बिजली विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों को लगा झटका, आउटसोर्स कर्मचारियों की इंट्री बंद, अब जो बाहर जाएगा वह नहीं आएगा
ब्लैक लिस्टेड किए गए मीटर रीडर एक साल से दोबारा नौकरी पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। अब उनकी लड़ाई किसी काम की नहीं होगी। मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर ने बाहर किए गए कर्मचारियों की दोबारा इंट्री से इंकार कर दिया है। साथ ही नए कर्मचारियों को आउटसोर्स में रखने पर भी पाबंदी लगा दी है। अब रही सही उम्मीद भी टूट गई।

जबलपुर महाप्रबंधक ने जारी किया सभी जिला के अधीक्षण अभियंताओं को पत्र
स्मार्ट मीटर के कारण कम होती जा रही है मीटर रीडरों की जरूर, इसलिए लगी पाबंदी
रीवा। विद्युत विभाग में अब मीटर रीडरों का कुछ दिनों में पद ही खत्म हो जाएगा। मीटर रीडर की नौकरी करते करते उम्रदराज हो चुके युवाओं के सामने अब रोजी रोटी का संकट खड़ा होने वाला है। मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर की एमडी ने जिला अधीक्षण अभियंताओं को जारी एक पत्र में यह स्पष्ट कर दिया है कि अब आाउटसोर्स पदों पर कर्मचारियों की नई भर्ती नहीं की जाएगी। इसके पीछे वजह स्मार्ट मीटर को बताया गया है। स्मार्ट मीटर लगने से मीटर रीडरों की उपयोगिता खत्म हो रही है। ऐसे में जो कर्मचारी बाहर किए जा रहे हैं। उन्हें दोबारा इंट्री देने से भी रोक लगा दी गई है। जबलपुर से जारी इस आदेश ने उन मीटर रीडरों की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया, जो पिछले एक साल पहले ब्लैक लिस्टेड कर हटाए गए थे। सालभर से वापस नौकरी में रखे जाने के लिए आंदोलन कर रहे थे। उन्हें मप्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश ने झटका दे दिया है।
आदेश में यह कहा गया है
मुख्य महाप्रबंधक मा संसा एवं प्रशासन जबलपुर ने आदेश में स्प्ष्ट कहा है कि भविष्य में वृंतार्गत आवश्यकता के आधार पर निर्मित बाह्य स्रोत पदों के विरुद्ध किसी भी नए कार्मिक का नियोजन वाह्य स्रोत प्रदाता फर्म के माध्यम से न किया जाए। अपितु अनुभव, शैक्षणिक योग्यता एवं उपलब्धता के आधार पर पूर्व मीटर वाचकों, अनुबंधित, ठेका मीटर वाचकों को ही नियोजित किया जाए। इसमें स्पष्ट किया गया है ब्लैकलिस्टेड किए गए कर्मचारियों को वापस नहीं रखना है। यह भी कहा गया है कि बिना कारण अनुभवी कार्मिक के स्थान पर वाह्य स्रोत प्रदाता के माध्यम से नए कार्मिक का नियोजन किए जाने पर भी संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यानि नए कर्मचारियों को अधिकारी नहीं रख पाएंगे। पुराने बाहर किए गए आउटसोर्स से ही उन्हें रखना होगा।
क्यो जारी करना पड़ा ऐसा आदेश
आपको बता दें कि विद्युत विभाग पूर्व क्षेत्र के सभी जिलों में ही मीटर रीडरों को बाहर कर रही है। फिर से नई लिस्ट तैयार की गई है। 50 फीसदी से अधिक फोटो रीडिंग में गड़बड़ी करने वाले मीटर रीडरों को बाहर करने की तैयारी है। इसके पहले जो बाहर किए गए हैं, उनकी तरफ से कंपनी पर दबाव बन रहा है। उन्हें वापस रखने और रोजगार के संकट का हवाला दिया जाता है। आर्थिक तंगी की बात कही जा रही है। इसी दबाव को देखते हुए कंपनी ने सभी जिलों के अधिकारियों को यह आदेश जारी किया है। जिससे दोबारा नौकरी पर किसे रखना है किसे नहीं रखना है। इसमें किसी तरह का संशय न रह जाए।
84 मीटर रीडरों को किया गया था बाहर
रीवा जिला से एक साल पहले 84 मीटर रीडरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। ब्लैक लिस्टेड करने के बाद कार्रवाई की गई थी। इन मीटर रीडरों पर आरोप लगा था कि इन्होंने फोटो मीटर रीडिंग में गड़बड़ी की। फोटो मीटर की नहीं डाली गई। इसके कारण ही इन्हें बाहर कर दिया गया। जबकि हकीकत यह है कि शहरी क्षेत्रों को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं मीटर ही नहीं लगे। अधिकारियों ने सौभाग्य योजना के तहत बड़ा घोटाला किया था जो आज तक पकड़ में नहीं आया। मीटर ही सारे गायब कर दिए थे। अब इसका खामियाजा रीवा के युवाओं को चुकाना पड़ रहा है।
अधिकारियों की कमाई बढ़ जाएगी
विद्युत विभाग में मीटर रीडरों को ब्लैक लिस्टेड करने के बाद नए कर्मचारियों की नियुक्ति की जा रही थी। इसमें अधिकारी बेरोजगारों से नौकरी के बदले मोटी रकम ले रहे थे। अधिकारियों ने फिर से कमाई की दुकान खोली ही थी कि शासन ने स्पष्ट कर दिया कि अब नियुक्ति उन्हीं की होगी जो पहले काम कर चुके हैं। ऐसे में अधिकारियों को झटका तो लगा है लेकिन कमाई रुकेगी नहीं। अब मोलभाव और बढऩे के आसार हैं।