रात 2 बजे घर छोड़कर भागे भाजपा नेता, घर के बाहर स्कार्पियों में काटी पूरी रात जानिए क्या थी वजह, भाजपा नेता के साथ ऐसा क्या हुआ!

एक वरिष्ठ भाजपा नेता जिनका बेटा भाजपा का जिला अध्यक्ष रह चुका । उन्हें रात 2 बजे अपना घर छोडऩा पड़ा। घर छोड़कर वह रातभर स्कार्पियों में ही बैठे रहे। उनके मदद को कोई नहीं आया। इसके बाद जब सुबह हुई और हालात सामान्य हुए तब वह स्कार्पियों से बाहर निकले और घर पहुंचे।

रात 2 बजे घर छोड़कर भागे भाजपा नेता, घर के बाहर स्कार्पियों में काटी पूरी रात जानिए क्या थी वजह, भाजपा नेता के साथ ऐसा क्या हुआ!

नेहरू नगर में रात 2 बजे लोगों के घरों में घुसा बारिश का पानी

घर हुआ जलमग्न, कहीं सोने तक की नहीं बची जगह तो भाजपा नेता गाड़ी में सोने चले गए

रीवा। शुक्रवार को हुई बारिश ने नेहरू नगर में रहने वालों की रातों की नींद उड़ा दी। रात 2 बजे लोगों के घरों में जैसे ही पानी घुसना शुरू हुआ। चींखपुकार मच गई। घर का कहीं कोना ऐसा नहीं बचा कि कोई सुरक्षित रह सके। बिस्तर पर लोगों ने कपड़े आदि रखकर उन्हें बचाने की कोशिश की। ऐसे में लोगों के सामने सोने तक की जगह नहीं थी। घर पूरा न डूब जाए इस डर से भी लोगों की आंखों से नींद गायब हो गई। इन बाढ़ और बदइंतजामी का शिकार भाजपा के वरिष्ठ नेता भी हुए। उनके घर में पानी भर गया। पूरा सामान खराब हो गया। उन्हें घर तक रात में छोडऩा पड़ा। वह रात में ही घर छोड़ कर सीधे अपनी स्कार्पियों में पहुंच गए और रात वहीं बिताई। 

यह भाजपा नेता कोई और नहीं पूर्व मंडी अध्यक्ष राम सिंह हैं। इनके बेटे अजय सिंह पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। इनका भी घर नेहरू नगर में है। इन्हें भी इस बारिश और बाढ़ का दंश झेलना पड़ा लेकिन सत्ता में हैं तो किसी के खिलाफ उंगली भी  नहीं उठा सकते। सरकार खुद की है। इसलिए इस बदइंतजामी की मार झेल कर भी चुप रह गए। ऐसा सिर्फ भाजपा नेता राम सिंह के साथ नहीं हुआ।  नेहरू नगर में कई लोगों के घरों में पानी भर गया। लाखों रुपए के कीमती सामान सब बर्बाद हो गए। खाने का राशन तक कईयों के घरों में नहीं बचा। दुकानदारों ने घरों में माल स्टाक कर रखा था। किसी ने राशन रखा था तो किसी  ने अन्य दूसरे सामान स्टॉक कर रखे थे। बारिश के पानी ने सब बर्बाद कर दिया। यह समस्या सालों से सली आ रही है लेकिन नगर निगम इस समस्या का समाधान निकालने में फेल हो गया। अब तक लोगों को बारिश में बाढ़ से राहत नहीं मिल पाई है। यहां करोड़ों रुपए की लागत से नाला निर्माण की स्वीकृति मिली। उससे भी कोई फायदा नहीं हुआ। करोड़ों रुपए का काम सब बेकार चला गया। नेहरू नगर में बाढ़ की समस्या से लोगों का यहां रहना तक मुश्किल हो गया है। यहां कई बड़े अधिकारी और नेता भी रहते हैं लेकिन कोई इस समस्या का निराकरण नहीं करा पाया। जरा आप सोचिए कि अचानक रात 2 बजे आपका घर बारिश के पानी से लबालब हो जाए तो आपकी कैसी स्थिति होगी। नेहरू नगर के  लोग हर साल ऐसी की परिस्थिति से गुजरते आ रहे हैं लेकिन अधिकारियों को लोगों की यह समस्या नजर ही नहीं आ रही। वह तो गनीमत रही कि इन्द्र देव मेहरबान हो गए। मौसम खुल गया वर्ना नेहरू नगर का टापू बनना तय था। यहां लोगों को आने जाने के लिए वोट चलानी पड़ती। इस बाढ़ और जलभराव के हालात देखने के बाद भी यदि अब भी अधिकारियों की आंख नहीं खुली तो जनता को ही ठोस कदम उठाना होगा। तभी कुछ संभव होगा।