मप्र में चलाया गया नशे से दूरी है जरूरी अभियान ने बनाया वर्ल्ड रिकार्ड
15 दिनों तक पुलिस विभाग ने प्रदेशभर में लोगों को नशे के प्रति जागरुक करने के लिए एक अभियान चलाया था। इस अभियान की धमक पूरे विश्व में गुंज उठी है। इस अभियान में प्रदेशभर से 23 लाख लोगों ने प्रत्यक्ष रूप से सहभागिता निभाई। वहीं सोशल मीडिया के माध्यम से 6 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े। इस अभियान और उपलब्धि ने वल्र्ड रिकार्ड बना दिया है। वल्र्ड बुक ऑफ रिकार्ड के सीईओ ने डीपीपी को इसका सर्टिफिकेट प्रदान किया है। साथ ही 13 सितंबर को डीजीपी को सम्मानित भी किया जाएगा।

वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉडर्स के सीईओ ने डीजीपी को भेंट किया सर्टिफिकेट
ब्रिटिश पॉर्लियामेंट में 13 सितंबर को किया जाएगा सम्मानित
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस के नशे के विरूद्ध 15 जुलाई से 30 जुलाई 2025 तक चलाए गए नशे से दूरी है जरूरी राज्यव्यापी जनजागरूकता अभियान ने अपनी व्यापकताए प्रभावशीलता तथा वृहद स्तर पर जनसहभागिता के चलते वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 57 जिलों के 1175 थानों द्वारा संचालित इस अभियान में लगभग 23 लाख लोगों ने प्रत्यक्ष सहभागिता तथा सोशल मीडिया माध्यमों से 6.35 करोड़ लोगों ने सहभागिता की।
पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस के सीईओ तथा प्रेसीडेंट संतोष शुक्ला ने पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा और एडीजी नारकोटिक्स केपी व्यंकटेश्वर राव से भेंट कर सर्टिफिकेट प्रदान किया। इस दौरान वलर््ड बुक ऑफ रिकॉर्डस संस्था की जनरल सेक्रेटरी डॉ तिथि भल्ला तथा एडिटर अपूर्वा मेनन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। डीजीपी श्री मकवाणा ने कहा कि प्रदेश के युवाओं और किशोरों को नशा मुक्त रखना हमारा शासकीय कर्तव्य ही नहीं नैतिक दायित्?व भी है। इस अभियान के दौरान सभी पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तथा अन्य सहयोगी विभागए विभिन्न संगठनों के अथक प्रयास से यह अभियान जनआंदोलन बन गया।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य कभी भी कोई विश्व रिकॉर्ड बनाना नहीं था बल्कि अधिक से अधिक लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना उद्देश्य था। यदि इस अभियान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली हैए तो यह सभी पुलिसकर्मियों, सहयोगी संस्थाओं और प्रदेश की जनता के समर्पण का परिणाम है। वल्र्ड बुक ऑफ रि कॉर्डस के सीईओ श्री शुक्ला ने मध्यप्रदेश पुलिस के इस अनूठे जन जागरण अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान अपने उद्देश्य में सफल रहा। उन्होंने 13 सितंबर को ब्रिटिश पार्लियामेंट में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में डीजीपी श्री मकवाणा को आमंत्रित भी किया।