देशभर के मेडिसिन, आर्थो और सर्जरी विशेषज्ञों रीवा में जुटेंगे, एक बीमारी ने सब को यहां आने को किया मजबूर

एक बीमारी ने देशभर के मेडिसिन, आर्थों और सर्जरी विशेषज्ञों को रीवा आने के लिए मजबूर कर दिया है। देशभर के डॉक्टरों का रीवा में 27 अपै्रल को जमघट लगने वाला है। देशभर के डॉक्टर डायबिटिक फुट बीमारी पर मंथन करेेंगे और इससे निपटने की तकनीक, इलाज भी बताएंगे। 6 घंटे व्याख्यान और 2 घंटे लाइव वर्कशॉप चलेगा।

देशभर के मेडिसिन, आर्थो और सर्जरी विशेषज्ञों रीवा में जुटेंगे, एक बीमारी ने सब को यहां आने को किया मजबूर
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रीवा के मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ मनोज इंदूलकर आर्गनाइंजिंग चेयरमैन बनाए गए हैं
रीवा। रीवा में पहली बार इंयिन पॉडियाट्री एसोसिएशन एमपी चैप्टर रीवा में वार्षिक डायबिटिक फुट कान्फ्रेंस का आयोजन करने जा रहा है। इस कान्फ्रेंस में डायबिटिक फुट के क्षेत्र में चिकित्सा विज्ञान की नवीनतम प्रगति और उपचार पद्धतियों पर विशेष चर्चा की जाएगी। यह सम्मेलन डायबिटिक फुट जैसी गंभीर समस्या के रोकथाम से लेकर उपचार तक की संपूर्ण जानकारी देने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। यह आयोजन 27 अप्रैल को होटल सयाजी में आयोजित किया जा रहा है। आर्गनाइंजिंग चेयरमैन डॉ मनोज इंदूलकर ने बताया कि इसमें आर्गनाइङ्क्षजग सेके्रटरी डॉ एम आर पटेल हैं और साइंटिफिक चेयरमैन डॉ अनुराग चौरसिया है। यह सम्मेलन सीएमई पाइंट्स के लिए मान्य किया गया है। इसमें भाग लेने वाले चिकित्सकों को उनकी शैक्षणिक उन्नति में सहायता प्राप्त होगी। डॉ एमआर पटेल  ने बताया कि भारत में करीब 20 करोड़ डायबिटिक मरीज हैं। इनमें से करीब 25 फीसद लोगों को डायबिटिक फुट की समस्या होती है। यह न सिर्फ एक गंभीर चिकित्सकीय चुनौती है, बल्कि मरीज की जीवन गुणवत्ता पर भी बड़ा प्रभाव डालती है। डॉ मनोज इंदूलकर ने बताया कि इस कान्फ्रेंस के अंतर्गत डायबिटिक फुट पर आधारित एक लाइव वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है। इसमें प्रतिभागियों को डायबिटिक फुट की देखभाल एवं उपचार की हैंड्स ऑन टे्रनिंग दी जाएगी। यह प्रशिक्षण व्यावहारिक ज्ञान के दृष्टिकोण से अत्यंत लाभकारी रहेगा। डॉ अनुराग चौरसिया ने बताया कि सम्मेलन में देशभर से करीब 15-20 नेशनल स्पीकर्स व्याख्यान देंगे। साथ ही विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के मेडिसिन, सर्जरी और आर्थोपेडिकस विभाग के पीजी छात्रों द्वारा पोस्टर प्रेजेंटेशन भी किया जाएगा। यह एक शैक्षणिक आदान प्रदान का महत्वपूर्ण अवसर होगा। इसमें 6 घंटे वैज्ञानिक व्याख्यान और 2 घंटे लाइव वर्कशॉप शामिल होगा।