रिटायरमेंट काटने में लगे हैं मुख्य अभियंता, भ्रमजाल में फंसे मीटर रीडर और बयान देकर अधिकारियों को फंसा रहे

पिछले 7 दिनों से ब्लैक लिस्टेड मीटर रीडर धरने पर बैठे हैं। मीटर रीडरों को मुख्य अभियंता ही बयान बाजी कर भ्रमजाल में फंसा रहे हैं। खुद के रिटायरमेंट तक किसी तरह की अड़चन से बचने के लिए अधीक्षण अभियंता पर ही पूरा ठीकरा फोड़ रहे हैं। जबकि अधीक्षण अभियंता कार्यालय से मांगी गई जानकारियां मुख्य अभियंता कार्यालय को भेज दी गई है। ब्लैक लिस्टेड मीटर रीडरों के भविष्य का फैसला सीई को करना है लेकिन वह अब कलम फंसाना नहीं चाह रहे। मुख्य अभियंता की हीलाहवाली में ही मीटर रीडर धरने पर बैठे हैं।

रिटायरमेंट काटने में लगे हैं मुख्य अभियंता, भ्रमजाल में फंसे मीटर रीडर और बयान देकर अधिकारियों को फंसा रहे

रीवा। विद्युत विभाग ने रीवा से 56 मीटर रीडरों को एक साल पहले ब्लैक लिस्टेड किया था। यह सूची जबलपुर से ही रीवा पहुचंी थी। जबलपुर के निर्देश पर ही कार्रवाई की गई थी। अब बाहर किए गए मीटर रीडर धरने पर बैठ गए हैं। यही मीटर रीडरों की जिद अधिकारियेां के गले की फांस बन गई है। जून महीने में ही मुख्य अभियंता भी रिटायर होने जा रहे हैं। वह अपनी नौकरी पर किसी तरह की आंच नहीं आने देना चाहते। यही वजह है कि वह मीटर रीडरों को भ्रमित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। मीटर रीडरों को दोबारा से  नौकरी रखने का सपना दिखाकर अपनी जिम्मेदारी को अधीक्षण अभियंता कार्यालय और अधीक्षण अभियंता पर थोप दे रहे हैं। जबकि मुख्य अभियंता चाहें तो इस मामले में वरिष्ठ कार्यालय से परामर्श लेकर इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। इसके अलावा विभाग में भी कई रेग्युलर कर्मचारी रिटायर हुए हैं। उनके पद खाली है। उनकी जगह पर भी आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति की जा सकती है। यह कदम भी मुख्य अभियंता को ही उठाना है लेकिन वह जिम्मेदारियों से बचते फिर रहे हैं। वह सिर्फ बयानबाजी कर 6 दिन और काटने की जुगत में  लगे हुए हैं। मुख्य अभियंता के बार बार गलत जानकारी देने और झूठा आश्वासन देने के कारण ही परिस्थितियां बिगड़ गई हैं। मीटर रीडर मंगलवार को इन्हीं कारणों से जनसुनवाई में इच्छा मृत्यु की दफ्तियां लेकर पहुंच गए थे। 

मुख्य अभियंता ने यह मांगी थी जानकारी

मुख्य अभियंता आईके त्रिपाठी ने सभी अधीक्षण अभियंताओं को 7 मई 2025 को पत्र जारी किया था। पत्र में कहा गया था कि प्रबंध संचालक पूर्व क्षेत्र ने वीसी के माध्यम से निर्देश दिए हैं कि ऐसे वाह्य स्रोत कार्मिक जिन्हें ब्लैक लिस्टेड किया गया है। उनका नाम, इन्सेंटिव स्कीम में शामिल किया जाना है। सभी ब्लैक लिस्टेउ कर्मचारियों की सूची तैयार कर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे। ब्लैक लिस्टेड कर्मचारियों की लिस्ट उपलब्ध करा दी गई। 

प्रदेश भर से निकाले गए थे 164 मीटर रीडर

फोटो मीटर रीडिंग में गड़बड़ी के कारण प्रदेशभर से करीब 164 मीटर रीडरों को बाहर किया गया था। इसमें  छिंदवाड़ा से 4, दमोह से 2, जबलपुर ओएंडएम से 3, कटनी ओएंडएम से 2, मंडला से 1, रीवा से 56, सतना से 41, सिवनी से 12, सीधी से 21, टीकमगढ़ से 19 और उमरिया से 2 मीटर रीडरों को ब्लैक लिस्टेड कर बाहर किया गया था।