काम करते हुए सरकार के खिलाफ जताया गुस्सा, डाकघर कर्मचारियों ने मौन रखा और हाथों काली पट्टी बांध कर किया काम
संभागीय डाकघर कार्यालय में कर्मचारी संघ ने विरोध प्रदर्शन किया। काली पट्टी बांध कर काम करते हुए कर्मचारी संगठन ने विरोध जताया। कर्मचारी अपनी 41 सूत्रीय मांगों को लेकर यह प्रदर्शन कर रहे हैं। सभी संभागीय मुख्यालयों में डाक विभाग के तीन संगठन एक साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि इस प्रदर्शन से विभागीय कार्य प्रभावित नहीं किया जा रहा है। काम करते हुए यह प्रदर्शन डाक विभाग के कर्मचारी कर रहे हैं।
रीवा। संभागीय डाकघर कर्मचारी संघ के लालजी गौतम ने बताया कि उनकी 41 प्रमुख मांगे हैं। सरकार से इन मांगों को पूरा करने की मांग की जा रही है। लोगों का नुकसान न हो इसके लिए वह काम बंद प्रदर्शन नहीं कर रहै। काम करते हुए अपनी मांगे के लिए सरकार से लड़ाई लड़ी जा रही है। मंगलवार को भारतीय डाकघर कर्मचारी संघ, एमपीएस और जीडीएस तीनों संगठन एक साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हाथों में काली पट्टी बांध कर काम कर रहे हैं। संभागीय कार्यालय के बाहर मांगों को लेकर कर्मचारियों ने पहले आवाज बुलंद की। हाथों में काली पट्टी बांधे हुए ही विभागों में पहुच कर कर्मचारी संगठनों ने काम किया। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होंगी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
यह है प्रमुख मांगे
डाक विभाग के कर्मचारियों की 41 सूत्रीय मांगे हैं। इसमें प्रोत्साहन कार्यों और इनडोर स्टाफ को टार्गेट देने की प्रक्रिया बंद की जाए। डेली लॉगिन डे की प्रताडऩा रोकी जाए। 8वें वेतन आयोग में देरी के कारण 50 प्रतिशत महंगाई भत्ते को मूल वेतन में समाहिक किया जाए। पूर्व सैनिकों के वेतन निर्धारण को नियमानुसार सुनिश्चित करने, जीडीएस कर्मचारियों को दोहरे कर्तव्यों से मुक्त किया जाने, जीडीएस के लिए 5 लाख बीमा और 5 लाख ग्रेच्युटी सीमा लागू करने, जीडीएस, एसडीबीएस की सीमा बढ़ाने, जीडीएस कर्मचारियों के लिए 10 लाख तक का मेडिकल बीमा देने, सभी एलएसजी, एचएसजी 2, एचएसजी1 पदों पर कार्यवाहक नियुक्तियों को नियमित किया जाए। एमएमएस को समाप्त करने की योजना को वापस लिये जाने, पोस्टमैन ड्यूटी जोडऩे की प्रक्रिया बंद करने और सभी रिक्त पदों को भरने, एडी के 4 पदों को एचएसजी 1 अधिकारी से भरने, वरिष्ठ लेखाकाों को 10 फीसदी सीनियरिटी कोटा के तहत एएओ पद पर पदोननति देने, एचएसजी अधिकारियेां के प्रशासनिक अधिकारों को स्पष्ट रूप से प्रकाशित करने, विलय के बाद पीएम कैडर के अधिकारियों को सही पालन करने , एचएसजी 1 एनएफजी पदों पर की संख्या 10 फीसदी बढ़ाए जाने सहित अन्य मांगें शामिल हैं।