुंच कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। शव को पीएम के लिए भेज दिया गया है।
डीन की लापरवाही से फिर बदनामी की तरफ बढ़ रहा अस्पताल
आपको बता दें कि डीन डॉ सुनील अग्रवाल की लापरवाही का ही नतीजा है कि अस्पताल फिर से बदनामी की तरफ बढ़ता जा रहा है। यहां सुरक्षा व्यवस्था भी भगवान भरोसे हैं। संजय गांधी अस्पताल में करीब 400 नए पदों की स्वीकृति मिली थी। इन नए पदों पर डीन ने किसकी नियुक्ति कर दी। किसी को पता ही नहीं चला। पदों का सौदा जारी है। टेक्नीशियन के पदों में भी हाल ही में बड़ा हेरफेर हुआ था। इसके अलावा स्टील की जालियां का काम रुकने से भी इसमें असर पड़ा है।