मेडिकल कॉलेज की बड़ी लापरवाही: 25 लाख का बिल अतिरिक्त आ रहा फिर भी 4 दिन से बिजली गुल
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। चार दिन से मेडिकल कॉलेज की बिजली गुल रही लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। जबकि बिजली सप्लाई के लिए 33केवी का अलग से ट्रांसफार्मर लगा हुआ है। 25 लाख बिल हो गया है। फिर भी प्रबंधन व्यवस्थाएं नहीं बना पा रहा है। इस लापरवाही की सजा छात्र, मरीज और डॉक्टरों को भुगतनी पड़ रही है।

11केवी का 200केवीए ट्रांसफार्मर में ओव्हर लोड के कारण ठप हो रही बिजली व्यवस्था
कॉलेज परिसर में ही 33केवी का 500 केवीए का लगा है ट्रांसफार्मर फिर भी बदहाली
रीवा। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में व्यवस्थाएं वही पुरानी हैं लेकिन अपग्रेडेशन तेजी से हो रहा है। कुछ कॉलेज प्रबंधन की भी लापरवाही के कारण सारी व्यवस्था चौपट हो रही हैं। मेडिकल कॉलेज के पुराने प्रशासनिक भवन, अस्पताल के ओपीडी और सुमित गल्र्स हास्टल के लिए 200 केवीए का ट्रांसफार्मर लगा हुआ है। यह व्यवस्थाएं सालों पुरानी है। अब सभी जगह एसी का लोड बढ़ गया है। पुराने प्रशासनिक भवन सहित ओपीडी और सुमित हास्टल में भी एसी लगी हुई है। इसके कारण क्षमता से अधिक लोड बढऩे के कारण बिजली व्यवस्था ठप हो जाती है। फ्यूज उड़ जाता है। यह समस्या यहां कई दिनो से है। प्ीडब्लूडी ईएंडएम ने इसके लिए मेडिकल कॉलेज के डीन को पत्र भी लिखा था लेकिन इसकी तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब इसी लापरवाही की सजा सब को भुगतनी पड़ रही है। शुक्रवार से श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के पुराने अकादमिक भवन की बत्ती गुल है। यहां छात्रों को अंधेरे में ही पढ़ाई करनी पड़ी। सारी व्यवस्थाएं ठप पड़ गई लेकिन प्रबंधन को कोई फर्क नहीं पड़। यह आए दिन की समस्या हो गई है। इसका रास्ता भी है जिससे इस समस्या से मुक्ति मिल सकती है लेकिन इस रास्ते पर चलने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन तैयार नहीं हो रहा है। यही वजह है कि पीडब्लूडी ने भी हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं।
33 केवी का 500केवीए का लगा है ट्रांसफार्मर
मेडिकल कॉलेज परिसर में दो नए अकादमिक भवन बनाए गए हैं। करोड़ों की लागत से इनका निर्माण किया गया है। यह पूरी तरह से वातानुकूलित बनाए गए हैं। इसके लिए सामने ही एक सब स्टेशन भी बनाया गया है। 33केवी की लाइन और कनेक्शन भी है। यहां 500 केवीए का ट्रांसफार्मर और जनरेटर भी है। बैैकअप की भी व्यवस्था है। इस 33केवी कनेक्शन से सिर्फ एक भवन को ही सप्लाई जा रही है। यदि इसी ट्रांसफार्मर से पुराने मेडिकल कॉलेज भवन और ओपीडी या फिर गल्र्स हास्टल को कनेक्शन दे दिया जाए तो सारी समस्या की खत्म हो जाएग। बैकअप के लिए लगा जनरेटर भी भारी भरकम है, जो बिजली जाने पर बिजली सप्लाई बहाल रख सकेगा।
एक परिसर में ही हैं दो कनेक्शन, 25 लाख बिल भी आ गया
हद तो यह है कि एक ही परिसर में दो भारी भरकम कनेक्शन लिया गया है। एक का बिल तो पहले से ही आ रहा था। 11 केवी का कनेक्शन लंबे समय से चल रहा था। इसे मेडिकल कॉलेज भर ही रहा था। अब 33केवी कनेक्शन का भी बोझ बढऩे लगा है। अब तक 25 लाख का बिल का बकाया खड़ा हो गया है। अभी एक भी किश्त मेडिकल कॉलेज ने जमा नहीं किया गया है। यह बिल भी कॉलेज प्रबंधन को टेंशन देने वाला है। एक परिसर में दो कनेक्शन होने के बाद भी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों, मरीजों और छात्रों को बिजली का रोना रोना पड़ रहा है।
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मेडिकल कॉलेज परिसर में 33केवी का 500केवीए का ट्रांसफार्मर लगा हुआ है। पुरानी बिल्डिंग के लिए 1केवी लाइन के लिए 200केवीए का ट्रांसफार्मर लगा है। लोड बढऩे के कारण फ्यूज उड़ जाता है। यदि 33केवी लाइन से ही सभी कनेक्शन कर दिए जाएं तो यह समस्या खत्म हो जाएगी।
विनोद कुमार तिवारी, एसडीओ
ईएंडएम, पीडब्लूडी, एसजीएमएच रीवा
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