श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में काम करने वाली ठेका कंपनी होगी ब्लैक लिस्टेड, भोपाल भेजा गया प्रस्ताव

श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा के दो अकादमिक भवन सालों से बन रहे हैं। अब तक दोनों पूरी तरह से कम्प्लीट नहीं हुए हंै। ठेकेदारों के आने और जाने का सिलसिला ही नहीं थम रहा है। अब भवन बना तो लिफ्ट लगाने वाली कंपनी ही मनमानी पर उतारू हो गई है। कोन इलीवेटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मुख्य अभियंता पीडब्लूडी भवन ने ब्लैक लिस्टेड करने और रजिस्ट्रेशन ही निरस्त करने का प्रस्ताव भोपाल भेज दिय है।

श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में काम करने वाली ठेका कंपनी होगी ब्लैक लिस्टेड, भोपाल भेजा गया प्रस्ताव
file photo

दो अकादमिक भवन में लगाये जाने हैं 8 लिफ्ट, चार महीने में तलाश रहा विभाग

लिफ्ट खराब हुई, छात्र फंसे इसके बाद भी नहीं पहुंचे कंपनी के इंजीनियर

रीवा। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में दो अकादमिक भवन बन कर तैयार हो गए हैं। इन दोनों अकादमिक भवनों के निर्माण की कहानी भी बड़ी लंबी है। इस भवन को पहले भव्या ने बनाया। फिर वह भी छोड़कर भाग गई। इसके बाद मेसर्स एमएसएलआर प्रावइेट लिमिटेड हरियाणा आई। कंपनी ने किसी तरह काम पूरा किया। भवन खस्ता हाल है लेकिन निर्माण पूरा हो चुका है। पूर्व की कंपनी भव्या इंफ्राटेक ने ही दोनों भवनों में 8 लिफ्ट लगाने का काम पीडब्लूडी से ही रजिस्ट्रर्ड कंपनी कोन इलीवेटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया था। कोन इलीवेटर कंपनी ने पूरी लिफ्ट नहीं लगाई और अचानक गायब हो गया। नए अकादमिक भवन क्रमांक 2 में सिर्फ दो ही लिफ्ट लगाई थी। दो लगाई ही नहीं गई थी। इसके पहले ही कंपनी भाग खड़ी हुई। इसके अलावा बीच में लिफ्ट में खराब भी आ गई थी। तब से कंपनी को विभाग और श्याम शाह मेडिकल कॉलेज प्रबंधन दोनों तलाश रहे हैं। कोई भी नहीं पहुंचा। यही वजह है कि कंपनी की लापरवाही को देखते हुए मुख्य अभियंता भवन लोक निर्माण विभाग रीवा ने कोन एलीवेटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ ब्लैक लिस्टेड करने, विभाग से रजिस्टे्रशन खत्म करने का प्रस्ताव ही भोपाल प्रमुख अभियंता के पास भेज दिय ाहै। कोन कंपनी को जो काम मिला है। उसकी स्वीकृति को भी निरस्त करने की बात कही है। भोपाल पत्र पहुंचते ही कोन एलीवेटर कंपनी में हड़कंप मच गया है। कंपनी के भागते हुए रीवा पहुंच गई है। 

महीनों पहले लिफ्ट में फंस गए थे दो छात्र, अब सुधरी लिफ्ट

श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के नए अकादमिक भवन में दो लिफ्ट कंपनी ने लगा दी थी। इन दोनों लिफ्ट का उपयोग शुरू हो गया था। एक लिफ्ट अचानक चलते हुए बंद हो गई थी। इस लिफ्ट में एमबीबीएस के कुछ छात्र फंस गए थे। जिन्हें लिफ्ट तोड़कर बाहर निकाला गया था। कंपनी का कोई भी इंजीनियर और अधिकारी यहां मौजूद नहीं था जो छात्रों की मदद कर सके। किसी तरह छात्रों की जान बची थी। इसके बाद कॉलेज और विभाग ने कोन एलीवेटर से संपर्क करने की कोशिश शुरू की  लेनिक कोई रिस्पांस नहीं मिला। अब जब ब्लैक लिस्टेड करने का प्रस्ताव भोपाल पहुंचा तो भागते हुए कंपनी रीवा पहुंच गई है। बंद लिफ्ट भी सुधर गई और जो लिफ्ट नहीं लगी थी। उन्हें भी लगाने का काम कंपनी ने शुरू कर दिया है। 

पीआईयू की गलत मोनीटरिंग से भवन निर्माण में बरती गई लापरवाही

श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में नए अकादमिक भवन का निर्माण पीआईयू ने कराया है। भवन निर्माण में पीआईयू के इंजीनियरिर्स ने लापरवाही बरती। इसका खामियाजा अब छात्र और डॉक्टरों को उठानी पड़ेगी। एक साल हो गए लेकिन भवन हैंडओव्हर नहीं हुआ। नया अकादमिक भवन इतना घटिया बना हुआ है कि इसका हर फ्लोर बारिश में टपकता है। पिछली बारिश में हर जगह पानी टपक रहा था। हर फ्लोर में पानी भर गया था। छत से पानी ग्राउंड फ्लोर तक टपक रहा था। जगह जगह दीवार पर सीपेज था। ठेकेदार ने मरम्मत भी की लेकिन वह नाकाफी निकाला। इस बारिश में फिर से वही हालात बन गए है। पूरी छत टपक रही है। अब इससे इस भवन की गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है। यदि इस भवन को मेडिकल कॉलेज ने अपने कब्जे में लिया तो इसका खामियाजा भी उठाना पड़ेगा।