निरीक्षण के दौरान भड़के डीएमई, सीनियर डॉक्टरों पर लगी पाबंदी, स्ट्रेचर अब मरीज को नहीं ब्वार्ड ब्वाय को होगा अलॉट

डीएमई शुक्रवार को रीवा पहुंचे। उन्होंने संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी का निरीक्षण किया। डीएमई ने डीन अधीक्षक को सख्त निर्देश दिए हैं कि डॉक्टर ड्यूटी पर 2.30 बजे तक मौजूद रहें। इसके पहले जाने वालों पर कार्रवाई करें। हर दिन की रिपोर्टिंग भी मांगी गई है। इसके अलावा मरीजों को आधारकार्ड पर स्ट्रेचर देने का सिस्टम खत्म करने को कहा है। अब स्ट्रेचर के साथ स्ट्रेचर ब्वाय तैनात किए जाएंगे। निरीक्षण में कई खामियां भी मिली। जिस पर नाराजगी जताई गई है।

निरीक्षण के दौरान भड़के डीएमई, सीनियर डॉक्टरों पर लगी पाबंदी, स्ट्रेचर अब मरीज को नहीं ब्वार्ड ब्वाय को होगा अलॉट

संचालक चिकित्सा शिक्षा ने किया अस्पताल का निरीक्षण, मचा हड़कंप
डॉक्टरों पर लगी पाबंदी, 2.30 बजे तक रहना अनिवार्य वर्ना गिरेगी गाज
संजय गांधी अस्पताल में भी कार्डियोलॉजी के मरीज भर्ती होंगे, 20 बेड स्वीकृत
रीवा। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में शामिल होने भोपाल संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ अरुण श्रीवास्तव पहुंचे थे। उन्होंने रीवा पहुंचने के बाद सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और संजय गाध्ंाी अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण में उन्हें कई खामियां मिली। इस पर डीएमई ने जमकर फटकार लगाई है। साथ ही कई व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। अस्पताल में डॉक्टरों के ड्यूटी समय पर नहीं रहने पर डीएमई नाराज हुए। उन्होंने डॉक्टरों की मनमानी पर लगाम लगाने सख्त निर्देश जारी किए हैं। डीन और अधीक्षक को जिम्मेदारी दी है। डीएमई ने स्पष्ट कर दिया है कि अब डॉक्टरों की मनमानी नहीं चलेगी। ड्यूटी समय पर अस्पताल में सेवाएं देनी होगी। इसके बाद भी वह प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकेंगे। इतना ही नहीं हर दिन की रिपोॢटंग भी मांगी गई है। डीएमई के तेवर देखकर सभी के होश उड़े हुए थे।


सुबह 8 से 2.30 बजे तक रहेंगे सीनियर डॉक्टर
डीएमई ने स्पष्ट कर दिया है कि सीनियर डॉक्टर सुबह 8 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक अस्पताल में रहेंगे। इसके बाद शाम को क्लीनिक भी संचालित करेंगे। वार्डों में पहुंच कर मरीजों का निरीक्षण भी करेंगे। ऐसा नहीं करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीन, अधीक्षक से हर दिन की रिपोर्ट मांगी गई है।


स्ट्रेचर ब्वाय दे दिया नाम, अब इनके नाम से अलॉट होंगे
डीएमई निरीक्षण के लिए सबसे पहले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में स्ट्रेचर की कमी थी। मरीज परेशान थे। मरीजों को स्ट्रेचर आधारकार्ड जमा कर दिया जा रहा था। इस पर डीएमई भड़क गए। उन्होंने तुरंत 60 स्टे्रचर खरीदने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अब एक स्ट्रेचर के साथ एक स्ट्रेचर ब्वाय तैनात रहेगा। स्ट्रेचर लेकर जाने और यहां जमा करने की जिम्मेदारी अब स्ट्रेचर ब्वाय की होगी। इसकी इंट्री भी वहीं करेंगे। हर समय स्ट्रेचर के पास 15 वार्ड ब्वाय तैनात करने के लिए कहा गया है। इन्हें स्ट्रेचर ब्वाय के नाम से ही जाना जाएगा।


मानसिक रूप से बीमार लोगों को मिलेगा सहारा
आए दिन अस्पताल में मानसिक रूप से बीमार लोगों को छोड़ दिया जाता है। इनके लिए किसी तरह की अस्पताल में व्यवस्थाएं नहीं रहती। इस मामले को भी डीएमई ने गंभीरता से लिया। डीएमई ने मानसिक रोग विभाग का निरीक्षण किया। उन्होंने एक वार्ड को ऐसे मरीजों के लिए चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। अब मानसिक रूप से बीमार मरीजों को मानसिक रोग विभाग में ही भर्ती किया जाएगा।
संजय गांधी अस्पताल में दिल के मरीजों को मिलेगा इलाज
अब दिल के मरीजों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। सुपर स्पेशलिटी में यदि रात के समय मरीज को भर्ती नहीं भी किया जाता है तो उनका इलाज रुकेगा नहीं। अब संजय गांधी अस्पताल के मेडिसिन में 20 बिस्तरों की व्यवस्था की जाएगी। यहां पर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के अंडर में 20 बेड में मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा। इसकी स्वीकृति डीएमई ने दे दी है।


गैलरी में भी लगेंगे बेड, होगा इलाज
ठंड में दिल के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों की संख्या के हिसाब से बेड कम पड़ जाते हैं। इस कमी को दूर करने के लिए कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ वीडी त्रिपाठी ने प्रस्ताव गैलरी में बेड लगाने का रखा था। इस पर भी डीएमई ने स्वीकृति दे दी है। प्रस्ताव मांगा गया है।


स्टोर में भर गया पानी खराब हो गई दवाइयां, भड़के डीएमई
संजय गांधी अस्पताल के बेसमेंट में दवा स्टोर को शिफ्ट किया गया है। स्टोर को शिफ्ट करने के पहले इसका मेंटीनेंस कराया गया था। इसके बाद दवा स्टोर को शिफ्ट किया गया था। इसके बाद भी स्टोर में पानी भर रहा है। इसके कारण कई दवाइयां खराब हो गई। इस पर डीएमई जमकर ठेकेदार पर भड़के। तुरंत इसमें सुधार के निर्देश जारी किए हैं।