आखिर ये गरीब जाएं कहां, रोजी रोटी भी छीन रहा रीवा का नगर निगम, दुकान बंद कर धरने पर बैठे फूल, पूजा सामग्री विके्रता
चिरहुला मंदिर के सामने सड़क पर दुकान सजाने वालों पर नगर निगम ने जेसीबी चला दी। दुकानदार सड़क पर आ गए हैं। रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है। परिवार का लालन पालन मुश्किल हो गया है। नगर निगम की कार्रवाई के विरोध में फूल और पूजा सामग्री विक्रेता सड़क पर उतर आए हैं। दुकान बंद कर नगर निगम की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर चिरहुला मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी। भक्तों को दुकानें बंद होने से प्रसाद आदि खरीदने में परेशानियों का सामना करना पड़ा।

गुरु पूर्णिमा के एक दिन पहले ही नगर निगम ने उजाड़ दी दुकान
महापौर को ज्ञापन सौंप कर प्रभावित दुकानदारों ने मांगी जगह
रीवा। नगर निगम ने चिरहुला मंदिर के सामने छोटी छोटी दुकानें लगाकर गुजर बसर करने वालों की रोजी रोटी पर जेसीबी चला दी। दुकानों को तहस नहस कर दिया गया। नगर निगम की इस कार्रवाई ने कई लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा कर दिया है। यह सारी कार्रवाई गुरु पूर्णिमा के एक दिन पहले की गई। इस कार्रवाई केविरोध में गुरुवार को सभी दुकानदारों ने विरोध स्वरूप दुकानें ही बंद कर दी। नगर निगम की कार्रवाई के विरोध में सभी दुकानादारों ने हड़ताल शुरू कर दी है। दुकानदारों का कहना है कि नगर निगम जब चाहती है तभी कार्रवाई कर देती है। पन्नी लगाकर दुकानें सजाए हुए थे। उसे भी नगर निगम तोड़ गए। दुकानदारों का कहना है कि सड़क पर ही दुकान लगाकर परिवार का भरण पोषण करते थे। दुकान भी नगर निगम से नहीं मिली है। ऐसें में अब वह बच्चों को लेकर कहां जाएं। उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया। दुकान उजाड़े जाने से नाराज फूल विक्रेताओं ने महापौर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है। दुकान आवंटित किए जाने की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम की कार्रवाई का विरोध करते हुए सभी दुकानदारों ने दुकानें बंद रखी। दुकानों के बाहर बैठ कर विरोध प्रदर्शन करते रहे। नगर निगम की इस कार्रवाई का कांग्रेस की महिला मोर्चा पदाधिकारी ने भी विरोध किया है। अब समस्या यह है कि जिस कार्रवाई का कांग्रेस की महिला पदाधिकारी विरोध कर रही हैं, वह नगर निगम ने की है। नगर सरकार कांग्रेस की है और महापौर भी उन्हीं का है। ऐसे में नगर सरकार इस कार्रवाई को खुद ही रोक सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कांग्रेस अब असमंजस की स्थिति में है। वैसे भी इस समय रीवा को इंदौर बनाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए शुरुआत गरीब और असहायों को उजाडऩे से किया जा रहा है। अब तक अतिक्रमण पर कार्रवाई तो समझ में आ रही थी लेकिन बिना व्यवस्था के दुकानदारों केा बेसहारा कर देना समझ से परे हैं। इसी कमाई से ही कईयों का परिवार चलता है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कई घर जुड़े हुए हैं। इन सब की दुकान पर ही जेसीबी चला दी गई। और यह सारी कार्रवाई गुरु पूर्णिमा से एक दिन पहले की गई। मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगती है। लोगों को उम्मीद थी कि भीड़ से उनकी खूब कमाई होगी लेकिन इस पर भी नगर निगम ने पानी फेर दिया। मंदिर पहुंचने वाले लोगों को भी दुकानें बंद होने से परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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चिरहुला मंदिर में तीन मेला लगता है। यह प्रसिद्ध मेला यहां लगता है। इसके पहले ही नगर निगम ने सब की दुकानें उजाड़ दीं। चिरहुला मंदिर में आए दिन अतिक्रमण होता है। हम लोग बाहर पन्नी छाया के लिए लगाए हुए हैं। हम किराया दुकान की देते हैं। आज तक रजिस्ट्री नहीं हुई है। नगर निगम जब चाहता है आकर हटा देता है।
राजकुमार गुप्ता
दुकानदार, चिरहुला मंदिर
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नगर निगम को दुकान हटाने के पहले बताना था। बिना बताए ही हटा दिया गया। हमें दुकान नहीं मिली है। मड़ैया बनाकर रहते हैं। जाएं तो जाएं कहां। बाल बच्चे कैसे पालें। हमें दुकान नहीं दी गई हैं तो कहां जाएं। पन्नी लगाकर रह रहें हैं कहां जाएं। नगर निगम से हमारी मांग है कि दुकान दी जाए।
महिला दुकानदार
चिरहुला मंदिर
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नगर निगम से हम प्रताडि़त है। नगर निगम बिना सूचना के ही कार्रवाई करके चली जाती है। किसी तरह का नोटिस नहीं देती। आकर 10 मिनट में तोडफ़ोड़ करते हैं और सारा सामान लेकर चले जाते हैं। नगर निगम छाया का इंतजाम करता नहीं। पन्नी, टेन शेड उखाड़ ले जाते हैं। जहां पार्किंग थी। वहां नगर निगम ने दुकान बना दी। अब सारी गाडिय़ां अंदर घुसती हैं तो अव्यवस्था होती है।
सतीश गुप्ता
दुकानदार, चिरहुला मंदिर