संजय गांधी अस्पताल की इस नई व्यवस्था ने खींचा सबका ध्यान, अब एम्बुलेंस के आते ही पहुंच जाते हैं स्ट्रेचर ब्वाय

संजय गांधी अस्पताल में एक नई व्यवस्था ने सब का ध्यान खींचा है। मरीज और उनके परिजनों को अब एम्बुलेंस से नीचे उतरने पर सिर्फ खुद को ही सम्हालना पड़ता है। शेष सारी जिम्मेदारी स्ट्रेचर ब्वाय उठाते हैं। मरीजों को स्ट्रेचर पर लिटाने से लेकर धक्का लगाने तक की जिम्मेदारी निभाते हैं। इलाज कराने के बाद वार्ड तक भी पहुंचाते हैं। फिर वापस स्ट्रेचर लेकर गेट पर लौट आते हैं। इस व्यवस्था ने लोगों को गदगद कर दिया है।

संजय गांधी अस्पताल की इस नई व्यवस्था ने खींचा सबका ध्यान, अब एम्बुलेंस के आते ही पहुंच जाते हैं स्ट्रेचर ब्वाय
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स्ट्रेचर के लिए अब नहीं जमा करना पड़ता आधार कार्ड
स्ट्रेचर ब्वाय की कर दी गई है स्थाई रूप से तैनाती
रीवा। यदि आप संजय गांधी अस्पताल परिजन का इलाज कराने पहुंच रहे हैं और स्ट्रेचर की चिंंता सता रही है तो इसके लिए अब परेशान मत होइए। अब आधार कार्ड नहीं लगता। एम्बुलेंस के पहुंचते ही वार्ड ब्वाय स्ट्रेचर लेकर पहुंच जाते हैं। इतना ही नहीं स्ट्रेचर ब्वाय मरीज को लेकर एमरजेंसी तक जाते हैं। इलाज कराते हैं और भर्ती कराने की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। संजय गांधी अस्पताल में इस बदलाव ने मरीज और परिजनों को बड़ी राहत दी है।
ज्ञात हो कि संजय गांधी अस्पताल में सबसे बड़ी परेशानी स्ट्रेचर की थी। यहां मरीजों को लेकर पहुंचने वाले परिजनों को स्ट्रेचर के लिए भटकना पड़ता था। आधार कार्ड की डिमांड की जाती थी। आधार कार्ड देने पर ही स्ट्रेचर मिलता था। इतना ही नहीं स्ट्रेचर को धक्का लगाने और मरीज को ले जाने की जिम्मेदारी भी परिजनों की होती थी। इसके कारण लोगों को संजय गांधी अस्पताल में इलाज कराना पहाड़ जैसा लगता था। हालांकि इस समस्या को समझने के बाद अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा ने इसमें बदलाव कर दिया है। अब संजय गांधी अस्पताल में स्ट्रेचर की परेशानी और परिजनों के धक्का लगाने की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है। यह सारी जिम्मेदारी अब स्ट्रेचर ब्वाय निभा रहे हैं। स्ट्रेचर ब्वाय की हर समय यहां तैनाती कर दी गई है। इन स्ट्रेचर ब्वाय का काम सिर्फ मरीजों को स्ट्रेचर पर लिटाना और वार्ड तक ले जाना है।
स्ट्रेचर ब्वाय का दे दिया गया है नाम
मरीजों को प्राइवेट अस्पताल जैसी सुविधा मिले इसका ध्यान रखा गया है। अस्पताल अधीक्षक ने स्टील के स्ट्रेचर पर रखने के लिए गद्दे भी रखवा दिए हैं। इससे कड़े और स्टील के स्ट्रेचर पर मरीज को लिटाने पर किसी तरह की चोट आदि नहीं लगती। इसके अलावा मे आय हेल्प यू सेंटर पर स्थाई तौर पर स्ट्रेचर ब्वाय की नियुक्ति कर दी गई है। स्ट्रेचर ब्वाय सिर्फ स्ट्रेचर को धक्का लगाने और मरीजों को वार्ड तक पहुंचाने का काम ही करते हैं।
मरीज के साथ वार्ड तक रहते हैं तैनात
अस्पताल पहुंचने वाले मरीज के साथ स्ट्रेचर ब्वाय वार्ड में भर्ती रहने तक साथ में रहते हैं। उनकी जिम्मेदारी तय कर दी गई है। संजय गांधी अस्पताल पहुंचने के बाद स्ट्रेचर ब्वाय मरीज को लेकर पहले एमरजेंसी कक्ष तक जाएगा। डॉक्टर जो भी जांच आदि लिखेंगे। उसे स्ट्रेचर ब्वाय ही कराएगा। इसके बाद यदि वार्ड में भर्ती करने के लिए कहा जाता है तो वहीं स्ट्रेचर ब्वाय मरीज को लेकर जाएगा। मरीज को भर्ती करने के बाद वापस स्ट्रेचर लेकर आएगा।