सपने धरासाई, पहले ऑडिटोरियम और अब 5.21 करोड़ में नीलाम हुआ अटल पार्क, अब देखना फ्री अंदर घुसे तो रुपए लगेंगे
लोगों को पहले सपना दिखाया और अब उसी सपने का नगर निगम ने नीलाम कर दिया। पहले ऑडिटोरियम बनाया। उसकी निलामी हुई। अब अटल पार्क बनाया। वह भी 5.21 करोड़ में नीलाम हो गया। जितना फ्री में घूमना था लोगों ने घूम लिया। अब इस विकास की कीमत चुकानी होगी। देखना फ्री रहेगा लेकिन अंदर जाने पर पैसे लगेंगे।

10 एकड़ में बना है अटल पार्क, नगर निगम के पास पहुंचते ही संचालन और संधारण के लिए टेंडर बुला लिया गया
ननि ने 1.16 करोड़ रुपए बेस प्राइज रखा था, 5 गुना ज्यादा लगी बोली
रीवा। पुर्नघनत्वीकरण योजना के तहत सिविल लाइन कालोनी में बने सरकारी बंगलों केा तोड़कर एक बड़ा पार्क बनाया गया था। यह करीब 10 एकड़ में फैला हुआ है। इस पार्क को जनता को समर्पित किया गया। इसके शुभारंभ में बड़ा जश्न का आयोजन हुआ था। बालीवुड के गायक को बुलाया गया था। पब्लिक भी खुश थी कि जनता को इतना बड़ा पार्क मिला लेकिन उनकी खुशी और सपनों की बोली लग गई और टेंडर भी फाइनल हो गया। पार्क 5.21 करोड़ में नीलाम हो गया है। एक महीने के अंदर ही सारी कार्रवाईयां पूरी कर ठेकेदार के अंडर में आ जाएगा। इसके बाद ठेकेदार अपने हिसाब से इसे चलाएगा। इस पार्क में इंट्री फ्री नहीं रहेगी। अंदर जाने और घूमने, समय बिताने के भी पैसे लगेंगे।
समदडिय़ा सातवें नंबर पर रहा, आराध्य श्रीराम प्राइवेट लिमिटेड ने अधिकत बोली लगाई
नगर निगम ने टेंडर निकाला था। बेस प्राइस 1.16 करोड़ रुपए रखा गया था। कई कंपनियों ने इस टेंडर में शामिल होने के लिए फार्म डाले थे लेकिन टर्म एंड कंडीशन ऐसी थी कि कईयों ने अपने पैर पीछे खींच लिए। अंतिम में सिर्फ मैदान में 8 कंपनियां ही रह गई। इनके बीच ही बोली लगनी शुरू हुई। पार्क पर कब्जे के लिए कंपनियां बोली पर बोली लगाती गई और अंति बोली जाकर 5 करोड़ 21 लाख में ठहरी। सबसे अधिक बोली आराध्य श्रीराम प्राइवेट लिमिटेड ने लगाई।
यह टेंडर पांच सालों के लिए हुआ है
अटल पार्क का टेंडर पांच सालों के लिए हुआ है। टेंडर प्रक्रिया के बाद अब ठेका कंपनी को अनुबंध करना होगा। अनुबंध की प्रक्रिया और अमानत राशि जमा करने के बाद ही अटल पार्क ठेका कंपनी को हैंडओव्हर कर दिया जाएगा। यह ठेका पांच साल के लिए किया गया है। इसमें ठेका कंपनी को सिर्फ पार्क ही नहीं इससे सटा कर बनी 22 दुकानें भी हैंडओव्हर की जाएंगी। इनका भी संचालन ठेका कंपनी ही कर सकेगी।
जानिए किसने कितनी बोली लगाई